भोपाल। एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को भोपाल और इंदौर में चल रहे मेट्रो के कार्यों की समीक्षा की. वर्तमान में चल रहे कार्याें की जानकारी मांगी और आगामी प्रोजेक्टों को लेकर अधिकारियों से बातचीत की. अधिकारियों ने बताया कि भोपाल में 27 मेट्रो का संचालन किया जाएगा. इसके लिए मेट्रो से संबंधित सभी काम 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा.
प्रायोरिटी कॉरिडोर का 90 प्रतिशत काम पूरा
एम्स से सुभाष नगर के बीच पहले चरण में एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है. इसका करीब 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. सबसे पहले भोपाल में मेट्रो इसी कॉरिडोर में चलाई जाएगी. अधिकारियों का दावा है कि करीब 7 किलोमीटर के इस कॉरिडोर का काम अगस्त 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. जिससे सितंबर 2027 से इस रूट में मेट्रो का कामर्शियन रन शुरु हो सके.
भोपाल के इन हिस्सों में दौड़ेगी मेट्रो
भोपाल में कुल 30.9 किलोमीटर रूट पर मेट्रो का संचालन किया जाएगा. मेट्रो की पहली लाइन एम्स से करोंद के बीच तक होगी. इस 16.74 किलोमीटर के मार्ग में 13.35 किलोमीटर का रूट एलिवेटेड और 3.39 किलोमीटर का अंडर ग्राउंड होगा. वहीं दूसरी लाइन भेल के रत्नागिरी से भदभदा तक होगी. भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के तहत स्टेशन ग्रीन मेट्रो प्रणाली पर आधारित बनाए जा रहे हैं. इनमें सौर उर्जा का अधिक से अधिक इस्तेमाल, 100 पर्सेंट एलईडी लाइटिंग, बिजली की बचत, पानी की बचत, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, सोलर हीटर का इस्तेमाल, पूरी तरह इलेक्ट्रिक ट्रेनों का आवागमन, प्लास्टिक फ्री, वेस्ट सेगरिगेशन, दिव्यांग फ्रेंडली सुविधाएं, एटीएम, फूड कोर्ट, ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन समेत अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी.
यात्रियों को मिलेंगी ये भी सुविधाएं
हर स्टेशन पर ई-रिक्शा, पब्लिक बाइक शेयरिंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बस और पिकअप-ड्रॉप जैसी सुविधाएं भी रहेंगी. इसके अलावा स्टेशनों में सीसीटीवी, मेटल डिटेक्टर, फुटपाथ, एस्केलेटर, ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन के साथ दिव्यांगों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं भी होंगी. मेट्रो कॉरिडोर के बीच लगभग 150 मीटर के दायरे में मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जाएगा. इसमें 22 मीटर का स्टेशन होगा शेष भाग प्रवेश और निकास सहित टिकट काउंटर इत्यादि बनाए जाएंगे.
ये भी पढ़ें: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का किराया तय? किस शहर से कहां तक का कितना होगा किराया जानें शुरू हो रहा वंदे मेट्रो का ट्रायल, मध्यप्रदेश के इन 3 शहरों को सौगात, ट्रेन तैयार शेड्यूल का इंतजार |
पानी बचाने के लिए शौचालय में लगाए जाएंगे सेंसर
मेट्रो के स्टेशनों में बनने वाले शौचालयों व वाश बेसिन में पानी बर्बाद ना हो. इसके लिए नलों में सेंसर लगाए जाएंगे. यूरिनल में भी सेंसर लगे होंगे, यहां स्वचालित तंत्र के जरिए नल का पानी नियंत्रित होगा. मेट्रो स्टेशनों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा. सीवेज के पानी को शोधित करके उसे दोबारा प्रयोग किया जा सकेगा. इस पानी का उपयोग धुलाई व पेड़ों की सिंचाई के लिए किया जाएगा. पानी की खपत पर निगरानी रखने के लिए वाटर मीटर लगाए जाएंगे.