पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी शुरू हो गयी है. सभी दल अपना-अपना समीकरण तैयार कर रहे हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को करारा झटका लगा था. तीसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गयी थी. इसलिए बिहार की राजनीति के माहिर खिलाड़ी अभी से अपने चाल तैयार करने में लगे हैं. इसके लिए नीतीश कुमार 2020 चुनाव में हार के कारण बने लोगों को पार्टी के साथ लाने में जुटे हैं.
जदयू बनी थी तीसरे नंबर की पार्टीः 2020 के चुनाव में नीतीश कुमार को चिराग पासवान के कारण कई सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था. चिराग पासवान ने जदयू के खिलाफ अधिकांश सीटों पर उम्मीदवार दिया था. 2020 में उपेंद्र कुशवाहा भी अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़े थे, उससे भी जदयू को नुकसान हुआ था. बाहुबली अनंत सिंह नाराज होकर आरजेडी का समर्थन कर दिया था. पत्नी नीलम देवी को राजद के टिकट पर चुनाव लड़ाया था. इन सब कारणों से जदयू पहली बार बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गई.
"नीतीश कुमार दोनों तरफ की धाराओं को साथ लेकर चलने के लिए जाने जाते हैं. इसलिए भाजपा के साथ जो लोग असहज होते हैं, वह नीतीश कुमार के साथ जुड़ते रहे हैं. इसलिए नीतीश कुमार इस बार जिस स्थिति में हैं, अपने 2010 वाले स्कोर को हासिल करने की कोशिश करेंगे."- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विश्लेषक
2020 के विरोधी अब नीतीश के साथः अब स्थितियां बदल चुकी हैं. 2020 में जो नीतीश के विरोध में खड़े थे, अब उनके साथ खड़े हैं. बाहुबली अनंत सिंह नीतीश कुमार की तारीफ कर रहे हैं. चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा भी एनडीए में नीतीश कुमार के साथ हैं. भगवान सिंह कुशवाहा जदयू में शामिल हो चुके हैं. श्याम रजक भी राजद से इस्तीफा दे चुके हैं और जदयू में शामिल होने की तैयारी में हैं. इस तरह 2020 के तमाम विरोधी अब उनके साथ हैं.
"2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष के लोग नीतीश कुमार के बारे में क्या-क्या बोल रहे थे, लेकिन उनकी स्थिति क्या हुई सब लोगों ने देखा है. बिहार विधानसभा 2025 के चुनाव में एनडीए 220 सीट जीतेगा."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
नीतीश के पक्ष में बीजेपीः विधानसभा चुनाव 2020 में बीजेपी में भी कई लोगों ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला था. लेकिन, अब वो 2025 में नीतीश कुमार को नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं. बिहार से लेकर दिल्ली तक के भाजपा नेता, नीतीश कुमार की तारीफ करने में लगे हैं. कभी नीतीश के मुखर विरोधी रहे सम्राट चौधरी, गिरिराज सिंह, संजय जायसवाल सरीखे नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं.
"कई बार आपके पास बड़ी सेना के रहते हुए भी, आपकी हार हो जाती है. लोकतंत्र में जनता ही महत्वपूर्ण है. स्थितियां जरूर नीतीश कुमार के साथ अभी बेहतर है. अधिक संख्या में दल भी हैं, लेकिन चुनाव के समय जनता का क्या फैसला होगा इस पर सब कुछ निर्भर होगा."- प्रोफेसर चंद्र भूषण राय, राजनीतिक विश्लेषक
नीतीश कुमार का कर रहे हैं गुणगान: नीतीश कुमार ने 2020 विधानसभा चुनाव में जदयू के खराब प्रदर्शन को लेकर बीजेपी पर आरोप लगाया था कि चिराग पासवान के माध्यम से जदयू को नुकसान पहुंचाया गया है. नीतीश कुमार बाद में पाला बदलकर महागठबंधन के साथ चले गए. हालांकि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वापस एनडीए में आ गए. लोकसभा चुनाव में जो एनडीए का प्रदर्शन रहा उसका बड़ा क्रेडिट नीतीश कुमार को मिल रहा है . यही कारण है कि जो नीतीश कुमार के विरोध में थे, अब उनके गुणगान करने में लगे हैं.
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