कबीरधाम: भोरमदेव अभयारण्य में 28 और 29 सितंबर को तितली सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है. तितली सम्मेलन का आयोजन भोरमदेव वन्य जीव अभयारण्य की ओर से किया गया है. सम्मेलन का मकसद तितलियों की दुनियां और उनकी खूबसूरती को लोगों के सामने लाना है. इसके साथ ही उनके संख्या में इजाफा और उनकी सुरक्षा पर भी शोधकर्ता चर्चा करेंगे. दो दिवसीय आयोजन में देशभर के 14 राज्यों से जाने माने फोटोग्राफर और रिसर्च के क्षेत्र में काम करने वाले लोग पहुंचेंगे.
भोरमदेव में तितली सम्मेलन 2024: तितली के स्वर्ग के रुप में जाने जाने वाले भोरमदेव में आने के लिए पिछले दो महीनों से रजिस्ट्रेशन कराने का काम 31 अगस्त तक चला. तितली सम्मेलन में 14 राज्यों के करीब 230 छात्र और शोधकर्ता पहुंचेंगे. भोरमदेव वंन मंडल की कोशिश है कि तितलियों के स्वर्ग को और डेवलप और तितलियों के लिए अनुकूल बनाया जाए. आयोजन के जरिए वन मंडल लोगों को भोरमदेव में पाए जाने वाले तितलियों के अलग अलग प्रजातियों से भी रुबरू कराएगा, उनकी खासियत भी बताएगा.
''पहली बार भोरमदेव अभयारण्य में तितली सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन का मकसद है लोगों को अलग अलग तितलियों के बारे में बताना. उनकी गितनी करना और उनके संरक्षण की कोशिश पर बल देना. हमारी कोशिश है कि यहां आए लोगों के जरिए हम तितलियों की अलग अलग प्रजातियों की भी पहचान करेंगे. खास तौर से ऑरेंज को लीफ तितली और बटरफ्लाई तितली को हाई लाइट करना है''. - शशि कुमार, वन मंडल अधिकारी, भोरमदेव
ऑरेंज को लीफ, बटरफ्लाई तितली को किया जाएगा हाई लाइट: आयोजन को सफल बनाने के लिए भोरमदेव वन मंडल के अधिकारी और कर्मचारी दोनों जुटे हैं. कार्यक्रम के जरिए लोगों को भी जागरुक किया जाएगा. लोगों को ये बताया जाएगा कि तितलियों की दुनियां कैसी होती है. इंसानों के लिए तितलियां क्यों जरुरी हैं. लोगों को उनके संरक्षण के बारे में भी जागरुक किया जाएगा. अगल अगल तितलियों को किस किस नाम से पुकारा जाता है ये भी बताया जाएगा. तितलियों की प्रजातियों के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है.
तितलियों का स्वर्ग है भोरमदेव: भोरमदेव अभयारण्य में 100 से ज्यादा प्रजातियों की तितलियां मौजूद हैं. इनमें से सबसे खास है ऑरेंज लीफ बटरफ्लाई. इसकी खूबसूरती और इसका चटख रंग पहली नजर में ही मन मोह लेता है. भोरमदेव में कई ऐसी तितलियां मिलती हैं जो भारत के बाकी जगहों पर नहीं पाई जाती. इसी वजह से भोरमदेव अभयारण्य को तितलियों का स्वर्ग कहा जाता है.