लखनऊ: दो दिन दिल्ली में मंथन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहली सूची जारी कर दी है. भाजपा मुख्यालय पर हुए मंथन के बाद प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर से वाराणसी से उम्मीदवार होंगे. भाजपा ने पहली लिस्ट में 195 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. इसमें यूपी की 51 लोकसभा सीट भी शामिल हैं, जिन पर पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है.
किसको कहां से उतारा
वाराणसी- पीएम मोदी
लखनऊ- राजनाथ सिंह
चंदौली - महेंद्रनाथ पांडेय
मथुरा- हेमा मालिनी
अमेठी- स्मृति इरानी
सीतापुर- राजेश वर्मा
मुजफ्फरनगर - संजीव बालियान
झांसी- अनुराग शर्मा
बांदा -आरके सिंह पटेल
आगरा- सत्यपाल बघेल
खीरी -अजय मिश्र
हरदोई- जयप्रकाश रावत
कन्नौज -सुब्रत पाठक
फैजाबाद- लल्लू सिंह
कैराना -प्रदीप कुमार
गौतमबुद्ध -नगर महेश शर्मा
इटावा -रमाशंकर कठीरिया
जौनपुर -कृपाशंकर सिंह
गोरखपुर -रवि किशन
आजमगढ़ -दिनेश लाल यादव निरहुआ
फतेहपुर -निरंजन ज्योति
फतेहपुर -सीकरी राजकुमार चाहर
कुशीनगर -विजय कुमार दूबे
आंबेडकरनगर -रितेश पाण्डेय
नगीना - ओमकुमार
रामपुर - घनश्याम लोधी
संभल - परमेश्वर सैनी
बुलंदशहर- डॉ. भोला सिंह
एटा- राजवीर सिंह
आंवला- धर्मेंद्र कश्यप
शाहजहांपुर - अरुण कुमार सागर
धौरहरा- रेखा वर्मा
उन्नाव - साक्षी महाराज
मोहनलालगंज- कौशल किशोर
सलेमपुर- रविंद्र कुशवाहा
लालगंज- नीलम सोनकर
हमीरपुर- पुष्पेंद्र चंदेल
जालौन- भानु प्रताप वर्मा
श्रावस्ती - साकेत मिश्रा
गोंडा- कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राज भैया
बस्ती- हरीश द्विवेदी
संतकबीरनगर- प्रवीण निषाद
बांसगांव- कमलेश पासवान
डुमरियागंज- जगदंबिका पाल
महाराजगंज- पंकज चौधरी
अमरोहा- कंवर सिंह तंवर
मिश्रिख- अशोक कुमार रावत
प्रतापगढ़ - संगम लाल गुप्ता
फर्रुखाबाद- मुकेश राजपूत
अकबरपुर- देवेंद्र सिंह भोले
बाराबंकी- उपेंद्र सिंह रावत
डॉ. रामशंकर कठेरिया पर फिर जताया भरोसा : इटावा भाजपा ने इटावा लोकसभा सीट से फिर से प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया को प्रत्याशी घोषित किया है. 2019 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कमलेश कठेरिया को करीब 65 हजार मतों से हराकर इटावा लोकसभा सीट पर काबिज हुए थे.
इटावा लोकसभा सीट दो बार से लगातार भाजपा के खाते में जा रही है. 2014 पर इसी सीट से भाजपा ने अशोक दोहरे को चुनाव मैदान में उतारा था. 2014 की मोदी लहर में अशोक दोहरे ने समाजवादी पार्टी के निवर्तमान इटावा लोकसभा से सांसद रहे प्रेमदास कठेरिया को चुनाव हराकर भाजपा ने 1998 के बाद समाजवादी पार्टी के गढ़ में सेंधमारी करके किला ढहाने का काम किया था.
2014 लोकसभा का कार्यकाल गुजरने के बाद भाजपा सांसद अशोक दोहरे अपनी पकड़ जनता में नही बना सकें साथ ही पार्टी ने भी उन पर दोबारा विश्वाश नहीं जताया. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी को बदलकर आगरा से 2019 तक निवर्तमान सांसद रहे प्रो. रामशंकर कठेरिया को इटावा से लोकसभा से 2019 में पहली बार चुनाव लड़ाया.
रामशंकर कठेरिया ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कमलेश कठेरिया को हराकर भारतीय जनता पार्टी का झंडा बुलंद रखा. इटावा लोकसभा में रामशंकर कठेरिया जनता के बीच अपनी पकड़ बनाने में कामयाब रहे. परिणामस्वरूप पार्टी के सर्वे में रामशंकर कठेरिया फिट बैठे और पहली ही लिस्ट में रामशंकर कठेरिया को दोबारा से इटावा लोकसभा का प्रत्याशी घोषित किया गया.
