लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार के कई मंत्री भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. इसे लेकर भाजपा की तैयारियां अंतिम दौर में हैं. सबसे बड़ा नाम उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का है. वह कानपुर से लड़ेंगे. इसी कड़ी में राकेश सचान कानपुर देहात, जितिन प्रसाद धौरहरा, एके शर्मा घोसी, असीम अरुण इटावा से ताल ठोंकेंगे. इनके अलावा करीब छह और मंत्रियों को भाजपा चुनाव लड़ा सकती है. इन्हें लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में 75 प्लस सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. ऐसे मजबूत मंत्रियों को महत्व दिया जा रहा है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार वर्मा ने बताया कि हमारी पार्टी का लक्ष्य इस बार सभी 80 सीट जीतने का है. हम इसके लिए प्रत्येक सीट के लिए योग्य उम्मीदवार की तलाश कर रहे हैं. प्रत्येक दायित्व के नेता को चुनाव लड़ाया जा सकता है. जिसमें राज्य के मंत्री भी शामिल हैं.
कानपुर से ब्रजेश पाठक : उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक कैंट क्षेत्र लखनऊ से विधायक हैं. उत्तर प्रदेश में पार्टी संगठन ब्रजेश पाठक को अब केंद्र की राजनीति में भेजना चाहता है. इसलिए उनके लिए ब्राह्मण बाहुल्य कानपुर को चुना जा रहा है. कैंट से हटकर उनको कानपुर में संसदीय चुनाव लड़ाया जाएगा.
जितिन प्रसाद धौरहरा : उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री जितेंद्र प्रसाद को भी धौरहरा से भारतीय जनता पार्टी चुनाव लड़ा सकती है. जितेंद्र प्रसाद पहले भी इस सीट से सांसद रह चुके हैं. पार्टी मान कर चल रही है कि केंद्र की राजनीति में जितेंद्र प्रसाद का अधिक उपयोग होगा. इसलिए उनको तराई क्षेत्र की इस महत्वपूर्ण सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है.
एके शर्मा घोसी से : प्रदेश नगर विकास मंत्री एके शर्मा भूमिहार जाति से हैं. वह अपने गृह जिले मऊ में बहुत सक्रिय रहते हैं. वे वर्तमान में विधान परिषद सदस्य हैं. उनको घोसी में चुनाव लड़ाने की बहुत चर्चाएं की जा रहीं हैं. वे लगातार घोसी क्षेत्र में जनसभाएं कर रहे हैं.
असीम अरुण इटावा से : असीम अरुण इटावा सदर से विधायक हैं. इटावा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. क्षेत्र में असीम अरुण का काफी प्रभाव है. जिसका उपयोग पार्टी लोकसभा चुनाव के दौरान करेगी.
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