भोपाल: 15 अगस्त 1947 को देश में मिली आजादी के एक दिन पहले भारत-पाक बंटवारे के दिन को सरकार विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रुप में देशभर में मना रही है. इसी सिलसिले मध्य प्रदेश में 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के मौके पर बुधवार को कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. राजधानी भोपाल के सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विभाजन का दर्द सहने वाले नागरिकों को सम्मानित किया. उन्होंने भारत-पाकिस्तान बंटवारे को अंग्रेजों का षणयंत्र बताया.
'20वीं सदी की सबसे दर्दनाक घटना'
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विभाजन की विभीषिका को 20वीं सदी की सबसे बड़ी दर्दनाक घटना करार देते हुए कहा कि "धर्म के आधार पर हुआ देश का विभाजन भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से इस दिवस को स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाना, विस्थापन का दर्द झेलने वाले लोगों को विनम्र श्रद्धांजलि है."
'इतिहास की गलतियों से सबक लेना होगा'
उन्होंने कहा कि "देश का विभाजन 20वीं शताब्दी की सबसे दुखद, दुर्दांत घटनाओं में से एक है. इस त्रासदी को शब्दों में व्यक्त करना कठिन काम है. यह ऐसी घटना है, जिस पर लोग बात भी नहीं करना चाहते हैं. इस कष्ट को हम लोग भी जानते हैं. लेकिन, यह भी सच है कि किसी देश को लंबी यात्रा करनी है और आगे बढ़ना है तो इतिहास की गलतियों से सबक लेना होगा. जो गलतियों से सबक नहीं लिया, उसका भविष्य खतरे में पड़ेगा. हमारे सामने कई उदाहरण हैं, उनमें से इजरायल एक है."
आज #विभाजन_विभीषिका_स्मृति_दिवस के अवसर पर भोपाल के सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया एवं विभाजन का दर्द सहने वाले नागरिकों को सम्मानित किया।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 14, 2024
धर्म के आधार पर हुआ देश का विभाजन भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय था। आदरणीय… pic.twitter.com/ttxHC45EnQ
लाखों लोगों ने दी कुर्बानी
मुख्यमंत्री ने विभाजन की विभीषिका का जिक्र किया और कहा कि "उस समय ट्रेन में कहीं हाथ लटके नजर आते थे तो कहीं लोगों के शव. उस दौर में लाखों लोगों को अपनी कुर्बानी देना पड़ी. महिलाओं और बेटियों के साथ जो हुआ, उसे शब्दों में व्यक्त भी नहीं किया जा सकता. हमारा पंजाब जिस पर सदियों से भारत गर्व करता था, वह दो हिस्सों में बंट गया. वह हमारा सिंध, जैसे हम राष्ट्रगान गाते हैं, सिर्फ शब्द रह गया."
कलेक्टरों का बताया, अंग्रेजों का कलेक्शन मैन
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 'भारत को बर्बाद करने के लिए पहले मुस्लिम शासकों ने षणयंत्र किया, फिर बचा हुआ काम अंग्रेजो ने पूरा कर दिया. पहले तो व्यापार करने के लिए सेना खड़ी की, फिर राज्यों को किराए पर उठाने लगे. आज के कलेक्टर प्राचीन काल में अंग्रेजों के कलेक्शन मेन हुआ करते थे. जो राज्य से राजस्व संग्रह का काम करते थे."
जब सीएम ने की कांग्रेस की तारीफ
सीएम ने कहा कि 'पहले कांग्रेस में सरदार वल्लभ भाई पटेल और सुभाष चंद्र बोस जैसे अच्छे नेता थे. बाल गंगाधर तिलक ने गणेशोत्सव की शुरुआत की तो उस समय हिंदू और मुसलमान सब मिलकर आयोजन करते थे. पंडित मदन मोहन मालवीय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की. वो तत्कालीन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. लेकिन उस समय कांग्रेस के मन में दोहरा मापदंड नहीं था. जैसे ही सुविचारित भावना को भटकाने का वाला कदम चालू हुआ. कांग्रेस कट्टरपंथी ताकतों के सामने घुटने टेकने लगी."
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'चालाकियों से देश को छला गया'
ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करते हुए डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "हमारे देश को चालाकियों से छला गया है. चालाक लोग अपनी चालाकियों से हमें अपने जाल में फंसाते हैं. पृथ्वीराज चौहान ने 17 बार आक्रमणकर्ता को छोड़ा है. उसे एक बार मौका मिला तो दोबारा मौका नहीं दिया." मोहन यादव ने इंडोनेशिया की सराहना करते हुए कहा कि "देश के नोट पर आज भी गणेश जी की फोटो लगी है. उनकी एयरलाइंस को गरुड़ कहते हैं."
Note: इस आर्टिकल में ANI के इनपुट्स के साथ ईटीवी ब्यूरो के साथ का इस्तेमाल किया गया है.