गोड्डा: जिले में अगड़ा बनाम पिछड़ा की राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस और ओबीसी मोर्चा के लोग भाजपा पर पिछड़ों की अनदेखी करने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं भाजपा की ओर से इन आरोपों का जवाब दिया जा रहा है. दरअसल, बीजेपी प्रत्याशी निशिकांत दुबे के नामांकन के दौरान एक तस्वीर ने सियासी बवाल मचा दिया है.
निशिकांत दुबे के नामांकन के दिन गोड्डा में रोड शो के लिए रथ की व्यवस्था की गई थी. रथ पर राजनाथ सिंह, निशिकांत दुबे और उनकी पत्नी अनुकांत दुबे सवार थे. लेकिन उसी तस्वीर में गोड्डा विधायक अमित मंडल, देवघर विधायक नारायण दास और पूर्व विधायक अशोक भगत सभी रथ के नीचे भीड़ में घूमते दिखे. इधर, इस मामले को लेकर ओबीसी मोर्चा ने पूरे मामले को तूल देते हुए कहा है कि यह समाज के लोगों का अपमान है.
अब ये मुद्दा राजनीतिक होने लगा है. बीजेपी अपने तरीके से कह रही है कि बीजेपी ओबीसी का अपमान नहीं करती. जो लोग भाजपा की संस्कृति को नहीं जानते वे ही ऐसी बात कर रहे हैं.
वहीं, राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजकुमार भगत द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया गया, जिसमें कहा गया है कि यह पिछड़ा वर्ग का अपमान है. इस पूरे मामले पर सांसद निशिकांत दुबे ने भी राजकुमार भगत को ब्लैकमेलर बताया है.
वहीं ओबीसी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमनंदन मंडल ने कहा है कि मंच पर राजनाथ सिंह के साथ विधायक का नहीं होना उनका अपमान है. बीजेपी हमेशा से ओबीसी का अपमान करती रही है.
"यह कार्यक्रम कम समय में निर्धारित किया गया था. वाहन पर बने मंच पर जगह कम थी, इसलिए ज्यादा लोग उसमें सवार नहीं हो सके. राजनाथ सिंह एक बड़े नेता हैं, उनका काफिला लंबा था. इससे विधायकों की गाड़ी पीछे रह गई थी, जब पहुंचे तो भाषण शुरू हो गया था, इसलिए बीच में गाड़ी में जाना उचित नहीं था. हेलीपैड पर राजनाथ सिंह का स्वागत सभी ने किया था." - अमित मंडल, विधायक, देवघर
इस मुद्दे पर बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक अशोक भगत ने कहा कि बीजेपी ओबीसी की सबसे बड़ी हितैषी है. वहीं उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ओबीसी हितों की बात न करें तो बेहतर है.
आजसू के केंद्रीय सचिव संजीव महतो भी बीजेपी के सुर में सुर मिलाते नजर आए. उन्होंने एनडीए को ओबीसी का हितैषी बताया. बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर अपना पक्ष रख रही है, वहीं विपक्ष भी इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में है.
ऐसे में गोड्डा लोकसभा चुनाव अगड़ा बनाम पिछड़ा हो इसकी कवायद चल रही है. जहां प्रत्याशियों की जातीय स्थिति भी कुछ वैसी ही है. एक तरफ बीजेपी से निशिकांत दुबे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस से प्रदीप यादव हैं.
इस पूरे मामले पर राजनीति के जानकार पत्रकार हेमचंद्र की मानें तो उनका कहना है कि गोड्डा में कांग्रेस अपने नारे 'जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी' पर काम कर रही है. इसलिए उसने दीपिका पांडे का टिकट काटकर प्रदीप यादव को मैदान में उतारा है.
वहीं वरिष्ठ पत्रकार रंजन बहादुर भी मानते हैं कि राजनीति में जाति को नकारा नहीं जा सकता, इसलिए अगड़ा बनाम पिछड़ा जैसी कोई बात होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
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