अलवर : 16वें दिन भी पैंथर के ट्रैप नहीं होने से लोगों में दहशत बनी हुई है. पैंथर बीते 16 दिनों से शहर के बीच बने आर आर कॉलेज के परिसर में घूम रहा है. 2 दिन पहले भी स्थानीय लोगों ने लेपर्ड को मंदिर के पास घूमते हुए देखा था. इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई, लेकिन तब तक पैंथर अपनी जगह से दूर निकल गया. हालांकि, पैंथर दिखने के बाद से ही लगातार वन कर्मियों की टीम मॉनिटरिंग कर रही है. पैंथर को ट्रैप के लिए दो पिंजरे भी लगाए गए, लेकिन पैंथर इससे भी पकड़ में नहीं आया. अब पैंथर को पकड़ने के लिए जयपुर से बड़ा पिंजरा मंगवाया गया है.
अलवर वन मंडल के डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने बताया कि पैंथर की मूवमेंट लगातार बदल रही है. इसके चलते कई बार छोटे पिंजरे की जगह को भी उसी के अनुसार बदला गया, लेकिन पैंथर ट्रैप नहीं हो सका. इसके बाद बड़े पिंजरे की व्यवस्था की गई है, जिसे जयपुर के झालाना से अलवर मंगवाया गया है. कोशिश है कि सोमवार शाम को बड़े पिंजरे को पैंथर के पगमार्क के आसपास लगाया जाए, जिससे पैंथर इसमें ट्रैप हो सके. अभी पैंथर को प्राकृतिक तरीके से पकड़ने के प्रयास किया जा रहे हैं.
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आसपास आबादी क्षेत्र, इसलिए बरत रहे एतिहात : डीएफओ राजेंद्र हुड्डा ने कहा कि जहां पैंथर घूम रहा है, उसके आसपास आबादी क्षेत्र है, इसलिए पैंथर को पकड़ने में एतिहात बरत रहे हैं. पैंथर को पकड़ने में जल्दबाजी दिखाई तो पैंथर खतरे की आशंका के चलते आबादी क्षेत्र में पहुंच सकता है. रविवार को भी कॉलेज परिसर के जंगल क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन अभी तक पैंथर की लोकेशन का पता नहीं लग पाया.
लोकेशन ट्रेस में आ रही परेशानी : वन मंडल के वनपाल भीम सिंह ने कहा कि पैंथर के पगमार्क के अनुसार लगातार पिंजरे की लोकेशन को बदला गया. अब बड़ा पिंजरा आने के बाद पैंथर की पिंजरे में ट्रैप होने की संभावना भी बढ़ जाएगी. पैंथर को पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरों में शिकार के लिए बांधा गया है. शिकार के लिए पैंथर पहुंच भी गया, लेकिन देख कर निकल गया. पैंथर के पगमार्क पिंजरे के आसपास मिले हैं. लगातार कैमरा ट्रैप में भी पैंथर की फोटो आ रही है.