रुद्रप्रयाग: बदरीनाथ हाईवे के रैंतोली में हुए टेंपो ट्रैवलर हादसे में नया खुलासा हुआ है. इस वाहन का ड्राइवर अपने लाइसेंस को हिल इंडोर्स कराए बिना ही रुद्रप्रयाग चला गया था. हादसा होने के चार घंटे बाद संदिग्ध तरीके से किसी दूसरे व्यक्ति ने उसके लाइसेंस को परिवहन विभाग के पोर्टल पर आकर हिल इंडोर्स करवाया. परिवहन विभाग की जांच में यह बात सामने आई है. परिवहन विभाग की ओर से मामले में जांच शुरू कर दी गई है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की बात कही जा रही है.
ड्राइवर के लाइसेंस में निकला 'लोचा' बीते शनिवार को बदरीनाथ हाईवे के रैंतोली के पास हुए दर्दनाक हादसे में नयी बात सामने आई है. परिवहन विभाग के अनुसार, नई दिल्ली से शुक्रवार रात वाहन चालक करन सिंह टेम्पो ट्रैवलर में 23 लोगों को लेकर चला था. वाहन में कुल 26 लोग सवार थे, जिसमें एक चालक और दो हेल्पर के साथ 23 पर्यटक शामिल थे. वाहन शनिवार सुबह करीब 11 बजे रुद्रप्रयाग के पास दुर्घटना का शिकार हो गया. इसमें 15 लोगों की मौत हो गई. हादसे के बाद परिवहन विभाग ने वाहन के साथ ही ड्राइवर के लाइसेंस की पड़ताल की.
ड्राइवर की मौत के बाद हुआ हिल इंडोर्स: इस दौरान पता चला कि वाहन चालक करन को 2019 में अलीगढ़ से लाइसेंस जारी हुआ था. जांच आगे बढ़ी तो उत्तराखंड के ग्रीन कार्ड पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों से सामने आया कि करन के लाइसेंस को हिल इंडोर्स करने की कार्रवाई शनिवार दिन में साढ़े तीन बजे की गई, जबकि उस वक्त करन अस्पताल में भर्ती था. बाद में उसकी मौत हो गई थी.
इससे साफ हो गया कि फीस का भुगतान और ऑनलाइन टेस्ट वाहन चालक करन की जगह किसी अन्य ने दिया. ऐसा करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है. संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की जा रही है. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
कोरोना से पहले हिल इंडोर्स की प्रक्रिया थी सख्त: उत्तराखंड में पहले हिल इंडोर्स की प्रक्रिया काफी सख्त थी. ड्राइवर को राज्य के किसी परिवहन कार्यालय में उपस्थित होकर हिल इंडोर्स टेस्ट देना होता था. कोरोनाकाल में प्रक्रिया को ऑनलाइन करते हुए सरल कर दिया गया. इसके तहत आवेदन व फीस का भुगतान ऑनलाइन करना होता है. इसके बाद बीस मिनट की फिल्म देखने के बाद कुछ प्रश्नों के जवाब देने होते हैं. इसमें ड्राइवर को न कोई प्रैक्टिकल परीक्षा देनी होती है और न पर्वतीय मार्गों पर वाहन चलाने की उसकी काबिलियत को ही परखा जाता है.
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