कमलेश कठेरिया को 64359 वोटों से हराया था 2019 के लोकसभा चुनाव में रामशंकर कठेरिया ने समाजवादी पार्टी और बसपा के गठबंधन प्रत्याशी कमलेश कठेरिया को 64359 वोटों से हराया था. उन्हें कुल 522119 मिले थे. 2019 के इस चुनाव में सबसे खास बात ये रही थी कि 2019 के निवर्तमान भाजपा सांसद को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था. इसमें उनकी जमानत तक जब्त हो गई थी.
लोकसभा गोंडा से कीर्तिवर्धन सिंह तीसरे बार बने प्रत्याशी : गोंडा संसदीय सीट से कीर्तिवर्धन सिंह को टिकट दिया गया.कीर्तिवर्धन सिंह को भाजपा ने तीसरी बार टिकट दिया है. भाजपा के टिकट पर 2 बार सांसद कीर्तिवर्धन सिंह जीत दर्ज किया है. कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया मनकापुर स्टेट राजघराने से हैं.
इनके पिता कुंवर आनंद सिंह उर्फ अन्नू भैया है जो सांसद, सपा सरकार में पूर्व कैबिनेट कृषि मंत्री रहे हैं. कीर्तिवर्धन सिंह दो बार से लगातार गोंडा से सांसद हैं. 2019 लोकसभा के चुनाव में बीजेपी सांसद कीर्तिवर्धन सिंह ने 508190 वोट पाकर समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी रहे स्व. विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह को 166360 मतों से हरा करके जीत हासिल की थी.
बुलंदशहर से तीसरी बार डाॅ. भोला सिंह : लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा हाईकमान ने लगातार तीसरी बार बुलंदशहर लोकसभा में कमल खिलाने की जिम्मेदारी सांसद भोला सिंह को दी है. पिछले लोकसभा चुनाव में भोला सिंह ने 2.90 लाख मतों से जीत दर्ज की थी.
पिछले दो चुनावों की तरह इस बार भी पार्टी को उम्मीद है कि जिले में कमल खिलाने में भोला सिंह सफल होंगे. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भोला सिंह ने 6.81 लाख वोट हासिल करते हुए 2.90 लाख के बड़े अंतर से बसपा के योगेश वर्मा को हराया था.
झांसी–ललितपुर सीट से अनुराग शर्मा फिर से मैदान में : झांसी-ललितपुर लोकसभा सीट से सांसद अनुराग शर्मा पर भाजपा ने दोबारा भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है. अनुराग शर्मा ने 3.65 लाख से अधिक वोटों से 2019 रिकॉर्ड जीत हासिल की थी. अनुराग शर्मा का नाम बड़े उद्योगपतियों में शामिल है. उनके नाम की घोषणा होने के बाद सांसद अनुराग शर्मा ने सोशल मीडिया पर मैसेज पोस्ट किया, लिखा कि पुनः आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध.
अनुराग शर्मा बैद्यनाथ ग्रुप के मालिक हैं. उनको पहली बार 2019 में भाजपा ने टिकट दिया था. उससे पहले उमा भारती इस सीट से सांसद थीं. अनुराग शर्मा के पिता विश्वनाथ शर्मा भी दो बार सांसद रहे. एक बार झांसी और दूसरी बार हमीरपुर से वह सांसद चुने गए थे. अनुराग शर्मा का पिछले कार्यकाल बिलकुल बेदाग रहा.
रामपुर से लड़ेंगे घनश्याम लोधी : उत्तर प्रदेश की हॉट सीटों में एक है रामपुर. यहां कभी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का जलवा हुआ करता था. 2019 के पिछले लोकसभा आम चुनाव में यहां से आजम खान ही सांसद चुने गए थे लेकिन अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद उनकी सदस्यता चली गई. उपचुनाव में रामपुर से घनश्याम सिंह लोधी ने भाजपा का झंडा लहराया.
भारतीय जनता पार्टी की पहली सूची में उनका नाम शामिल हैं. घनश्याम सिंह लोधी वर्ष-1992 से वर्ष-1998 तक भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे. वर्ष-1999 में भाजपा को छोडकर बहुजन समाज पार्टी की सदस्ता ग्रहण कर रामपुर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहते हुये तृतीय स्थान पर रहे. इसके बाद वर्ष-2004 में बहुजन समाज पार्टी को छोडकर राष्ट्रीय क्रान्ति पार्टी समर्थित एमएलसी रहे.
