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कवर्धा के डायरिया प्रभावित गांव पहुंचे भूपेश, कहा- बैगाओं के मौत का कारण साय सरकार की नाकामी - Kawardha diarrhea affected village - KAWARDHA DIARRHEA AFFECTED VILLAGE

कवर्धा के डायरिया प्रभावित गांव शनिवार को भूपेश बघेल पहुंचे. यहां के अस्पताल जाकर मरीजों से मुलाकात की. इस दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि साय सरकार की नाकामी के कारण बैगाओं की मौत हो रही है.

Kawardha diarrhea affected village
कवर्धा के डायरिया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 13, 2024, 9:42 PM IST

कवर्धा के डायरिया प्रभावित गांव पहुंचे भूपेश (ETV Bharat)

कवर्धा: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल कवर्धा के डायरिया प्रभावित गांव पहुंचे. भूपेश बघेल ने उल्टी-दस्त से आदिवासियों की मौत को लेकर साय सरकार को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही कहा कि बैगाओं की मौत का कारण साय सरकार की नाकामी है.इस दौरान पूर्व सीएम ने स्वाथ्य विभाग और राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने ग्राम सोनवाही में 5 बैगा आदिवासियों की उल्टी दस्त से मौत को जिला प्रशासन द्वारा छुपाने की कोशिश का आरोप लगाया है.

उल्टी दस्त से बैगाओं की मौत: दरअसल, कबीरधाम जिला के बैगा बाहुल्य क्षेत्र सोनवाही गांव में बीते तीन दिनों में उल्टी-दस्त से दो बैगा आदिवासियों की मौत हो गई थी. मौत की सूचना के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल तेज बारिश में डायरिया प्रभावित गांव सोनवाही पहुंचे. साथ ही मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की. इसके साथ ही वनांचल क्षेत्र के ग्राम झलमला के समुदियिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना और डॉक्टरों से मरीजों के बारे में जानकारी ली. इस दौरान पूर्व सीएम ने मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने की बात कही.

सोनवाही गांव में उल्टी दस्त से मौत होने के बाद स्वास्थ्य कैम्प लगाया गया. शुक्रवार को 94 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है, जिसमें 25 ग्रामीण मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों के घर में मच्छर दानी वितरण किए. वह भी उन्हीं लोगों को मच्छरदानी दी गई, जिनके घर में मरीज मिले है, जबकि सोनवाही गांव के सभी घरों में मच्छर दानी वितरण करना चाहिए. प्रशासन को बारिश से पहले शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करनी चाहिए थी, लेकिन ग्रामीण मजबूरी में कुआं का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. क्षेत्र में अस्पताल तो बनाया गया है, लेकिन अस्पताल में डाक्टर नहीं हो तो इलाज कैसे होगा? अभी जब हम मरीजों से मिलने पहुंचे तो एक व्यक्ति अपनी पत्नी को उल्टी-दस्त का इलाज करने पहुंचा था लेकिन अस्पताल आते ही पति गिरकर तड़पने लगा. ये हालात है वनांचल की.बैगा जनजाति विशेष जनजाति हैं. इनको पर्याप्त सुविधा मिलनी चाहिए.- भूपेश बघेल, पूर्व सीएम, छत्तीसगढ़

बता दें कि कबीरधाम जिले के लगभग पांच से अधिक गांव को डायरिया ने अपनी चपेट में ले लिया है. अब तक 5 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इससे पहले जिले के कोयलरी और दैहानडीह और गोपाल भावना गांवों में भी डायरिया फैला हुआ था. कोयलारी डायरिया के चपेट में आने से ग्रामीणों की मौत हुई है.

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कवर्धा के डायरिया प्रभावित गांव पहुंचे भूपेश (ETV Bharat)

कवर्धा: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल कवर्धा के डायरिया प्रभावित गांव पहुंचे. भूपेश बघेल ने उल्टी-दस्त से आदिवासियों की मौत को लेकर साय सरकार को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही कहा कि बैगाओं की मौत का कारण साय सरकार की नाकामी है.इस दौरान पूर्व सीएम ने स्वाथ्य विभाग और राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने ग्राम सोनवाही में 5 बैगा आदिवासियों की उल्टी दस्त से मौत को जिला प्रशासन द्वारा छुपाने की कोशिश का आरोप लगाया है.

उल्टी दस्त से बैगाओं की मौत: दरअसल, कबीरधाम जिला के बैगा बाहुल्य क्षेत्र सोनवाही गांव में बीते तीन दिनों में उल्टी-दस्त से दो बैगा आदिवासियों की मौत हो गई थी. मौत की सूचना के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल तेज बारिश में डायरिया प्रभावित गांव सोनवाही पहुंचे. साथ ही मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की. इसके साथ ही वनांचल क्षेत्र के ग्राम झलमला के समुदियिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना और डॉक्टरों से मरीजों के बारे में जानकारी ली. इस दौरान पूर्व सीएम ने मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने की बात कही.

सोनवाही गांव में उल्टी दस्त से मौत होने के बाद स्वास्थ्य कैम्प लगाया गया. शुक्रवार को 94 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है, जिसमें 25 ग्रामीण मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों के घर में मच्छर दानी वितरण किए. वह भी उन्हीं लोगों को मच्छरदानी दी गई, जिनके घर में मरीज मिले है, जबकि सोनवाही गांव के सभी घरों में मच्छर दानी वितरण करना चाहिए. प्रशासन को बारिश से पहले शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करनी चाहिए थी, लेकिन ग्रामीण मजबूरी में कुआं का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. क्षेत्र में अस्पताल तो बनाया गया है, लेकिन अस्पताल में डाक्टर नहीं हो तो इलाज कैसे होगा? अभी जब हम मरीजों से मिलने पहुंचे तो एक व्यक्ति अपनी पत्नी को उल्टी-दस्त का इलाज करने पहुंचा था लेकिन अस्पताल आते ही पति गिरकर तड़पने लगा. ये हालात है वनांचल की.बैगा जनजाति विशेष जनजाति हैं. इनको पर्याप्त सुविधा मिलनी चाहिए.- भूपेश बघेल, पूर्व सीएम, छत्तीसगढ़

बता दें कि कबीरधाम जिले के लगभग पांच से अधिक गांव को डायरिया ने अपनी चपेट में ले लिया है. अब तक 5 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इससे पहले जिले के कोयलरी और दैहानडीह और गोपाल भावना गांवों में भी डायरिया फैला हुआ था. कोयलारी डायरिया के चपेट में आने से ग्रामीणों की मौत हुई है.

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