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बच्चियों के साथ दरिंदगी जैसे अपराध पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट सख्त, साय सरकार से कोर्ट मांगी रिपोर्ट - Bilaspur high court - BILASPUR HIGH COURT

बिलासपुर हाईकोर्ट ने बच्चियों के साथ हुई दरिंदगी पर सख्त रूख अख्तियार किया है. हाईकोर्ट ने प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार से प्रदेश भर में कितने बच्चियों के साथ दरिंदगी हुई है? इसमें कितने पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिला है? इस पर जानकारी मांगी है.

BILASPUR HIGH COURT
बिलासपुर हाई कोर्ट
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 6, 2024, 9:00 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर के केस की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से एक अहम सवाल पूछा है. कोर्ट ने पूछा है कि प्रदेश में कितने और ऐसे मामले हैं? इन मामलों में कितने पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला है. कोर्ट ने दो सप्ताह के अंदर राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इससे पहले हुई सुनवाई में महाधिवक्ता ने बताया था कि मृत बच्ची की मां को ढाई लाख रुपए का मुआवजा जारी किया गया है. इस पर कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव से बात की पुष्टि करने का निर्देश दिया था.

जानिए पूरा मामला: दरअसल, ये पूरा मामला बिलासपुर के सिरगिट्टी थाना क्षेत्र का है. यहां 3 साल की बच्ची के साथ 14 साल के नाबालिग ने दुष्कर्म किया गया था. इसके बाद बच्ची की मौत हो गई थी. इस मामले में शासन स्तर पर बच्ची के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का वादा किया गया था. साथ ही पहली किस्त में ढाई लाख रुपया दिया जाना था. पैसे दिए जाने के बाद इस मामले की जानकारी छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को दी गई. मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पूछा है कि प्रदेश में कितने और इसी तरह के मामले हैं, जिनमें कोई मुआवजा नहीं दिया गया है.

अधिकारियों की ओर से की गई थी 10 लाख रुपए की घोषणा: इस केस में मृत बच्ची के परिजनों का आरोप है कि आरोपी ने पहले बच्ची के साथ दुष्कर्म किया. फिर उसे मौत के घाट उतार दिया. हाई कोर्ट ने मामले में स्वत संज्ञान लेकर अधिकारियों की ओर से किए गए 10 लाख रुपए देने घोषणा की जानकारी ली. इसमें ढाई लाख रुपये तत्काल दे दिए गए. बाकी के सात लाख तीस हजार रुपए प्रकरण के फैसले के बाद मिलना था. पहली किस्त देने और पीड़ित के परिजनों को मिलने की पुष्टि करने के लिए कोर्ट ने जिला विधिक प्राधिकरण सचिव से इस बात की पुष्टि करने को आदेश दिया था.

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जानिए पूरा मामला: दरअसल, ये पूरा मामला बिलासपुर के सिरगिट्टी थाना क्षेत्र का है. यहां 3 साल की बच्ची के साथ 14 साल के नाबालिग ने दुष्कर्म किया गया था. इसके बाद बच्ची की मौत हो गई थी. इस मामले में शासन स्तर पर बच्ची के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने का वादा किया गया था. साथ ही पहली किस्त में ढाई लाख रुपया दिया जाना था. पैसे दिए जाने के बाद इस मामले की जानकारी छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को दी गई. मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पूछा है कि प्रदेश में कितने और इसी तरह के मामले हैं, जिनमें कोई मुआवजा नहीं दिया गया है.

अधिकारियों की ओर से की गई थी 10 लाख रुपए की घोषणा: इस केस में मृत बच्ची के परिजनों का आरोप है कि आरोपी ने पहले बच्ची के साथ दुष्कर्म किया. फिर उसे मौत के घाट उतार दिया. हाई कोर्ट ने मामले में स्वत संज्ञान लेकर अधिकारियों की ओर से किए गए 10 लाख रुपए देने घोषणा की जानकारी ली. इसमें ढाई लाख रुपये तत्काल दे दिए गए. बाकी के सात लाख तीस हजार रुपए प्रकरण के फैसले के बाद मिलना था. पहली किस्त देने और पीड़ित के परिजनों को मिलने की पुष्टि करने के लिए कोर्ट ने जिला विधिक प्राधिकरण सचिव से इस बात की पुष्टि करने को आदेश दिया था.

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