अजमेर. साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए पुलिस की ओर से की जा रही कवायद के तहत एक बड़ी सफलता अजमेर साइबर थाने की टीम को मिली है. पुलिस ने 1.24 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 19.40 लाख रुपये और 14 मोबाइल फोन बरामद किए हैं. अजमेर एसपी देवेंद्र विश्नोई ने मामले का सोमवार को खुलासा किया है. शातिर ठगों ने पीड़ित को शेयर बाजार में बड़ा मुनाफा का झांसा देकर शिकार बनाया था.
एसपी देवेंद्र बिश्नोई ने बताया कि गिरफ्तार शातिर ठगों ने एक करोड़ 24 लाख रुपये की ठगी एक ऐप के माध्यम से की है. पीड़ित ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त के साथ पुलिस को शिकायत दी थी. इसके बाद मामला दर्ज कर जांच सब इंस्पेक्टर मनीष चरण को सौंपी गई. प्रकरण में कार्रवाई करते हुए दो आरोपी हरीश शर्मा और रघुनाथ चौधरी को गिरफ्तार किया गया है.
आरोपी हरीश शर्मा के कब्जे से 16 लाख 56 हजार 800 रुपये नकद और दो स्मार्ट फोन बरामद किए गए हैं, जबकि रघुनाथ के कब्जे से 11 स्मार्ट फोन, एक कीपैड फोन चार बैंक की पासबुक (अन्य व्यक्तियों के नाम से), 8 डेबिट कार्ड (अन्य व्यक्तियों के नाम से), 8 सिम कार्ड और 2 लाख 90 हजार जब्त किए हैं. दोनों आरोपियों से कुल 19 लाख 40 हजार 800 रुपये बरामद किए गए हैं. वहीं, 8 लाख 75 हजार रुपये दोनों के बैंक खातों में थे, जिन्हें फ्रिज करवाया गया है.
शातिराना तरीके से करते थे ऑनलाइन लेन देन : एसपी देवेंद्र विश्नोई ने बताया कि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अच्छा मुनाफा कमाने का लालच देकर शातिर ठग लोगों को निवेश के नाम पर फंसाते थे. साथ ही उनसे बैंक खातों में रकम डलवाकर उस राशि को क्रिप्टो करेंसी या अमेरिकन डॉलर में बदलकर अन्य खाते में स्थानांतरण करवाने के बाद बैंक से भारतीय मुद्रा में नकदी निकलवा लेते थे. उन्होंने बताया कि अन्य आरोपियों गिरफ्तार से पहले उनके खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं. उसके बाद जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा.
आरोपी ठगों का नेटवर्क खंगाल रही है पुलिस : उन्होंने बताया कि नागौर जिले के कुचेरा थाना क्षेत्र में मारुकावास निवासी हरीश शर्मा और नागौर के डेगाना क्षेत्र में निवासी रघुनाथ चौधरी को गिरफ्तार किया गया है. दोनों आरोपियों का पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. 18 से 22 वर्ष की आयु के दोनों आरोपी हैं. पड़ताल में सामने आया कि मेड़ता और खाटू क्षेत्र के कुछ युवक भी आरोपियों से जुड़े हुए हैं. इनमें से कइयों ने कमीशन के चक्कर में अपना बैंक खाता आरोपियों को दे रखा था तो कुछ ग्राहक लाकर देने का काम कर रहे थे. ऐसे 28 आरोपियों को नामजद किया गया है. प्रकरण में सारा लेन देन ऑनलाइन हुआ है. आरोपियों के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है.
पीड़ित को ऐसे फंसाया : एसपी देवेंद्र बिश्नोई ने बताया कि अलग-अलग ऐप्स के माध्यम से ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है. एक प्रकरण में आरोपियों ने 1 करोड़ 24 लाख रुपए की ठगी की है. पीड़ित ने पहले निवेश की गई रकम में अच्छा मुनाफा देखकर परिचितों से और भी रकम उधार लेकर आरोपियों के बहकावे में निवेश की थी. शेयर मार्केटिंग से जुड़ी हुई कई फर्मों के खुद के ऐप हैं, जिनसे मिलती जुलती कई फर्जी ऐप्स भी गूगल पर मिल जाते हैं. इसको लोग असल समझ लेते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं. ऐसे ही फर्जी ऐप को असल मानकर पीड़ित ने भी निवेश किया था.