बीजापुर: भोपालपटनम के धनगोल गांव के आदिवासियों ने आपसी सहयोग से जुगाड़ की पुलिया बना डाली है. ग्रामीणों की शिकायत थी कि वो सालों से यहां पर पुलिया बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. उनकी मांग को न सरकार ने सुना न जनप्रतिनिधियों ने. जब चारों ओर से गांववाले निराश हो गए तब उन लोगों ने खुद ही समस्या का समाधान करने की ठान ली. गांव वालों ने पहले तो आपस में 100 सौ रुपए चंदा किया. फिर ताड़ के पेड़ का जुगाड़ पुलिया के लिए किया. फिर सामूहिक श्रमदान कर लोगों ने पुलिया निर्माण का काम शुरु किया.
आदिवासियों ने बना डाला जुगाड़ का पुलिया: गांव वालों ने चंदे के जरिए काम शुरु कर दिया है. गांव वालों का कहना है कि तीन से चार दिनों के भीतर टूटे हुए पुलिया पर नया रपटा बनकर तैयार हो जाएगा. इस रपटे से पैदल वाले लोग और दोपहिया वाहन भी गुजर सकेंगे. गांव वालों का कहना है कि बारिश के मौसम में रपटे में पानी काफी तेज होता है. रपटे को पार करना जान जोखिम में डालने के बराबर है. रपटा बन जाएगा तो उनको आने जाने में दिक्क नहीं होगी. सालों से वो पुलिया निर्माण के लिए गुहार लगा रहे हैं पर किसी ने उनकी नहीं सुनी.
''अंगमपल्ली पंचायत के धनगोल गांव को जोड़ने वाला पुलिया टूटा है. कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ ने इस मामले को अपने संज्ञान में लिया है. अफसरों के आदेश पर प्रस्ताव तैयार किया गया है. इंजीनियरिंग टीम ने इस्टीमेट तैयार कर कहा है कि 19 लाख की लागत से पुलिया का निर्माण होगा. बारिश कम होते ही निर्माण कार्य शुरु कर दिया जाएगा''. - दिलीप उईके, सीईओ, जनपद पंचायत भोपालपटनम
प्रशासन ने तोड़ा गांव वालों का दिल: गांव वालों का कहना है कि वो लगातार जिला प्रशासन से पुलिया निर्माण के लिए मदद मांग रहे हैं. पर कभी भी उनकी मांगों पर जिले के अफसरों और नेताओं ने ध्यान नहीं दिया. नेशनल हाइवे से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर ही धनगोल गांव बसा है. हाइवे से कच्ची सड़क गांव तक जाती है. रास्ते में ये बरसाती नाला पड़ता है. पांच साल पहले नाले पर पुलिया बनी थी. जो अब ढह चुकी है. धनगोल गांव में करीब 50 परिवार रहते हैं. मरीज को यहां से ले जाने के लिए गांव में एंबुलेंस तक नहीं आ पाती.