भोपाल: कोलकाता में अस्पताल में हुई दुष्कर्म की घटना के बाद मध्य प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. प्रदेश में अब नाइट में ड्यूटी करने वाली महिला डॉक्टरों को रात के समय सुरक्षा प्रदान करने के लिए अस्पताल प्रबंधन को विशेष ध्यान देने के लिए आदेशित किया गया है. साथ ही रात के समय उनको सुरक्षित घर पहुंचने की जिम्मेदारी भी अस्पताल प्रबंधन की रहेगी. इसी बीच पुलिस हेडक्वाटर द्वारा 10 बिंदुओं पर हर जिले से जानकारी मांगी गई है.
कर्मचारियों का कराया जाएगा वेरीफिकेशन
मध्य प्रदेश सरकार ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुई घटना से सबक लिया है. मोहन यादव सरकार अब प्रदेश के अस्पतालों के प्रत्येक कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कराएगी. गार्ड, सफाई कर्मी और कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन होगा. इस संबंध में अस्पतालों से जानकारी मांगी गई है. अस्पतालों से निकटतम पुलिस थाने में संपर्क कर व्यवस्था बनाने में सहयोग करने की बात कही गई है. इस वेरिफिकेशन के जरिए पुलिस कर्मचारियों की प्रवृत्ति जानने की कोशिश कर रही है.
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सभी अस्पतालों से मांगी गई जानकारी
इस संबंध में सभी जिलों के एसपी से 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है. प्रदेश के सभी अस्पतालों के अधीक्षकों को सुरक्षा व्यवस्था चुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही हॉस्पिटल की सुरक्षा की जानकारी उपलब्ध करवाने की बात कही गई है. इससे अस्पताल में सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता हो सकेगी. मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट मांगी है.
बड़े अस्पतालों में पुलिस चौकियां स्थापित
वहीं इस मामले को लेकर भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया कि ''भोपाल में अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस लगातार सक्रिय है. यहां के लगभग हर बड़े अस्पतालों में पुलिस चौकियां स्थापित की गई हैं. कुछ अस्पतालों में पुलिस बल की संख्या भी बढ़ाई गई है. इसी तरह बांकि भी जो अस्पताल हैं उनकी भी समीक्षा की गई है. सभी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है.''