देहरादून: उत्तराखंड में तकनीकी शिक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहा वीर माधव सिंह उत्तराखंड राजकीय तकनीकी विश्वविद्यालय अपने सुदूर दुर्गम इलाकों में मौजूद कैंपस कॉलेज के जरिए शिक्षा के लिए पलायन पर लगाम लग रहा है, तो वहीं टेक्नोलॉजी के माध्यम से लगातार एकेडमिक रिफॉर्म्स के क्षेत्र में अभूतपूर्व पहल कर रहा है. इसी के चलते उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में अब अपने एकेडमिक रिफॉर्म में एक और बदलाव करते हुए फैकल्टी फीडबैक की भी पद्धति शुरू कर दी है. विश्वविद्यालय पिछले लंबे समय से इसका प्रयास कर रहा है कि यूनिवर्सिटी और कॉलेज की गुणवत्ता का फीडबैक सभी स्टेट होल्डर के माध्यम से लिया जाए. जिससे गुणवत्ता में और अधिक बेहतर सुधार किए जा सके.
अब तक इसमें बेहतर रिस्पांस ना आने की वजह से इस बार यूनिवर्सिटी ने फैसला लिया है कि अब से छात्र जब भी अपने रिजल्ट को देखने के लिए अपनी कॉपी का अवलोकन करेगा. उससे पहले उसे अपनी फैकल्टी के लिए फीडबैक देना अनिवार्य होगा. उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर ओंकार सिंह ने बताया यूनिवर्सिटी द्वारा हर एक विषय में छात्रों के लिए यह व्यवस्था की गई है कि वह अपना रिजल्ट देखने के लिए अपनी उत्तर पुस्तिका का भी अवलोकन कर सकता है. इसके लिए सॉफ्टवेयर के माध्यम से व्यवस्था रखी गई है कि स्टूडेंट जी भी विषय की उत्तर पुस्तिका का अवलोकन करेगा.
उससे पहले उसे उसे विषय के अध्यापक के लिए फीडबैक देना होगा. यदि स्टूडेंट द्वारा फीडबैक नहीं दिया जाता है तो उसे उस विषय की उत्तर पुस्तिका का अवलोकन नहीं हो पाएगा. उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वॉइस आंसर प्रोफेसर ओंकार सिंह का कहना है कि इस नई प्रक्रिया के माध्यम से छात्रों के माध्यम से उनके विषय अध्यापकों का फीडबैक यूनिवर्सिटी को प्राप्त होगा. इस फीडबैक के आधार पर यूनिवर्सिटी अपने एकेडमिक क्वालिटी को और अधिक बेहतर बनाने की दिशा में काम करेगी.