सरगुजा :छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 11 में से 10 लोकसभा सीटें जीती हैं.लेकिन दो तीन प्रत्याशियों को छोड़कर बाकी की सीटें जीतने में बीजेपी को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा. सरगुजा की यदि बात करें तो चिंतामणि महाराज चुनाव जीतकर दिल्ली तो पहुंच गए,लेकिन विधानसभा में जिस तरह से बीजेपी ने सरगुजा में क्लीन स्वीप किया था,उसका असर कम ही देखने को मिला. 8 में से सिर्फ रामानुजगंज विधानसभा से बीजेपी उम्मीदवार को लीड मिली.जिसे कृषि मंत्री रामविचार नेताम का कमाल कहा जाए तो गलत ना होगा.इसके अलावा महिला एवं बाल विकास मंत्री के क्षेत्र से भी उतने वोट नहीं मिले जितनी उम्मीद थी.
पिछली बार के मुकाबले लीड हुई कम : रामानुजगंज सीट से रामविचार नेताम ने 39 हजार की और लुंड्रा से 11 हजार की लीड नहीं मिलती तो बीजेपी को शायद सरगुजा लोकसभा सीट हाथ से गंवानी पड़ती. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 1 लाख 57 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीती थी, तब जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और कुछ महीने पहले हुए 2018 के विधानसभा चुनाव में 8 सीट पर कांग्रेस का कब्जा था. लेकिन 2023 विधानसभा चुनाव में 8 सीट पर बीजेपी के विधायक बड़े अंतर से जीते, 8 सीटों पर बीजेपी को 1 लाख 72 हजार 725 मतों की लीड मिली थी. लेकिन 2024 की लोकसभा में ये लीड कम हो गई.चिंतामणि महाराज महज 64 हजार 582 मतों से ही चुनाव जीत सके.
रामानुजगंज में मिली लीड : विधानसभा चुनाव की तुलना में अकेले रामानुजगंज विधानसभा से ही बीजेपी को लीड मिली है. इसका कारण मंत्री राम विचार नेताम का प्रभाव और उनकी मेहनत को माना जा सकता है.ये भी कहा जा सकता है कि कांग्रेस से निष्कासित और नाराज बृहस्पति सिंह भी इसका एक कारण हो सकते हैं. बृहस्पति सिंह कांग्रेस से निष्कासित हैं, क्षेत्र में उनका प्रभाव है. वो एक बार राम विचार नेताम को चुनाव हरा चुके हैं, और दो बार विधायक रहे. क्षेत्र में सर्वाधिक जनसंख्या वाले खैरवार समाज से आते हैं.इसलिए चुनाव में कांग्रेस इस क्षेत्र से पिछड़ गई.
लुंड्रा विधानसभा- विधानसभा में 24128 मतों की बढ़त थी. जो लोकसभा चुनाव में घटकर 11838 मतों की ही रह गई.
सामरी विधानसभा - विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 13643 मतों की बढ़त मिली थी. जबकि लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस को 1331 मतों की लीड मिली. ये चिंतामणि महराज का गृह क्षेत्र है. कुछ महीनों में ही यहां 13 हजार की लीड घट गई, उल्टा कांग्रेस 13 सौ से लीड कर गई.
प्रतापपुर विधानसभा - विधानसभा चुनाव में 11708 मतों की लीड थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस को 711 मतों की बढ़त मिल गई.
भटगांव विधानसभा- विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 43962 मतों की बढ़त मिली थी. संभाग में सबसे बड़े अंतर से जीत कर लक्ष्मी राजवाड़े महिला बाल विकास मंत्री हैं, लेकिन वो इस लीड को लोकसभा चुनाव में बरकार नहीं रख पाई, लीड घटकर 16393 रह गई.
कहां मिली बढ़त - विधानसभा चुनाव में रामानुजगंज विधानसभा से बीजेपी के पास 29740 मतों की बढ़त थी, कद्दावर आदिवासी नेता रामविचार नेताम ने यह लीड पाई थी. जो लोकसभा चुनाव में और बढ़ गई. यहां से लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 39720 मतों की बढ़त मिली. इसी बढ़त ने चिंतामणि महाराज की नैया पार लगाने के अहम भूमिका निभाई.