पटना: किसी भी संस्कृति को प्रमोट करने के लिए खाना एक बेहतरीन माध्यम होता है. बिहार अपने सांस्कृतिक गौरव को हासिल करे, इसके लिए बिहारवासी और सरकार अपनी संस्कृति को प्रमोट कर रहे हैं. इसी के तहत रविवार को पटना में ग्रैंड ट्रंक रोड इनीशिएटिव संस्था की ओर से पंगत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बिहार के पर्यटन विभाग का सहयोग रहा.
पंगत में बिहारी व्यंजनों का प्रमोशन: पंगत में देश के विभिन्न इलाकों से आए फूड शेफ के द्वारा बिहार के व्यंजनों और उसकी खासियत पर विस्तार से चर्चा की गई. इस दौरान उन्होंने बताया कि व्यंजनों का आदान-प्रदान पूरे देश को एकजुट करने में मदद करता है. हर प्रांत की तरह, बिहार में व्यंजनों की एक अनूठी श्रृंखला मौजूद है. बिहार मटन ताश व्यंजन नॉनवेज में, चंपारण के क्षेत्र का एक बेहतरीन डिश है.
विकास वैभव ने बताई बिहारी व्यंजनों की खासियत: कार्यक्रम के स्पेशल डेलिगेट्स आईपीएस विकास वैभव ने बताया कि संस्कृति को प्रमोट करने के लिए व्यंजन एक बेहतरीन माध्यम है. हर क्षेत्र की विशेषता है. कहीं का खाजा प्रसिद्ध है तो कहीं का बेलग्रामी प्रसिद्ध है. चंपारण मटन का देश में नाम है. बिहार का अपना मखाना है.
"बिहार में बहुत सारी रेसिपीज ऐसी हैं, जिसे नई पीढ़ी भूलते जा रही है. इससे युवा पीढ़ी अवगत होंगे तो परंपरा आगे बढ़ती जाती है. पंगत एक अच्छा प्रयास है, बिहारी व्यंजन देश दुनिया में प्रमोट होगा. इससे बिहार से बाहर रहने वाले लोग भी अपने क्षेत्र की डिशेस को अपने यहां आसानी से खा सकेंगे और अपने क्षेत्र का जुड़ाव महसूस करेंगे."- विकास वैभव, आईपीएस
लिट्टी चोखा के अलावा काफी सारे व्यंजन: कार्यक्रम के क्यूरेटर अदिति नंदन ने बताया कि देश में गुजराती थाली, पंजाबी थाली, राजस्थानी थाली मशहूर है. इसी प्रकार बिहारी थाली भी है, जो स्वाद में भरपूर है. बिहारी डिश में अभी तक लोग सिर्फ लिट्टी चोखा को ही जानते हैं, लेकिन मखाना की खीर, मटन ताश, मटर की सब्जी, चूड़ा दही ये सबका भी काफी स्वाद है.
बिहारी मिठाई का स्वाद भरपूर: अदिति नंदन ने बताया कि यदि मिठाई की बात करें तो सिलाव और जमुई का खाजा फेमस है. हर क्षेत्र में अलग मिठाई है और उसकी खासियत अलग है. उन्होंने कहा कि हम इस कालखंड में रहे हैं जब बिहारीपना और बिहारी होने का मजाक बनाया जाता रहा है. अब वक्त है कि हमें दुनिया को बताना है कि हमारा कल्चरल हेरिटेज जो है, वह बेहद शानदार है.
"बेहतर काम की तलाश में लोग बिहार से बाहर जा रहे हैं. भगदड़ भरी जिंदगी में अपनी संस्कृति से दूर जा रहे हैं. संस्कृति को बचाने में भोजन बेहद अहम है. अपने भोजन और उसके स्वाद के माध्यम से हम उससे जुड़ते हैं. बिहार से मखाना फेमस हुआ है, चंपारण मटन फेमस हुआ है, लिट्टी चोखा फेमस है, लेकिन और भी बहुत सारे व्यंजन है, जिसे प्रमोट किया जा सकता है."- अदिति नंदन, कार्यक्रम के क्यूरेटर
पंगत कार्यक्रम का उद्देश्य: बता दें कि विकसित और समृद्ध बिहार को साकार करने के लिए समर्पित फोरम ग्रैंड ट्रंक रोड इनिशिएटिव्स ‘पंगत बिहार का सबसे बड़ा पाक संवाद’ कार्यक्रम लेकर आया है. कार्यक्रम को लेकर क्यूरेटर अदिति नंदन ने बताया कि पारंपरिक व्यंजनों को पुनर्जीवित करने और संरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए. इस आयोजन के माध्यम से देश भर में अपनी पारंपरिक बिहारी थाली को बढ़ावा देना मुख्य उद्देश्य है.
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