धमतरी : छत्तीसगढ़ में कुछ ही दिनों में मानसून आने वाला है. बरसात में धमतरी शहर को गंभीर जल भराव से बचाने के लिए नगर निगम ने सफाई अभियान शुरू किया है. जिसके तहत धमतरी नगर निगम ने शहर के बड़े नालों की सफाई अभियान शुरू कर दी है. 15 साल बाद एनएच30 में बने नालों के स्लैब तोड़कर नाली की सफाई किया जा रहा है.
जलभराव वाले एरिया के नालों की सफाई शुरू : इस अभियान के केंद्र में शहर के वह बड़े नाले और वह इलाके हैं, जहां सबसे ज्यादा जल भराव होता है. इस जल भराव के कारण लोगों के घरों और दुकानों में पानी भर जाता है. सड़के लबालब हो जाती है और यातायात भी ठप हो जाता है. इस जल भराव के कारण इस जल भराव के उतर जाने के बाद भी लोगों को कई घंटे तक सफाई में समय देना पड़ता है और शहर की एक बड़ी जनसंख्या जल भराव से परेशान होती है.
विरोध का करना पड़ रहा सामना : इस अभियान में नगर निगम के टीम को कहीं-कहीं विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है. विरोध इसलिए कि जिन दुकानों के सामने नालों की सफाई हो रही है. उन नालों के ऊपर बने स्ट्रक्चर को भी सफाई के लिए तोड़ना पड़ रहा है. इसी तोड़फोड़ से दुकानदार और व्यापारी कहीं न कहीं नाराज दिख रहे हैं.
"करीब 10 सालों बाद नालों का स्लैब उठाकर सफाई कर रहे हैं. लेकिन स्लैब उठाने के दौरान पाइप और स्ट्रक्चर को नुसान पहुंचाया जा रहा है, जो गलत है." - चिराग आथा, व्यापारी
नालों से निकाला जा रहा है मलबा : पुराना बस स्टैंड, आमापारा और देवश्री टॉकीज के आसपास के इलाकों में जेसीबी की मदद से नालों से मलबा निकाला जा रहा है. तीन-चार दिन के अभियान में ही 10 टन से ज्यादा मलमा निकाला जा चुका है. अभी भी अभियान का एक बड़ा हिस्सा बाकी है, जिससे अनुमान है कि और भी मलबा निकलेगा.
"उन्होंने स्लैब के उपर ढलाई कराई है. अगर नालों की सफाई करनी है, तो इस तरह की स्ट्रक्चर को तोड़े बिना सफाई नहीं की जा सकती. इसलिए यह इस अभियान का अपरिहार्य हिस्सा है." - शेर खान, निगम अधिकारी, धमतरी
जल भराव का मुख्य कारण ड्रेनेज सिस्टम का सही नहीं होना है, लेकिन नालों की सफाई करके काफी हद तक इससे राहत पाई जा सकती है. इसी लिए शहर के नालों की सफाई की जा रही है. नालों की अगर 15 साल बाद सफाई हो रही है तो शहरवासी उम्मीद कर सकते हैं कि आगामी बरसात में पिछली बरसाती जैसा जल भराव का संकट सामने नहीं आएगा.