पटना: बिहार विधानसभा चुनाव का वक्त जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, तमाम राजनीतिक दल अतीत में की गई गलतियों से सबक लेते हुए वोटरों को साधने में जुट गए हैं. चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है.यूपी के राजनीतिक दलों ने भी अपनी रणनीति बदल रही है. चंद्रशेखर रावण सरीखे नेताओं ने दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में मोड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दल की बिहार पर नजर: 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं. उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दल भी बिहार में भाग्य आजमाना चाहते हैं. चंद्रशेखर रावण के नेतृत्व वाली पार्टी आजाद समाज पार्टी की नजर बिहार पर है. चंद्रशेखर रावण दलित वोट बैंक के सहारे बिहार की सियासत में कदम बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं.
17% वोट बैंक पर नेताओं की नजर: बिहार में 17% वोट बैंक पर दलितों का कब्जा है. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान दलित सियासत की धुरी माने जाते हैं. दोनों नेताओं को चुनौती देने के लिए उत्तर प्रदेश के दलित नेता चंद्रशेखर रावण बिहार के बैटलफील्ड में उतरने को तैयार है. विधानसभा चुनाव के दौरान चंद्रशेखर रावण के लिए तैयार हैं.
"बिहार में हम लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं और दलितों के पक्ष में हमने आवाज बुलंद किया है. आने वाले विधानसभा चुनाव में हम मजबूती से आगे बढ़ेंगे. राज्य इकाई तैयारी में जुटी है. हम पहले से यहां संघर्ष करते आ रहे हैं और इसका फायदा हमारी पार्टी को मिलेगा." -चंद्रशेखर रावण, सुप्रीमो, आजाद समाज पार्टी
बसपा दमखम के साथ तैयार: आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की एक और पार्टी बहुजन समाजवादी पार्टी लंबे समय से बिहार के चुनावी राजनीति में सक्रिय है. बहुजन समाजवादी पार्टी के कई बार विधायक चुनाव जीत कर आए हैं. बहुजन समाजवादी पार्टी तमाम छोटे दलों से गठबंधन कर बिहार के सियासत को मोड़ने की कोशिश करती रही है. बहुजन समाजवादी पार्टी का महादलित वोट बैंक पर दावा रहता है.
![चंद्रशेखर रावण, अध्यक्ष, आजाद समाज पार्टी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/09-12-2024/23077186_ppppp.jpg)
"हर पार्टी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन चंद्रशेखर रावण को यह बताना चाहिए कि बिहार के दलितों के लिए उन्होंने क्या किया है. कब-कब दलितों के पक्ष में आवाज बुलंद किए हैं. बांग्लादेश में दलितों पर जुल्म हो रहा है. उस पर उन्होंने क्या कहा है. यह भी स्पष्ट करने की जरूरत है." - श्याम सुंदर शरण, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हम
हर दल को चुनाव लड़ने का अधिकार है: राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि हर दल को चुनाव लड़ने का अधिकार है. चंद्रशेखर रावण भी भाग्य आजमाना चाहते हैं. बहुजन समाजवादी पार्टी पहले से ही चुनावी राजनीति में है. सोनेलाल पटेल बिहार में भाग्य आजमा चुके हैं. ओमप्रकाश राजभर भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. जब तक बिहार में आपका आधार नहीं होगा तब तक सफलता की संभावनाएं कम है.
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