पटना: पांच दिवसीय बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है. मानसून सत्र में विपक्ष एक बार फिर सरकार को घेरने के लिए तैयार बैठा है. विपक्ष के तेवर सत्र शुरू होने से पहले ही आक्रामक है. विपक्ष की ओर से 20 जुलाई को आक्रोश मार्च निकालकर अपनी मंशा बता दी गई है. कानून व्यवस्था पर सरकार के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा है.
22 जुलाई से मानसून सत्र : 5 दिनों के मानसून सत्र के लिए सरकार ने भी अपनी तैयारी की है. विधानसभा अध्यक्ष ने भी सर्वदलीय बैठक की है. सत्र में पहले दिन वित्तीय वर्ष 2024- 25 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा. सत्र में कई महत्वपूर्ण राजकीय विधायक भी लाया जाएगा और सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर भी होगा बसर्ते की सदन की कार्यवाही सही ढंग से चले, लेकिन विपक्षी दलों के तेवर से साफ लग रहा है कि सदन की कार्यवाही काफी हंगामेदार होगी.
अपराध की घटना से सरकार की मुश्किलें बढ़ी: मुख्य सचिव और अन्य आला अधिकारियों के साथ बैठक कर कई निर्देश दिये हैं. बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार आक्रामक है लगातार हो रही अपराध की घटना से सरकार की भी मुश्किलें बढ़ी हुई है. कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दिन पहले हाई लेवल बैठक भी की है, जिसमें अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिया है.
कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष आक्रामक: विपक्ष की ओर से 20 जुलाई को आक्रोश मार्च निकालकर अपनी मंशा बता दी गई है. कानून व्यवस्था पर सरकार के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा है. उपचुनाव में सत्ता पक्ष को हार मिली है हालांकि रुपौली में आरजेडी की तरफ से भी ताकत लगाई गई थी, लेकिन राजद को भी सफलता नहीं मिली. पहले से ही विपक्ष संख्या बल के हिसाब से काफी मजबूत स्थिति है, ऐसे में सरकार के लिए विपक्ष का जवाब देना मुश्किल जरूर होगा.
"सरकार यदि सदन को चलाना चाहेगी तो उस पर हम चर्चा करना चाहेंगे. ज्वलंत मुद्दों पर सरकार से जवाब लेना चाहेंगे. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार से हम जवाब लेंगे. नीतीश कुमार 2005 से विकास की बात कर रहे हैं, लेकिन बिहार में लगातार पुल गिर रहे हैं. प्रश्न पत्र लीक हो जा रहे हैं तो ऐसे ही कई मुद्दे हैं जिस पर सरकार को जवाब देना है."- रण विजय साहू, राजद विधायक
विपक्ष के हर सवाल का दिया जाएगा जवाब: सत्ता पक्ष की तरफ से कहा जा रहा है की सरकार विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है. यदि विपक्ष शांति से सदन की कार्यवाही नियम अनुकूल चलेने दे. जदयू के वरिष्ठ नेता और एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि नीतीश कुमार 2005 से लगातार बिहार में विकास ही कर रहे हैं. विपक्ष जो भी सवाल पूछेगा उसका जवाब दिया जाएगा.
"कानून व्यवस्था को लेकर नीतीश कुमार शुरू से गंभीर रहे हैं. घटनाएं कुछ जरूर हुई है लेकिन उसे पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है. नीतीश कुमार 2005 से लगातार बिहार में विकास ही कर रहे हैं. विपक्ष जो भी सवाल पूछेगा उसका जवाब दिया जाएगा." -संजय गांधी, जदयू एमएलसी
विधानसभा की कार्यवाही कुछ इस प्रकार से चलेगी: 22 जुलाई को शपथ ग्रहण होगा. उसके बाद वित्तीय वर्ष 2024 -25 के प्रथम अनुपूरक बजट पेश और अंत में शोक प्रस्ताव. दूसरे दिन 23 जुलाई को प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण में सरकार का उत्तर, राजकीय विधायक पेश होगा एवं अन्य राजकीय कार्य होंगे. 24 जुलाई को प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण में सरकार का उत्तर, राजकीय विधेयक पेश होगा और अन्य राजकीय कार्य होंगे. 25 जुलाई को प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण में सरकार का उत्तर, वित्तीय वर्ष 2024- 25 के प्रथम अनुपूरक बजट पर चर्चा और चर्चा के बाद सदन से विधेयक पास कराएगी सरकार. 26 जुलाई को प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण में सरकार का उत्तर,गैर सरकारी संकल्प पर होगी चर्चा.
"संख्या बल के हिसाब से महागठबंधन एनडीए से बहुत ज्यादा कम नहीं है. ऐसे में विपक्ष के आवाज को अनसुना करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा." -भोलानाथ, राजनीतिक विशेषज्ञ
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