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हिमाचल के इस अस्पताल में शुरू हुआ बर्थ वेटिंग होम, गर्भवती महिलाओं को निशुल्क VIP सुविधा - BIRTH WAITING HOME

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 7:15 PM IST

Updated : Jul 5, 2024, 9:20 AM IST

Birth waiting room: हिमाचल के एक सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए बर्थ वेटिंग होम की सुविधा शुरू की गई है. अब महिलाएं डिलीवरी से एक महीना पहले अस्पताल में आकर भर्ती हो सकती हैं. इस दौरान उनके खाने-पीने और रहने का खर्च स्वास्थ्य विभाग उठाएगा.

Birth waiting room
गर्भवती महिलाओं के बर्थ वेटिंग होम की सुविधा (ETV Bharat GFX)

डॉ. अजय पाठक, सीएमओ (ETV Bharat)

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश का सिरमौर जिला अति दुर्गम जिलों में से एक है. यहां कई दुर्गम गांव आज भी सड़क सुविधा से महरूम है ऐसे में वक्त पर अस्पताल पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती साबित होता है. यही वजह है कि आधुनिकता की इस दौड़ में अब भी जिले के दुर्गम इलाकों में कई गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी घर पर ही हो जाती है. हिमाचल के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सिरमौर जिले में 5 से 8 प्रतिशत महिलाओं की डिलीवरी घर पर ही हो जाती है. इसकी सबसे बड़ी वजह सुविधाओं की कमी है. दुर्गम इलाकों में सड़क से दूर बसे गांव से किसी मरीज को अस्पताल पहुंचाना जान हथेली पर लेने जैसा है. ऐसे रास्तों से किसी गर्भवती को प्रसव पीड़ा में अस्पताल पहुंचाना उसकी जिंदगी से खिलवाड़ करने जैसा है और मां के साथ-साथ बच्चे की जिंदगी भी दांव पर लगाना है. ऐसे में सिरमौर के शिलाई क्षेत्र में एक अनोखी पहल करते हुए बर्थ वेटिंग होम की सुविधा दी गई है.

बर्थ वेटिंग होम क्या है ?

दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शिलाई सीएचसी में बर्थ वेटिंग होम की सुविधा दी है. जहां कोई भी गर्भवती महिला डिलीवरी से एक महीने पहले भर्ती हो सकती है. इस दौरान गर्भवती महिला की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होगी. महिला की डिलीवरी तक महीने भर का सारा खर्च भी स्वास्थ्य विभाग ही उठाएगा. इस बर्थ वेटिंग होम में गर्भवती के साथ तीमारदार के रूप में एक रिश्तेदार के रहने की भी व्यवस्था की जाएगी. जिसमें फिलहाल 5 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है.

क्यों शुरू किए गए वेटिंग होम ?

दरअसल सिरमौर जैसे दुर्गम क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी अस्पताल में सुरक्षित करवाने के लिए ये कदम उठाया गया है. इससे जच्चा बच्चा की सुरक्षा को भी पुख्ता किया जाएगा.

सीएमओ डॉक्टर अजय पाठक ने कहा कि "जिला सिरमौर एक दुर्गम जिला है यहां बहुत से लोग दूरदराज के इलाकों में रहते हैं. कई जगह ऐसी भी हैं, जहां एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाती. उन्होंने बताया हालांकि जिला के अस्पतालों में बेहतर डिलीवरी की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, लेकिन फिर भी 5 से 8 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जिनकी घरों में डिलीवरी होती है. स्वास्थ्य विभाग जिले में सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है. जिले में करीब 90 प्रतिशत डिलीवरी अस्पतालों में हो रही है, लेकिन कई दुर्गम इलाके जैसे शिलाई विधानसभा क्षेत्र में इस दिशा में विशेष काम किया जा रहा है, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने के साथ-साथ सुरक्षित प्रसव की भी सुविधा मिल सके."

Birth waiting room
शिलाई CHC में शुरू हुई बर्थ वेटिंग होम सुविधा (ETV Bharat)

दुर्गम और दूर-दराज क्षेत्र की महिलाओं को लाभ

विभाग की इस पहल से दूरदराज के गांवों की महिलाओं को लाभ मिलेगा. इसके साथ ही सुरक्षित डिलीवरी भी संभव हो पाएगी. इसके अलावा जच्चा- बच्चा की देखभाल भी अच्छे से हो सकेगी. इस कदम से मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी मदद मिलेगी. सीएमओ सिरमौर ने बताया कि ऐसा कई बार होता है जब किसी बीमार या गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचने में देर हो जाती है या फिर डिलीवरी के समय कुछ दुर्गम जगहों से अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो जाता है. इसी समस्या को देखते हुए शिलाई अस्पताल में बर्थ वेटिंग होम स्थापित किया गया है. यहां उस महिला को दाखिल करवाया जा सकता है, जिसकी डिलीवरी में एक महीने का समय बाकी हो, ताकि महिला को डिलीवरी के समय कोई मुश्किल न हो और वह अस्पताल में ही रहे.

सीएमओ ने सिरमौर के दुर्गम इलाकों और खासकर शिलाई के लोगों से अपील की है कि वे आगे आकर बर्थ वेटिंग होम की सुविधा का लाभ उठाएं और गर्भवती महिला को समय रहते यहां दाखिल करवाएं ताकि बाद में किसी तरह की समस्या से बचा जा सके. जब भी अस्पताल में डिलीवरी होती है तो जच्चा-बच्चा दोनों को जान का जोखिम नहीं रहता, वहीं घर पर डिलीवरी की स्थिति में जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा बना रहता है इसलिए अस्पतालों में ही डिलीवरी करवाना जरूरी है.

