भरतपुर. पक्षियों के लिए दुनियाभर में विख्यात भरतपुर में अब पर्यटक शेर और बाघ जैसे वन्यजीवों का भी दीदार कर सकेंगे. जल्द ही भरतपुर में बायोलॉजिकल पार्क (जैविक उद्यान) तैयार किया जाएगा. इसके लिए वन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर के मुख्यालय भेज दिया है. पार्क के लिए वन विभाग ने राजस्व विभाग के साथ मिलकर जमीन तलाशना शुरू कर दिया है. जैविक उद्यान विकसित करने पर करीब 70 करोड़ तक खर्च करने की योजना है.
घना निदेशक मानस सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की भरतपुर में बायोलॉजिकल पार्क खोलने की योजना है. इसके तहत राजस्व विभाग के साथ मिलकर हमने केवलादेव उद्यान के पास मलाह क्षेत्र में और आगरा-जयपुर हाइवे पर कुछ जमीनों का सर्वे भी किया है. इसके प्रस्ताव तैयार कर अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को भेज दिए गए हैं.
30 हेक्टेयर जमीन की जरूरत : निदेशक मानस सिंह ने बताया कि योजना के तहत बायोलॉजिकल पार्क तैयार करने के लिए करीब 30 हैक्टेयर जमीन की जरूरत रहेगी. हमारी प्राथमिकता ऐसी जमीन की रहेगी जिसमें कुछ प्राकृतिक जलाशय/वाटर बॉडी हों. साथ ही हमारा प्रयास रहेगा कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के आसपास ही इसे विकसित किया जाए. इसके लिए घना के पास मलाह क्षेत्र की जमीन पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है. ताकि घना आने वाले पर्यटकों को बायोलॉजिकल पार्क घूमने में आसानी रहे.
70 करोड़ की लागत से होगा तैयार : निदेशक मानस सिंह ने बताया कि बायोलॉजिकल पार्क को तैयार करने पर करीब 70 करोड़ रुपए तक खर्च होने की संभावना गई. इस पार्क में शेर, बाघ, लेपर्ड, घड़ियाल, मगरमच्छ जैसे वन्यजीव और जलीय जीवों को पर्यटकों के लिए रखा जाएगा. निदेशक मानस सिंह ने बताया इनमें कुछ वन्यजीव ऐसे भी हैं जो पहले भरतपुर में पाए जाते थे लेकिन अब देखने को नहीं मिलते.
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निदेशक मानस सिंह ने बताया कि प्रस्ताव सरकार की भेज दिया गया है. मुख्यालय व सरकार के अनुमोदन के बाद जमीन फाइनल कर के बायोलॉजिकल पार्क की योजना पर चरणबद्ध तरीके से कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इससे भरतपुर आने वाले पर्यटकों को घूमने के लिए घना, संग्रहालय और किले के अलावा एक और पर्यटक स्थल मिल सकेगा.