राष्ट्रीय क्रान्ति पार्टी छोड़कर वर्ष 2009 में फिर से वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए. रामपुर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे. वह तीसरे स्थान पर रहे. वर्ष 2010 में बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी की सदस्ता ग्रहण की. वर्ष-2016 में सपा समर्थित स्थानीय प्राधिकरण रामपुर-बरेली क्षेत्र से एमएलसी रहे. वर्ष-2022 जनवरी में समाजवादी पार्टी को छोड़कर भाजपा की सदस्ता ग्रहण की.
रामपुर में उपचुनाव में घनश्याम सिंह लोधी प्रत्याशी घोषिता किए गए. वह समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को हराकर सांसद चुने गए. घनश्याम सिंह लोधी सीधे-साधे सरल स्वभाव के जमीन से जुड़े नेता हैं. उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.
अंबेडकर नगर से रितेश पांडेय होंगे प्रत्याशी : अंबेडकर नगर से 2019 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर सांसद बने रितेश पांडेय को भारतीय जनता पार्टी ने पहली ही सूची में टिकट से नवाजा है. दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख नृपेंद्र मिश्र के बेटे साकेत मिश्रा को भी टिकट से नवाजा गया है. वह भारतीय जनता पार्टी के पहले से ही एमएलसी हैं. कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी 2019 में इन दोनों सीटों पर हार गई थी. ऐसे में अब पार्टी के लिए जरूरी हो गया था कि इन दोनों सीटों पर मजबूत प्रत्याशी उतारे जाएं.
रितेश पांडेय के पिता राकेश पांडेय समाजवादी पार्टी के विधायक हैं. हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में उन्होंने क्रॉस वोटिंग करके भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया था. राकेश पांडेय अंबेडकर नगर की जलालपुर सीट से विधायक हैं. अब दोनों पिता-पुत्र मिलकर भारतीय जनता पार्टी के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में बैटिंग करेंगे.
संतकबीरनगर ने दूसरी बार मैदान में प्रवीण निषाद : संत कबीर नगर जिले से लगातार दूसरी बार इंजीनियर प्रवीण निषाद को भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. इंजीनियर प्रवीण निषाद वह भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के बेटे हैं. उनके पिता निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
निषाद पार्टी का भाजपा के साथ गठबंधन है. इंजीनियर प्रवीण निषाद सीएम सिटी गोरखपुर से सपा से उपचुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. इसके बाद 2019 में भाजपा के साथ गठबंधन करके संत कबीर नगर सीट से लोकसभा उम्मीदवार बने थे और जीत हासिल की थी. उन्होंने हरिशंकर तिवारी के बेटे भीष्म शंकर और कुशल तिवारी को भारी मतों से करारी हार दी थी.
शामली के कैराना से फिर से मैदान में प्रदीप चौधरी : बीजेपी ने कैराना लोकसभा सीट पर वर्तमान सांसद प्रदीप चौधरी पर एक बार फिर भरोसा जताया है. उनहें यहां से प्रत्याशी घोषित किया है. पिछले चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी तब्स्सुम हसन को हराकर जीत हासिल की थी.
इस बार उनका मुकाबला मां के बजाय, बेटी इकरा हसन से है. सपा ने समाजवादी पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित किया गया है. प्रदीप चौधरी सहारनपुर जिले के गंगोह क्षेत्र के गांव दूधला के रहने वाले हैं. उनका जन्म 10 मार्च 1969 को हुआ था.
फर्रुखाबाद में सांसद मुकेश राजपूत पर भाजपा ने फिर खेला दांव : फर्रुखाबाद जिले में कुछ दिनों से चल रही कई तरह की अटकलें पर विराम लगाते हुए भाजपा ने लोकसभा चुनाव में फिर से लोधियों के बड़े चेहरे सांसद मुकेश राजपूत पर ही दांव लगाया है. वह भाजपा से चौथी बार लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे. इससे पहले वह 2004 में भी भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े थे. तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार जी दर्ज की.मीडिया से बात करते हुए पार्टी प्रत्याशी व सांसद मुकेश राजपूत ने दावा किया कि पूरी कानपुर कमिश्नरी में फर्रुखाबाद जिले से भाजपा की सबसे बड़ी जीत होगी.
