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मध्य प्रदेश में SP बनने के लिए IPS होना जरुरी नहीं! मोहन यादव ने इन जिलों के लिए दी हरी झंडी - MP Non IPS Promote SP

मध्य प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का आईपीएस स्तर के पदों पर प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है. मोहन यादव ने भी इसके लिए हरी झंडी दे दी है. प्रदेश के 16 जिलों में एसपी और 7 बटालियनों में कमांडेंट बनाए जा सकते हैं.

MP NON IPS PROMOTE SP
मध्य प्रदेश राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी बनेंगे एसपी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 1, 2024, 8:46 PM IST

Updated : Oct 1, 2024, 9:36 PM IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में अब एसपी बनने के लिए आईपीएस होना जरुरी नहीं होगा. प्रदेश सरकार पुलिस महकमे में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है. इसको लेकर सीएम डॉ मोहन यादव ने भी हरी झंडी दे दी है. अब सरकार जल्द ही राज्य पुलिस सेवा का कैडर रिव्यू करने वाली है. इससे अब राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का भी आईपीएस स्तर के पदों पर प्रमोशन हो सकेगा. इन अधिकारियों के कंधे पर अशोक चिन्ह के साथ स्टार सजेगा.

दूसरे राज्यों में एसपीएस के अधिकारियों का प्रमोशन नियम

बता दें कि देश में अभी असम, पंजाब और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में सीनियर पुलिस अधिकारियों को सीधे एसपी और डीआईजी जैसे पदों पर प्रमोट किया जाता है. ऐसे अधिकारियों के लिए प्रदेश में 30 प्रतिशत जिले और इतनी ही प्रतिशत बटालियन में प्रमोशन दिया जा सकता है. अब इसी नियम को एमपी सरकार भी लागू करने जा रही है. इसके तहत एमपी के 16 जिलों और 7 बटालियन में राज्य सेवा के सीनियर पुलिस अधिकारियों को एसपी और डीआइजी के पद पर प्रमोशन दिया जाएगा. इसको लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी अभिमत मांगा है.

16 जिलों में एसपी बन सकेंगे नॉन आईपीएस अधिकारी

राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को प्रदेश के 16 जिलों में एसपी और 7 बटालियनों में कमांडेंट बनाया जा सकता है. इन जिलों में मैहर, पांढुर्ना, मऊगंज, अलीराजपुर, डिंडोरी, हरदा, राजगढ़, आगर मालवा, निवाड़ी, अनूपपुर, उमरिया, बड़वानी, श्योपुर, नीमच, इंदौर देहात और भोपाल देहात शामिल हैं. वहीं, 5वीं वाहिनी मुरैना, 17वीं वाहिनी भिण्ड, 18वीं वाहिनी शिवपुरी, 23वीं वाहिनी भोपाल, 34वीं वाहिनी जावरा, 10वीं वाहिनी सागर और 29वीं वाहिनी दतिया शामिल है. इसके अलावा आरएटीपीसी इंदौर में भी सेनानी के रूप में पदस्थ किया जा सकता है.

वर्तमान में एसपीएस अधिकारियों की ये है स्थिति

रिटायर्ड डीजीपी आरएसएल यादव ने बताया कि "वर्तमान में मध्यप्रदेश पुलिस में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के कुल 1269 पद स्वीकृत हैं. इनमें से 1004 पद उप पुलिस अधीक्षक/सहायक सेनानी के और बाकी 265 पद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक/उप सेनानी के हैं. राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के 50 फीसदी पद मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती से भरे जाते हैं. बाकी 50 प्रतिशत पद निरीक्षक और इसके समकक्ष संवर्ग से पदोन्नति से भरे जाते हैं. मप्र में राज्य प्रशासनिक सेवा (एसएएस) में 2006 बैच के डिप्टी कलेक्टर प्रमोशन पाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के लिए चुने जा चुके हैं और राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के 1997 बैच के अधिकारी अब भी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में चयन का इंतजार कर रहे हैं."

