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मोहन कैबिनेट का नया नियम लागू, मध्य प्रदेश में चुटकियों में बनेगा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र - MP BIRTH DEATH CERTIFICATE NEW RULE

मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे जरुरी दस्तावेज की प्रोसेस को आसान कर दिया है.

mp BIRTH DEATH CERTIFICATE new rule
मध्य प्रदेश में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का नया नियम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 17 hours ago

Updated : 16 hours ago

भोपाल: मध्य प्रदेश में आम लोगों को अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना आसान होगा. अब सरकारी राजपत्रित अधिकारी के शपथ पत्र या नोटरी के अटेस्टेशन के बगैर सेल्फ अटेस्टेशन से ही ये जरुरी प्रमाण पत्र बनवाए जा सकेंगे. साल की आखिरी कैबिनेट में सीएम डॉ मोहन यादव ने ये फैसला लिया. इसके लिए मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2024 लागू करने को मंजूरी दे दी.

अब जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में आसानी

पहले जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ये बाध्यता थी कि किसी नोटरी या फिर गजेटेड ऑफिसर से अटेस्टेशन जरुरी होगा. लेकिन अब सेल्फ अटेस्टेड पत्र के जरिए ही जन्म मृत्य का प्रमाण पत्र बनवाया जा सकेगा. जिसे जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियमों के मुताबिक किसी जन्म और मृत्यु के 30 दिन के बाद लेकिन एक साल के भीतर आवेदन करना होगा. अब आम लोगों को इसके लिए नोटरी या गजेडेट ऑफिसर की अटेस्टेड प्रति के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा, वो सेल्फ अटेस्टेड प्रति भी दे सकेंगे जो स्वीकार्य होगी.

कैबिनेट ने किया ये अहम बदलाव

मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे जरुरी दस्तावेज की प्रोसेस को आसान कर दिया है. मंत्रि परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश जन्म और मृत्य रजिस्ट्रीकरण नियम 2024 का नियम लागू करने को मंजूरी दे दी गई है. इसमें महा रजिस्ट्रार कार्यालय भारत सरकार के फार्मेट के मुताबिक मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2024 तैयार किया गया है. जिसमें खास तौर पर रजिस्ट्रीकरण नियम 1999 की अलग-अलग धाराओं में संशोधन किया गया है और जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के रजिस्ट्रीकरण की जो प्रोसेस है उसे आम आदमी के लिए सरल बनाया गया है.

कैसे बनता है जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र

मध्य प्रदेश में अब जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है. एमपी ऑनलाइन पोर्टल पर ये आवेदन करना होता है. इसके साथ ही अपने इलाके की नगर निगम या पंचायत में लिखित आवेदन दिया जाता है. जन्म प्रमाण पत्र के लिए जिस अस्पताल में शिशु का जन्म हुआ है उस अस्पताल का प्रमाण पत्र. इसके अलावा माता पिता के पहचान पत्र के रुप में आधार कार्ड और इसके साथ ही माता पिता का मैरिज सर्टिफिकेट भी जरुरी होता है.

भोपाल: मध्य प्रदेश में आम लोगों को अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना आसान होगा. अब सरकारी राजपत्रित अधिकारी के शपथ पत्र या नोटरी के अटेस्टेशन के बगैर सेल्फ अटेस्टेशन से ही ये जरुरी प्रमाण पत्र बनवाए जा सकेंगे. साल की आखिरी कैबिनेट में सीएम डॉ मोहन यादव ने ये फैसला लिया. इसके लिए मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2024 लागू करने को मंजूरी दे दी.

अब जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में आसानी

पहले जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ये बाध्यता थी कि किसी नोटरी या फिर गजेटेड ऑफिसर से अटेस्टेशन जरुरी होगा. लेकिन अब सेल्फ अटेस्टेड पत्र के जरिए ही जन्म मृत्य का प्रमाण पत्र बनवाया जा सकेगा. जिसे जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियमों के मुताबिक किसी जन्म और मृत्यु के 30 दिन के बाद लेकिन एक साल के भीतर आवेदन करना होगा. अब आम लोगों को इसके लिए नोटरी या गजेडेट ऑफिसर की अटेस्टेड प्रति के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा, वो सेल्फ अटेस्टेड प्रति भी दे सकेंगे जो स्वीकार्य होगी.

कैबिनेट ने किया ये अहम बदलाव

मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे जरुरी दस्तावेज की प्रोसेस को आसान कर दिया है. मंत्रि परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश जन्म और मृत्य रजिस्ट्रीकरण नियम 2024 का नियम लागू करने को मंजूरी दे दी गई है. इसमें महा रजिस्ट्रार कार्यालय भारत सरकार के फार्मेट के मुताबिक मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2024 तैयार किया गया है. जिसमें खास तौर पर रजिस्ट्रीकरण नियम 1999 की अलग-अलग धाराओं में संशोधन किया गया है और जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के रजिस्ट्रीकरण की जो प्रोसेस है उसे आम आदमी के लिए सरल बनाया गया है.

कैसे बनता है जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र

मध्य प्रदेश में अब जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है. एमपी ऑनलाइन पोर्टल पर ये आवेदन करना होता है. इसके साथ ही अपने इलाके की नगर निगम या पंचायत में लिखित आवेदन दिया जाता है. जन्म प्रमाण पत्र के लिए जिस अस्पताल में शिशु का जन्म हुआ है उस अस्पताल का प्रमाण पत्र. इसके अलावा माता पिता के पहचान पत्र के रुप में आधार कार्ड और इसके साथ ही माता पिता का मैरिज सर्टिफिकेट भी जरुरी होता है.

Last Updated : 16 hours ago
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