कन्नौज से सुब्रत पाठक चौथी बार बने उम्मीदवार : छात्र राजनीति से सियासी सफर शुरू करने वाले सांसद सुब्रत पाठक एक बार फिर से पार्टी का विश्वास जीतने में कामयाब हुए हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराने वाले सुब्रत पाठक को भाजपा ने फिर से कन्नौज लोकसभा सीट से टिकट दिया है.
सुब्रत पाठक को भाजपा ने लगातार चौथी बार कन्नौज लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. सुब्रत पाठक ने कहा कि कन्नौज लोकसभा की जनता के प्यार और समर्थन के कारण यह संभव हो सका है. छात्र राजनीति के बाद सुब्रत पाठक भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए.
वर्ष 2019 की लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी व तत्कालीन सांसद डिंपल यादव को चुनाव में हराकर भाजपा सांसद सुबह पाठक मीडिया की सुर्खियों में छाए रहे. सुब्रत पाठक को भाजपा ने सबसे पहले वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनाया था, तब वह समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव से हार गए थे.
वर्ष 2014 में फिर से भाजपा ने सुब्रत पाठक पर विश्वास जताते हुए कन्नौज संसदीय सीट से टिकट दिया उस दौरान समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही डिंपल यादव ने सुब्रत पाठक को हरा दिया. वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा ने फिर से विश्वास जताते हुए कन्नौज लोकसभा सीट से सुब्रत पाठक को भाजपा का उम्मीदवार बनाया. इस बार इतिहास रचते हुए सुब्रत पाठक ने 2014 की हार का बदला लेते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की.
74 पर खुद लड़ेगी BJP; अपना दल-RLD और दूसरे सहयोगी दलों को 6 सीटें: भारतीय जनता पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर लगभग मुहर लगा दी है. बस इसकी औपचारिक घोषणा होना बाकी है. यूपी में भाजपा अपने सहयोगी दलों के लिए 6 सीट छोड़ सकती है. बाकी 74 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे. सूत्रों का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल को दो सीट, अपना दल (एस) को दो सीट, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी व निषाद पार्टी के लिए एक-एक सीट देने पर सहमति जताई है.
सपा तीन लिस्ट में उतार चुकी है 32 उम्मीदवार: समाजवादी पार्टी ने भाजपा से पहले ही लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. सपा ने अब तक तीन लिस्ट में 32 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. पहली सूची में अखिलेश यादव ने 16 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे. इसके कुछ दिन बाद दूसरी लिस्ट में 11 और तीसरी में 5 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर चुकी है. इसमें शिवपाल यादव बदायूं से, मैनपुरी से डिंपल यादव, गाजीपुर से अफजाल अंसारी, फिरोजाबाद से अक्षय यादव जैसे कई नाम शामिल हैं.
भाजपा ने पहली लिस्ट में 47 उम्मीदवार रिपीट किए: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 51 सीटों पर जो उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें से 47 वही उम्मीदवार हैं जो 2019 में भी भाजपा से दावेदारी ठोक रहे थे. भाजपा अब 23 उम्मीदवारों की घोषणा और करेगी. बाकी छह उम्मीदवार सहयोगी दलों के होंगे. बचे हुए 23 उम्मीदवारों में भाजपा बड़ा परिवर्तन करेगी.
सूची में मेनका-वरुण का नाम नहीं: पहली सूची में उत्तर प्रदेश से कई हाई प्रोफाइल सीटों के नाम गायब हैं. जिसमें प्रमुख है पीलीभीत, जहां से वर्तमान में वरुण गांधी सांसद हैं, वहीं दूसरी सीट है सुलतानपुर सीट जहां से मेनका गांधी सांसद हैं. दोनों मां बेटा की बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से बन नहीं रही है. वरुण गांधी तो लगातार केंद्र और प्रदेश की अपनी ही सरकार की नीतियों का विरोध करते रहते हैं.
बदायूं सीट पर फंसा पेंच: तीसरी सीट की बात करें तो वो है बदायूं लोकसभा सीट, यहां से अभी सांसद हैं संघमित्रा मौर्य, जो प्रदेश के बड़े बड़बोले नेताओं में शूमार स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं. स्वामी प्रसाद ने हाल ही में अपनी पार्टी लॉन्च किया है. जिसके बाद से उनकी सींट पर भी पेंच फंसी है.
रीता बहुगुणा का नाम भी सूची में नहीं: वहीं चौथी सीट इलाहाबाद की है जहां से मौजूदा समय में डॉ.रीता बहुगुणा जोशी सांसद हैं. रीता बहुगुणा जोशी को हाल ही में लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में छह माह कारावास की सजा सुनाई है.