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एसपीएस एसोसिएशन ने की मांग

एसपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित सक्सेना का कहना है कि "राज्य पुलिस सेवा के अफसरों में पदोन्नतियां बहुत देर से हो रही हैं. कॅरियर में कई अफसर जिस पद से भर्ती हुए, वहीं से रिटायर भी हो जाएंगे. एसपीएस संगठन इसी जड़त्व को खत्म करवाने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए एसोसिएशन ने सीएम डॉ मोहन यादव से मांग की है कि अभी सीधी भर्ती के आईपीएस के करीब 60 पद खाली हैं, उन पर वन टाइम एक्जेंप्शन देकर एसपीएस अफसरों को पदोन्नत किया जाए. लगातार लेट होते हमारे कैडर रिव्यू के कारण एक कैडर रिव्यू का नुकसान हो रहा है. इसलिए एक अतिरिक्त कैडर रिव्यू किया जाए. पहले की तरह एसपीएस अफसरों को एसपी व सेनानी के प्रभार दिए जाएं. नॉन कैडर पदों पर एसपीएस की ही पदस्थापना हो."

भोपाल: मध्य प्रदेश में अब एसपी बनने के लिए आईपीएस होना जरुरी नहीं होगा. प्रदेश सरकार पुलिस महकमे में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है. इसको लेकर सीएम डॉ मोहन यादव ने भी हरी झंडी दे दी है. अब सरकार जल्द ही राज्य पुलिस सेवा का कैडर रिव्यू करने वाली है. इससे अब राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का भी आईपीएस स्तर के पदों पर प्रमोशन हो सकेगा. इन अधिकारियों के कंधे पर अशोक चिन्ह के साथ स्टार सजेगा.

दूसरे राज्यों में एसपीएस के अधिकारियों का प्रमोशन नियम

बता दें कि देश में अभी असम, पंजाब और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में सीनियर पुलिस अधिकारियों को सीधे एसपी और डीआईजी जैसे पदों पर प्रमोट किया जाता है. ऐसे अधिकारियों के लिए प्रदेश में 30 प्रतिशत जिले और इतनी ही प्रतिशत बटालियन में प्रमोशन दिया जा सकता है. अब इसी नियम को एमपी सरकार भी लागू करने जा रही है. इसके तहत एमपी के 16 जिलों और 7 बटालियन में राज्य सेवा के सीनियर पुलिस अधिकारियों को एसपी और डीआइजी के पद पर प्रमोशन दिया जाएगा. इसको लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी अभिमत मांगा है.

16 जिलों में एसपी बन सकेंगे नॉन आईपीएस अधिकारी

राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को प्रदेश के 16 जिलों में एसपी और 7 बटालियनों में कमांडेंट बनाया जा सकता है. इन जिलों में मैहर, पांढुर्ना, मऊगंज, अलीराजपुर, डिंडोरी, हरदा, राजगढ़, आगर मालवा, निवाड़ी, अनूपपुर, उमरिया, बड़वानी, श्योपुर, नीमच, इंदौर देहात और भोपाल देहात शामिल हैं. वहीं, 5वीं वाहिनी मुरैना, 17वीं वाहिनी भिण्ड, 18वीं वाहिनी शिवपुरी, 23वीं वाहिनी भोपाल, 34वीं वाहिनी जावरा, 10वीं वाहिनी सागर और 29वीं वाहिनी दतिया शामिल है. इसके अलावा आरएटीपीसी इंदौर में भी सेनानी के रूप में पदस्थ किया जा सकता है.

वर्तमान में एसपीएस अधिकारियों की ये है स्थिति

रिटायर्ड डीजीपी आरएसएल यादव ने बताया कि "वर्तमान में मध्यप्रदेश पुलिस में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के कुल 1269 पद स्वीकृत हैं. इनमें से 1004 पद उप पुलिस अधीक्षक/सहायक सेनानी के और बाकी 265 पद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक/उप सेनानी के हैं. राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के 50 फीसदी पद मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती से भरे जाते हैं. बाकी 50 प्रतिशत पद निरीक्षक और इसके समकक्ष संवर्ग से पदोन्नति से भरे जाते हैं. मप्र में राज्य प्रशासनिक सेवा (एसएएस) में 2006 बैच के डिप्टी कलेक्टर प्रमोशन पाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के लिए चुने जा चुके हैं और राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के 1997 बैच के अधिकारी अब भी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में चयन का इंतजार कर रहे हैं."

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Last Updated : Oct 1, 2024, 9:36 PM IST
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