भोपाल. अब बिना बिजली जलाए आने वाला बिल नहीं आएगा. विद्युत नियामक आयोग (Madhya Pradesh Electricity Regulatory Commission) ने बिजली का नया टैरिफ भी जारी कर दिया है. नया टैरिफ 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा और इसमें महज 0.07 फीसदी का इजाफा किया गया है. साथ ही आयोग ने बिलों पर लगने वाले मीटरिंग प्रभार और न्यूनतम प्रभार को पूरी तरह से खत्म कर दिया है. इससे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल (electricity bill) में राहत मिलेगी.
पहली बार हटाया गया न्यूनतम प्रभार
बता दें कि ये पहला मौका है जब न्यूनतम प्रभार पहली बार खत्म किया गया है. यानी आपने बिजली नहीं जलाई तो बिल भी नहीं आएगा। उधर टैरिफ में जो 0.07 फ़ीसदी का इजाफा किया गया है वह भी सिर्फ स्ट्रीट लाइट वाली बिजली के लिए किया गया है. यानी आम घरेलू उपभोक्ताओं पर बिजली की दरों में बढ़ोतरी का कोई असर नहीं होगा. घरेलू बिजली के अलावा गैर घरेलू औद्योगिक और कृषि की बिजली घरों में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है.
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ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली महंगी
विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी की गई नई दरों में ई व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली महंगी कर दी गई है. अभी इनकी दरें 6.79 रुपए प्रति यूनिट थीं, जिसे बढ़ाकर 6.190 प्रति यूनिट कर दिया गया है. हालांकि, ऐसे चार्जिंग स्टेशन जिनका लोड 112 किलोवाट से ज्यादा है, उन्हें फायदा दिया गया है. ऐसे चार्जिंग स्टेशन को अब 6.96 प्रति यूनिट के स्थान पर 6.90 प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बिल देना होगा. गौरतलब है की बिजली कंपनियों द्वारा अपनी याचिका में 2046 करोड़ का घाटा दिखाते हुए बिजली की दरों में 3.86 प्रतिशत की बढ़ोतरी किए जाने का प्रस्ताव रखा था.
क्या है मिनिमम बिलिंग सिस्टम
देश के अधिकांश राज्यों में बिजली कंपनियों का एक सिस्टम है जिसमें बिजली कनेक्शन और मीटर के लिए एक मिनिमम चार्ज उपभोक्ताओं से वसूला जाता है. इसके तहत कोई शख्स अपने घर या प्रतिष्ठान में बिजली कनेक्शन लेता है तो उसे एक अमाउंट सरचार्ज के रुप में पे करना होता है. मगर मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (mperc) के नए फैसले के तहत बिजली नहीं जलाने और घर-प्रतिष्ठान बंद होने पर कंपनियां न्यूनतम सरचार्ज नहीं वसूल सकतीं.