भोपाल. माना जा रहा है कि विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले मंत्रियों को प्रभार के जिले सौंप दिए जाएंगे. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तैयार की गई नई ट्रांसफर पॉलिसी को जल्द ही डॉ. मोहन यादव कैबिनेट में रखा जाने वाला है. बताया जा रहा है कि इस पॉलिसी में कई प्रावधान किए गए हैं. तबादलों में प्रभारी मंत्रियों की भूमिका एक बार फिर महत्वपूर्ण होगी. एक जिल से दूसरे जिले में ट्रांसफर के लिए प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर विभागीय मंत्री ट्रांसफर कर सकेंगे.
जिले के अंदर प्रभारी मंत्री कर सकेंगे ट्रांसफर
जिले के अंदर होने वाले तमाम ट्रांसफर प्रभारी मंत्री बिना विभागीय मंत्री के अनुमोदन के भी कर सकेंगे. इसके लिए विभागीय मंत्री तक फाइल मूवमेंट की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. ट्रांसफर में प्रभारी मंत्री के अलावा स्थानीय विधायक, सांसद और सत्तारूढ़ दल के नेताओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी. विभागीय स्तर पर तैयार होने वाली ट्रांसफर सूची में इनकी सिफारिशें महत्वपूर्ण होगीं.
स्कूल शिक्षा विभाग की अलग तारीख होगी घोषित
ट्रांसफर पॉलिसी स्कूल शिक्षा विभाग को छोड़कर जारी होगी. यानी इस ट्रांसफर पॉलिसी में स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारी और शिक्षक शामिल नहीं होंगे. स्कूल शिक्षा विभाग की अलग से ट्रांसफर पॉलिसी जारी होगी. हालांकि, हर साल स्कूल खुलने के पहले ही टीचर्स के तबादलों की प्रक्रिया पूरी कर ली जाती थी, जिससे पढ़ाई प्रभावित न हो लेकिन इस बार चुनाव के चलते इसमें विलंब हुआ है.
स्कूल शिक्षा के तबादले ऑनलाइन होंगे
स्कूल शिक्षा विभाग के टीचर्स के तबादलों में इस बार भी ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इसके लिए टीचर्स को तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन कर अपने पसंद के स्थानों को क्रमबद्ध तरीके से बताना होगा, इन्हीं स्थानों पर तबादले किए जाएंगे. इसके लिए विभाग द्वारा खाली स्थानों की जानकारी बुलाई गई है. स्कूल टीचर्स के लिए जहां ऑनलाइन व्यवस्था अपनाई जा रही है, वहीं बाकी कर्मचारी को ऑफलाइन ही ट्रांसफर के लिए आवेदन करना होगा. प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद ही विभागीय मंत्री इन आवेदनों पर विचार करेंगे.
15 दिनों के लिए हटाई जा सकती है रोक
इस बार तबादलों से रोक 15 दिनों के लिए हटाई जा सकती है. हालांकि, इसके लिए अभी तक तारीख का ऐलान नहीं हुआ है. आगामी कैबिनेट बैठक में ट्रांसफर पॉलिसी का प्रस्ताव रखा जाएगा. हालांकि, यह तभी होगा तब मंत्रियों को जिलों का आवंटन कर दिया जाएगा. माना जा रहा है कि विधानसभा सत्र के पहले जिले आवंटित कर दिए जाएंगे.