रांचीः भाजपा कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ रविंद्र कुमार राय ने राज्य में गिरती विधि-व्यवस्था पर चिंता जताई है. उन्होंने एक बार फिर जंगलराज की वापसी होने का आरोप लगाया है.
प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए रविंद्र राय ने कहा कि बड़े परिश्रम से भाजपा सरकार ने राज्य में उग्रवाद पर नकेल कसा था. उग्रवादी संगठन राज्य पर कार्रवाई के कारण या तो उनलोगों ने आत्म समर्पण किया या केंद्रीय सुरक्षा बलों की गोलियों के शिकार हुए थे. मगर हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न जिलों पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, चतरा में घटी घटनाओं ने यह एहसास करा दिया है कि राज्य फिर से जंगलराज की चपेट में आ रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य गठन के पूर्व बिहार के समय में उग्रवादी झारखंड में अपनी शरण लेते थे. राज्य के सांसद, विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे सहित आम आदमी की हत्या, खुलेआम लेवी वसूली, लगातार बंद का आह्वान, उद्योग कर्मियों, व्यवसायियों से मोटी रकम की वसूली एक सामान्य बात हो गई थी. लेकिन केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने इसपर कड़ाई से निपटने के सार्थक प्रयास किए थे. उसके अच्छे परिणाम भी निकले लेकिन आज फिर वैसे दृश्य का ट्रेलर दिखाई पड़ने लगा है.
ग्रामीण जनता आत्म रक्षार्थ शस्त्र उठाने को मजबूर
डॉ रविंद्र राय ने गुदड़ी की घटना पर चिंता जताते हुए कहा है कि वर्तमान समय में राज्य की ग्रामीण जनता आत्म रक्षार्थ शस्त्र उठाने को मजबूर है. लोग ऐसे उग्रवादियों का सेंदरा करने को मजबूर हैं. लोग रात रात भर फिर से जाग कर अपने जानमाल की सुरक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में यह शंका प्रबल हो गई है कि यह सरकार अपना चेहरा छुपाने के लिए ग्रामीणों पर कार्रवाई करेगी, उन्हें मुकदमों में फंसाया जाएगा.
एक सवाल का जवाब देते हुए डॉ रविंद्र राय ने कहा कि राज्य की विधि व्यवस्था का जिम्मा राज्य सरकार की है. मगर हास्यास्पद यह है कि हेमंत सरकार पहली ऐसी भयग्रस्त सरकार है. जिसने राज्य में 24 असुरक्षित सड़कों की घोषणा की है जो ध्वस्त विधि व्यवस्था का जीता जागता उदाहरण है.
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