भोपाल: राजधानी में मंगलवार को विशेष न्यायालय द्वारा व्यापम प्रकरण में 4 आरोपियों को सजा सुनाई गई है. साल 2012 में आयोजित की गई वनरक्षक भर्ती परीक्षा में आरोपियों ने अपने स्थान पर दूसरे आरोपियों को बैठाकर परीक्षा पास की थी. इस पूरे मामले में कुल 4 आरोपियों को 7-7 साल की सजा और ₹10000 का अर्थ दंड भी लगाया गया है.
विशेष कोर्ट ने सुनाई सजा
भोपाल में विशेष न्यायालय द्वारा मंगलवार को सीबीआई व्यापम प्रकरण के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने सुनवाई करते हुए सजा सुनाई. एसटीएफ भोपाल के अपराध क्रमांक 12/2015, 15.04.2014 मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार सीबीआई ने अग्रिम विवेचना कर पूरक अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था. इस पूरे मामले में कुल 04 आरोपियों को प्रत्येक को सात-सात साल के कठोर कारावास और दस-दस हजार रूपए के अर्थ दंड से भी दंडित किया है.
मध्य प्रदेश वन रक्षक भर्ती परीक्षा 2012
सीबीआई के लोक अभियोजक सुशील कुमार पाण्डेय ने बताया कि "व्यापम द्वारा साल 2012 में मध्य प्रदेश वन रक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसमें 04 अभ्यर्थियों रामचित्र कौशल, भूप सिंह, शेर सिंह जाटव तथा राजेश सोलंकी ने अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति (प्रतिरूपक) को लिखित परीक्षा में बैठा कर पास करने के लिए दलालों और मध्यस्थों से मिलीभगत कर परीक्षा पास की थी. उक्त चारों अभ्यर्थी के स्थान पर अज्ञात प्रतिरूपकों ने परीक्षा दी थी. परिणाम स्वरूप सभी 4 अभ्यार्थियों मध्य प्रदेश वन रक्षक भर्ती परीक्षा-2012 में पास हो गए थे.
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7-7 साल की सजा से दंडित
विशेष कोर्ट ने कई गवाहों, दस्तावेजों और आर्टिकल्स के आधार पर सभी चारों अभ्यर्थियों रामचित्र कौशल, भूप सिंह, शेर सिंह जाटव तथा राजेश सोलंकी को सजा सुनाई और सभी को न्यायालय ने सात-सात वर्ष कठोर कारावास तथा दस-दस हजार रुपए अर्ध दण्ड से भी दण्डित किया है.