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मिलावट के खिलाफ प्रदेश में बड़ी कार्रवाई, नामी कंपनियों के मसाले मिले अनसेफ, मसालों को किया जाएगा सीज - Campaign against adulteration

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 8, 2024, 11:31 AM IST

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने मिलावटखोरों के विरूद्ध भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने तथा इन अनसेफ मसालों को तत्काल प्रभाव से सीज किए जाने के निर्देश दिए हैं.

सीज किए जाने के निर्देश
सीज किए जाने के निर्देश (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. प्रदेश में मिलावट के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत की गई प्रभावी कार्रवाई में देश की नामी मसाला कम्पनियों के उत्पाद अनसेफ पाए गए हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने इन कम्पनियों के विरूद्ध भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने तथा इन अनसेफ मसालों को तत्काल प्रभाव से सीज किए जाने के निर्देश दिए हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में मसालों के सैम्पल लेने के लिए 8 मई, 2024 को विशेष अभियान चलाया गया था. इस अभियान के तहत नामी कम्पनियों सहित विभिन्न कम्पनियों के मसालों के प्रदेशभर में कुल 93 नमूने लिए गए. राज्य केंद्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाल की जांच रिपोर्ट के अनुसार कुछ नमूनों में पेस्टीसाइड एवं इनसेक्टीसाइड की मात्रा काफी अधिक पाई गई.

कार्रवाई के लिए लिखा पत्र : सिंह ने बताया कि राज्य के सभी अभिहीत अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर अनसेफ पाए गए मसालों को सीज करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, एमडीएच मसालों की निर्माण इकाई हरियाणा में होने, एवरेस्ट एवं गजानंद मसालों की निर्माण इकाई गुजरात में होने के कारण वहां के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. साथ ही भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी इन मामलों में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है.

पढ़ें: मिलावट के खिलाफ राजस्थान का सफल अभियान, एन्फोर्समेंट सैम्पल लेने में देश में प्रथम पायदान पर

निर्धारित मात्रा से ज्यादा मिला पेस्टीसाइड : खाद्य सुरक्षा आयुक्त इकबाल खान ने बताया कि जांच में एमडीएच, एवरेस्ट, गजानंद, श्याम, शीबा ताजा जैसी नामी कपंनियों के मसाले अनसेफ पाए गए हैं. एमडीएच कंपनी के गरम मसाला में एसिटामिप्रिड, थियामेथोक्साम, इमिडाक्लोप्रिड, सब्जी मसाला एवं चना मसाला में ट्राईसाइलाजोन, प्रोफिनोफोस, श्याम कंपनी के गरम मसाला में एसिटामिप्रिड, शीबा ताजा कंपनी के रायता मसाला में थियामेथोक्साम एवं एसिटामिप्रिड, गजानंद कंपनी के अचार मसाला में इथियोन तथा एवरेस्ट कंपनी के जीरा मसाला में एजोक्सीस्ट्रोबिन व थियामेथोक्साम पेस्टीसाइड/इनसेक्टीसाइड निर्धारित मात्रा से काफी अधिक पाए गए, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है.

अन्य मसालों के भी लिए जाएंगे नमूने : खान ने बताया कि इन कंपनियों के अन्य मसालों तथा अनसेफ बैच के अतिरिक्त अन्य बैचों के भी नमूने लिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इन ब्रांड के मसालों के संबंधित लॉट या बैच को निर्माता, सी एण्ड एफ, डिस्ट्रीब्यूटर एवं हॉलसेलर के यहां से तत्काल प्रभाव से सीज किए जाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इन ब्रांड के अन्य मसाला एवं मसाला पाउडर के सैम्पल लेने के भी निर्देश दिए हैं. इसके लिए हरियाणा एवं गुजरात के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को भी पत्र लिखा गया है.

जयपुर. प्रदेश में मिलावट के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत की गई प्रभावी कार्रवाई में देश की नामी मसाला कम्पनियों के उत्पाद अनसेफ पाए गए हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने इन कम्पनियों के विरूद्ध भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने तथा इन अनसेफ मसालों को तत्काल प्रभाव से सीज किए जाने के निर्देश दिए हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में मसालों के सैम्पल लेने के लिए 8 मई, 2024 को विशेष अभियान चलाया गया था. इस अभियान के तहत नामी कम्पनियों सहित विभिन्न कम्पनियों के मसालों के प्रदेशभर में कुल 93 नमूने लिए गए. राज्य केंद्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाल की जांच रिपोर्ट के अनुसार कुछ नमूनों में पेस्टीसाइड एवं इनसेक्टीसाइड की मात्रा काफी अधिक पाई गई.

कार्रवाई के लिए लिखा पत्र : सिंह ने बताया कि राज्य के सभी अभिहीत अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर अनसेफ पाए गए मसालों को सीज करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, एमडीएच मसालों की निर्माण इकाई हरियाणा में होने, एवरेस्ट एवं गजानंद मसालों की निर्माण इकाई गुजरात में होने के कारण वहां के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. साथ ही भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी इन मामलों में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है.

पढ़ें: मिलावट के खिलाफ राजस्थान का सफल अभियान, एन्फोर्समेंट सैम्पल लेने में देश में प्रथम पायदान पर

निर्धारित मात्रा से ज्यादा मिला पेस्टीसाइड : खाद्य सुरक्षा आयुक्त इकबाल खान ने बताया कि जांच में एमडीएच, एवरेस्ट, गजानंद, श्याम, शीबा ताजा जैसी नामी कपंनियों के मसाले अनसेफ पाए गए हैं. एमडीएच कंपनी के गरम मसाला में एसिटामिप्रिड, थियामेथोक्साम, इमिडाक्लोप्रिड, सब्जी मसाला एवं चना मसाला में ट्राईसाइलाजोन, प्रोफिनोफोस, श्याम कंपनी के गरम मसाला में एसिटामिप्रिड, शीबा ताजा कंपनी के रायता मसाला में थियामेथोक्साम एवं एसिटामिप्रिड, गजानंद कंपनी के अचार मसाला में इथियोन तथा एवरेस्ट कंपनी के जीरा मसाला में एजोक्सीस्ट्रोबिन व थियामेथोक्साम पेस्टीसाइड/इनसेक्टीसाइड निर्धारित मात्रा से काफी अधिक पाए गए, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है.

अन्य मसालों के भी लिए जाएंगे नमूने : खान ने बताया कि इन कंपनियों के अन्य मसालों तथा अनसेफ बैच के अतिरिक्त अन्य बैचों के भी नमूने लिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इन ब्रांड के मसालों के संबंधित लॉट या बैच को निर्माता, सी एण्ड एफ, डिस्ट्रीब्यूटर एवं हॉलसेलर के यहां से तत्काल प्रभाव से सीज किए जाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इन ब्रांड के अन्य मसाला एवं मसाला पाउडर के सैम्पल लेने के भी निर्देश दिए हैं. इसके लिए हरियाणा एवं गुजरात के खाद्य सुरक्षा आयुक्त को भी पत्र लिखा गया है.

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