दुर्ग : बीजेपी 6 अप्रैल को अपना स्थापना दिवस मना रही है.6 अप्रैल 1980 के दिन बीजेपी की स्थापना की गई थी. आज 44वें साल में प्रवेश कर रही बीजेपी के लिए बीते दशक किसी स्वर्णिम युग से कम नहीं रहे हैं.मौजूदा परिवेश की बात करें तो बीजेपी लोकसभा चुनाव में 370 और गठबंधन के साथ 400 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा करती नजर आ रही है.
कैसे स्थापित हुई बीजेपी ?: साल 1948 में जब महात्मा गांधी की हत्या हुई तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने हिंदू महासभा से इस्तीफा दे दिया था.इसके बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 को संघ के सहयोग से बीजेएस यानी भारतीय जनसंघ का गठन किया. मुखर्जी की मौत के बाद उपाध्यक्ष चंद्रमौली शर्मा को जनसंघ का अध्यक्ष बनाया गया.इसके बाद प्रेमचंद डोगरा, आचार्य डीपी घोष, पीतांबर दास, रघुवीरा और बच्छरास दास ने जनसंघ की कमान संभाली. 1966 में बलराद मधोक और फिर 1967 में दीनदयाल उपाध्याय जनसंघ के अध्यक्ष बने. फिर 1972 में अटल बिहारी वाजपेयी और 1977 में लालकृष्ण आडवानी अध्यक्ष बने. लेकिन 1977 में जनसंघ का अस्तित्व खत्म कर दिया गया.
क्यों खत्म हुआ जनसंघ ? : 1977 में जनसंघ का अस्तित्व खत्म किया गया.क्योंकि पहली बार देश में गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी.ऐसे में जनता पार्टी की सरकार में शामिल होने के लिए ये शर्त रखी गई कि पार्टी को विलय करना होगा.जनता संघ की ओर से आडवाणी सूचना एवं प्रसारण मंत्री बने.अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने.लेकिन आपसी खींचतान के कारण 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार चौधरी चरणसिंह ने गिरा दी. इसके बाद जनसंघ से जुड़े नेताओं को नई पार्टी की स्थापना करने की जरुरत महसूस हुई.इसके बाद 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ.6 अप्रैल का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 6 अप्रैल 1930 में महात्मा गांधी ने डांडी यात्रा के बाद नमक बनाकर काला कानून तोड़ा था.
भिलाई में हुआ कार्यक्रम : बीजेपी के स्थापना दिवस के अवसर पर भिलाई के सुपेला बीजेपी दफ्तर में कार्यक्रम का आयोजन हुआ.इस दौरान बीजेपी नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस दौरान लोकसभा सांसद विजय बघेल ने कहा कि 44 साल में भारतीय जनता पार्टी ने कई उतार चढ़ाव देखे हैं.पिछले दस साल से मोदी की अगुवाई में बीजेपी की सरकार चल रही है.
'' निरंतर मोदी जी की सरकार चल रही हैं. विश्व के शिखर में ले जाने में सरकार सक्षम साबित हुई है.इससे पहले प्रथम अध्यक्ष स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी भी देश के प्रधानमंत्री रहे.उनकी कार्यकुशलता के कारण देश आगे बढ़ता रहा. इस काम को आगे बढ़ाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. हम लोगों ने फिर से एक बार मोदी सरकार और अबकी बार 400 पार का नारा देकर संकल्प लिया है.'' विजय बघेल, सांसद प्रत्याशी दुर्ग
बीजेपी का इतिहास : आपको बता दें कि संयुक्त मोर्चा की दो सरकारों के बाद मध्यावधि चुनाव के लिए एनडीए का गठन हुआ. बीजेपी को 182 सीटें मिली.जिसके बाद वाजपेयी पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने .लेकिन 13 महीने बाद ही वाजपेयी की सरकार गिर गई.इसके बाद 1999 में फिर बीजेपी की सरकार बनी.इस बार एनडीए को 303 सीटें मिली. फिर से वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार पांच साल चली.लेकिन साल 2004 में बीजेपी को 138 सीटें ही मिली. इसके बाद 2009 लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई में बीजेपी की सीटें घटकर 119 रह गईं. लेकिन इसके बाद 2014 में मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया. इस बार बीजेपी को 283 सीटें मिली. इसके बाद 2019 चुनाव में बीजेपी ने 300 से ज्यादा सीटें जीतकर इतिहास रचा. एनडीए ने 350 से ज्यादा सीटें जीती.इस बार बीजेपी गठबंधन 400 पार का नारा दे रहा है.