बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में अब स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी चल रही है. राज्य सरकार स्मार्ट मीटर लगाने की प्लानिंग शुरू कर दी है. वहीं, इसके लिए बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर के अधिकारी और स्मार्ट मीटर तैयार करने वाली एजेंसी के बीच चर्चा चल रही है. जिस तरह से मोबाइल में रिचार्ज किया जाता है ठीक उसी तरह बिजली मीटर का भी रिचार्ज कर इसका उपयोग किया जा सकता है. वैसे तो स्मार्ट मीटर लगने से बिजली चोरी बंद हो जाएगी, लेकिन इससे नुकसान भी है.
लोग हाफ बिजली बिल योजना को बता रहे बेहतर: जिस तरह मोबाइल में वैलिडिटी या पैसे खत्म होते हैं और कॉलिंग बंद हो जाती है. उसी तरह मीटर में पैसे खत्म होते ही बिजली बंद हो जाएगी. फिर रिचार्ज करने पर दूसरे दिन उपभोक्ताओं के घरों में बिजली आएगी. इससे उन्हें कई घंटे तक अंधेरे में रहना पड़ सकता है. स्मार्ट मीटर लगने से पहले ही आम जनता इसका विरोध करना शुरू कर दी है. अधिकतर लोग बिजली बिल हाफ योजना को बेहतर बता रहे हैं. साथ ही सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि इस योजना को आगे चलाया जाए.
इस तरह होगा रिचार्ज: स्मार्ट बिजली मीटर लगाने से रिचार्ज से बिजली मिलने लगेगी. आरडीएसएस के तहत एएमआईएसपी के द्वारा स्मार्ट मीटरिंग के लिए तैयारी शुरू हो गई है. इसको लेकर तीन रीजन के मुख्य अभियंता के साथ ठेका एजेंसी के साथ की ऑफ मीटिंग हो चुकी है. स्मार्ट मीटर लगाने के संबंध में आवश्यक चर्चा की जा चुकी है. इसे फरवरी माह के दूसरे सप्ताह से शुरू किए जाने की बात सामने आई है. उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर फरवरी से लगने शुरू हो जाएंगे. विद्युत वितरण कंपनी ने स्मार्ट मीटर लगाने के लिए टेंडर जारी किया था. इस पर हाई प्रिंट एनर्जी सॉल्यूशंस को बिलासपुर, अंबिकापुर और रायगढ़ क्षेत्र में स्मार्ट मीटरिंग के कार्यान्वयन के लिए अनुबंध कर दिया गया है. इस ठेका के बाद स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी शुरू हो जाएगी.
पहले से परेशान हैं लोग: मामले में मुंगेली नाका क्षेत्र में रहने वाले रणजीत सिंह का कहना है कि, "पहले ही बिजली की कटौती से परेशान हैं. अब स्मार्ट मीटर लगाकर और परेशान किया जाएगा. जानकारी मिली है कि यदि दोपहर में मीटर का पैसा खत्म हो गया तो बिजली बंद हो जाएगी. रिचार्ज करने पर दूसरे दिन ही बिजली उनके घर आएगी. इससे दोपहर और रात तक अंधेरे में रहना पड़ेगा. ठंड और बारिश में तो जैसे-तैसे समय गुजर जाएगा, लेकिन गर्मी में बुरा हाल हो जाएगा."
स्मार्ट मीटर लगाने की योजना फ्लॉप हो जाएगी क्योंकि प्रदेश में गरीबों की जनसंख्या अधिक है. लोग हर महीने बिजली बिल नहीं पटा सकते. ऐसे में अगर रिचार्ज खत्म होने के बाद बिजली बंद हो जाएगी. तब वह पैसे कहां से लाएंगे. कई ऐसे लोग हैं, जो हर महीने बिजली का बिल भी नहीं दे पा रहे हैं. यदि उनके घरों में स्मार्ट मीटर लग जाएगा फिर भी कैसे रहेंगे. -काशी रात्रे, बिजली उपभोक्ता
किसानों को होगी खासा परेशानी: छत्तीसगढ़ में 80 फीसद किसान रहते हैं. इन्हें पैसा धान बेचने के बाद मिलता है. कई ऐसे लोग हैं जो दो-तीन महीने 4 महीने का बिजली बिल एक साथ पटाते हैं. उनके पास पैसा धान बेचने के बाद ही आता है. इसके बाद वह इकट्ठा बिजली बिल पटा देते हैं. स्मार्ट मीटर लग जाने पर उन्हें काफी समस्या होगी. साथ ही पैसे के इंतजाम के लिए भी परेशान होना पड़ेगा.