पटना: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बंद कमरे में शराब पीने वाले बयान को लेकर बिहार में खूब बवाल मचा था. विपक्ष नेता इसको लेकर नीतीश कुमार पर खूब निशाना साध रहे थे. वहीं, अब बिहार सरकार में मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. इस दौरान उन्होंने मांझी को सलाह भी दी है.
"जीतन बाबू केंद्र में मंत्री हैं और बिहार के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. बड़े नेता हैं तो उन्हें इस संबंध (शराबबंदी) में बड़े नेता से बात करनी चाहिए. बात पकड़ने (शराब पीते) की है तो घर में कौन क्या करता है, उसे ताक झांक करने का कोई अधिकार नहीं है. यह व्यक्तिगत मामला है. जैसे मुंगेर में डॉक्टर शराब पीते पकड़ा गया. जज हो या कोई अधिकारी हो घर में शराब पीता है तो पकड़े जाने पर जेल जाता है, जो नहीं पकड़ाते हैं वो बच ही जाते हैं." -रत्नेश सदा, मंत्री, बिहार मद्य निषेध
शराब के खिलाफ चला रहे अभियानः बिहार सरकार में मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा मंगलवार को मीडिया को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी कहते हैं कि शराब पीने और बेचने के आरोप में कई दलित जेल में हैं. रत्नेश सदा ने कहा कि इसे जाति से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. उन्होंने एक कार्यक्रम के बारे में बताया. कहा कि पांच जिलों में शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया जाएगा जिसमें कई जाति धर्म के लोग शामिल होंगे.
शराब को ना कहने का संकल्पः उन्होंने कहा कि 11 सितंबर से मां सीता की धरती से हमलोग भ्रमण कार्यक्रम सह जागरूकता अभियान चला रहे हैं. अभी तक 5 जिलों में यह कार्यक्रम हो चुका है. इस अभियान में सभी धर्म और जाति के लोगों को आमंत्रित करते हैं. शराब को ना कहना है और शिक्षा से जुड़ने का संकल्प दिला रहे हैं. रत्नेश सदा का मानना है कि जीतन राम मांझी को भी इस अभियान में शामिल होना चाहिए.
जीतन राम मांझी क्या बोले थे?: बता दें कि 13 सितंबर को जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए शराबबंदी पर बड़ा बयान दिया था. जीतन राम मांझी ने कहा था कि बिहार में शराब पीने और बेचने वाले बड़े लोग बच जाते हैं लेकिन गरीब, दलित और पिछड़ा समाज के लोग जेल चले जाते हैं. उन्होंने दावा किया था कि वे सभी सफेद पोश रात में बंद कमरे में शराब का सेवन करते हैं.