सीएमओ डॉ. अजय पाठक ने कहा "ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी करवाने को लेकर विभाग प्रयासरत है. इसी कड़ी में स्थापित 'बर्थ वोटिंग होम' लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है."

ये भी पढ़ें: हिमाचल का ये निगम हुआ पूरी तरह से पेपरलेस, एक क्लिक पर मिलेगी सारी जानकारी

डॉ. अजय पाठक, सीएमओ (ETV Bharat)

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश का सिरमौर जिला अति दुर्गम जिलों में से एक है. यहां कई दुर्गम गांव आज भी सड़क सुविधा से महरूम है ऐसे में वक्त पर अस्पताल पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती साबित होता है. यही वजह है कि आधुनिकता की इस दौड़ में अब भी जिले के दुर्गम इलाकों में कई गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी घर पर ही हो जाती है. हिमाचल के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सिरमौर जिले में 5 से 8 प्रतिशत महिलाओं की डिलीवरी घर पर ही हो जाती है. इसकी सबसे बड़ी वजह सुविधाओं की कमी है. दुर्गम इलाकों में सड़क से दूर बसे गांव से किसी मरीज को अस्पताल पहुंचाना जान हथेली पर लेने जैसा है. ऐसे रास्तों से किसी गर्भवती को प्रसव पीड़ा में अस्पताल पहुंचाना उसकी जिंदगी से खिलवाड़ करने जैसा है और मां के साथ-साथ बच्चे की जिंदगी भी दांव पर लगाना है. ऐसे में सिरमौर के शिलाई क्षेत्र में एक अनोखी पहल करते हुए बर्थ वेटिंग होम की सुविधा दी गई है.

बर्थ वेटिंग होम क्या है ?

दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शिलाई सीएचसी में बर्थ वेटिंग होम की सुविधा दी है. जहां कोई भी गर्भवती महिला डिलीवरी से एक महीने पहले भर्ती हो सकती है. इस दौरान गर्भवती महिला की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होगी. महिला की डिलीवरी तक महीने भर का सारा खर्च भी स्वास्थ्य विभाग ही उठाएगा. इस बर्थ वेटिंग होम में गर्भवती के साथ तीमारदार के रूप में एक रिश्तेदार के रहने की भी व्यवस्था की जाएगी. जिसमें फिलहाल 5 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है.

क्यों शुरू किए गए वेटिंग होम ?

दरअसल सिरमौर जैसे दुर्गम क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी अस्पताल में सुरक्षित करवाने के लिए ये कदम उठाया गया है. इससे जच्चा बच्चा की सुरक्षा को भी पुख्ता किया जाएगा.

सीएमओ डॉक्टर अजय पाठक ने कहा कि "जिला सिरमौर एक दुर्गम जिला है यहां बहुत से लोग दूरदराज के इलाकों में रहते हैं. कई जगह ऐसी भी हैं, जहां एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाती. उन्होंने बताया हालांकि जिला के अस्पतालों में बेहतर डिलीवरी की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, लेकिन फिर भी 5 से 8 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जिनकी घरों में डिलीवरी होती है. स्वास्थ्य विभाग जिले में सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है. जिले में करीब 90 प्रतिशत डिलीवरी अस्पतालों में हो रही है, लेकिन कई दुर्गम इलाके जैसे शिलाई विधानसभा क्षेत्र में इस दिशा में विशेष काम किया जा रहा है, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने के साथ-साथ सुरक्षित प्रसव की भी सुविधा मिल सके."

Birth waiting room
शिलाई CHC में शुरू हुई बर्थ वेटिंग होम सुविधा (ETV Bharat)

दुर्गम और दूर-दराज क्षेत्र की महिलाओं को लाभ

विभाग की इस पहल से दूरदराज के गांवों की महिलाओं को लाभ मिलेगा. इसके साथ ही सुरक्षित डिलीवरी भी संभव हो पाएगी. इसके अलावा जच्चा- बच्चा की देखभाल भी अच्छे से हो सकेगी. इस कदम से मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी मदद मिलेगी. सीएमओ सिरमौर ने बताया कि ऐसा कई बार होता है जब किसी बीमार या गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचने में देर हो जाती है या फिर डिलीवरी के समय कुछ दुर्गम जगहों से अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो जाता है. इसी समस्या को देखते हुए शिलाई अस्पताल में बर्थ वेटिंग होम स्थापित किया गया है. यहां उस महिला को दाखिल करवाया जा सकता है, जिसकी डिलीवरी में एक महीने का समय बाकी हो, ताकि महिला को डिलीवरी के समय कोई मुश्किल न हो और वह अस्पताल में ही रहे.

सीएमओ ने सिरमौर के दुर्गम इलाकों और खासकर शिलाई के लोगों से अपील की है कि वे आगे आकर बर्थ वेटिंग होम की सुविधा का लाभ उठाएं और गर्भवती महिला को समय रहते यहां दाखिल करवाएं ताकि बाद में किसी तरह की समस्या से बचा जा सके. जब भी अस्पताल में डिलीवरी होती है तो जच्चा-बच्चा दोनों को जान का जोखिम नहीं रहता, वहीं घर पर डिलीवरी की स्थिति में जच्चा-बच्चा दोनों की जान को खतरा बना रहता है इसलिए अस्पतालों में ही डिलीवरी करवाना जरूरी है.

सीएमओ डॉ. अजय पाठक ने कहा "ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी करवाने को लेकर विभाग प्रयासरत है. इसी कड़ी में स्थापित 'बर्थ वोटिंग होम' लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है."

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Last Updated : Jul 5, 2024, 9:20 AM IST
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