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मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय में हाईवोल्टेज ड्रामा, महिला अफसर का रौद्र रूप देख कांपे वकील

मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब वकीलों के साथ कर्मचारी कुर्की करने पहुंचे. इस दौरान हुआ ड्रामा चर्चा में है.

MP Health Directorate Hungama
मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय में हाईवोल्टेज ड्रामा (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 9, 2024, 10:04 AM IST

Updated : Nov 9, 2024, 10:14 AM IST

भोपाल : भोपाल स्थित मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय पहुंचे वकीलों को बिना कुर्की के वापस लौटना पड़ा. दरअसल, कोलकाता हाईकोर्ट के वकील और भोपाल कोर्ट के कर्मचारी स्वास्थ्य संचालनालय के कार्यालय को खाली कर सील कर रहे थे. इसी दौरान स्वास्थ्य संचालनालय की एडिशनल डायरेक्टर वंदना खरे मौके पर पहुंच गईं. आरोप है कि उन्होंने हाईकोर्ट के वकील से अभद्रता करते हुए कुर्की करने गई टीम को कर्मचारियों की मदद से बाहर निकाल दिया और इसके बाद अंदर से गेट बंद कर लिया.

कीटनाशक खरीदने के बाद नहीं किया भुगतान

नीटापोल इंडस्ट्री कोलकाता की एक एमएसएमई यूनिट है. इसने मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय को साल 2013 में 50 लाख 70 हजार रुपये का कीटनाशक सप्लाई किया था. यह सप्लाई कमिश्नर, डायरेक्टर ऑफ हेल्थ के नाम पर की गई थी. लेकिन इसका इस्तेमाल करने के बाद भी संचालनालय द्वारा कंपनी को भुगतान नहीं किया गया. जिसके बाद कंपनी ने पश्चिम बंगाल की हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की. इसके बाद वेस्ट बंगाल सरकार की स्वतंत्र यूनिट, जहां सप्लायर अपने बकाया बिलों के लिए अपील कर सकते हैं, वहां से कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया गया. कोलकाता हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश के हेल्थ डायरेक्टर से 19 करोड़ 34 लाख रुपए की कुर्की करने का आदेश दिया था, इसी का पालन कराने के लिए कर्मचारी यहां पहुंचे थे.

कुर्की करने पहुंचे वकीलों से महिला अफसर की बहस (ETV BHARAT)

हेल्थ डिपार्टमेंट की खारिज हो चुकी है याचिका

बता दें कि पश्चिम बंगाल की स्वतंत्र यूनिट ने कंपनी को पुराने बिल का तीन गुना ब्याज के साथ 3 किश्तों में देने का फैसला दिया. लेकिन इसके खिलाफ मध्यप्रदेश हेल्थ डिपार्टमेंट ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की. लेकिन यह खारिज हो गई. क्योंकि इसमें हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा कोर्ट के आदेशानुसार 75 प्रतिशत एमाउंट डिपाजिट नहीं किया गया. इसके बाद कंपनी के वकील ने इस आदेश के अनुसार भोपाल कोर्ट में केस 2018 में फाइल किया. इसके खिलाफ हेल्थ डिपार्टमेंट ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की, लेकिन वह खारिज हो गई.

भोपाल जिला कोर्ट ने जारी किया कुर्की वारंट

भोपाल जिला कोर्ट के कामर्शियल कोर्ट में मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचलानलाय की कुर्की का वारंट जारी किया है. इसी सिलसिले में भोपाल कोर्ट के कर्मचारियों के साथ कोलकाता हाईकोर्ट के वकील कुर्की करने पहुंचे. इस दौरान कर्मचारियों स्वास्थ्य संचालनालय से कुर्सी-टेबल व अन्य फर्नीचर समेत कम्प्यूटर आदि निकाल रहे थे, तभी एडिशनल डायरेक्टर वंदना खरे पहुंच गई और उन्होंने सबको बाहर निकालते हुए अंदर से गेट बंद करवा दिया.

बकाया जमा न किया तो सोमवार को फिर होगी कार्रवाई

कोलकाता हाईकोर्ट के वकील पूर्णाशीष भुइयां ने बताया "स्वास्थ्य संचालनालय की एडिशनल डायरेक्टर ने कोर्ट के कर्मचारियों के साथ अभद्रता की. अंदर से 3 घंटे तक गेट बंद रखा. यहां निदेशक का कार्यालय है, डायरेक्टर का कोई आफिस नहीं है. 3 घंटे बाद उन्होंने लिखित पत्र में कहा हम लोग पैसा अरेंज कर रहे हैं. थोड़ा टाइम लगेगा. अब सोमवार तक का समय दिया गया है, नहीं पैसे जमा किए तो सोमवार को कुर्की की कार्रवाई होगी." इस बारे में स्वास्थ्य संचालनालय की एडिशनल डायरेक्टर वंदना खरे का पक्ष जानने के लिए ईटीवी भारत ने कई बार कॉल किया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.

भोपाल : भोपाल स्थित मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय पहुंचे वकीलों को बिना कुर्की के वापस लौटना पड़ा. दरअसल, कोलकाता हाईकोर्ट के वकील और भोपाल कोर्ट के कर्मचारी स्वास्थ्य संचालनालय के कार्यालय को खाली कर सील कर रहे थे. इसी दौरान स्वास्थ्य संचालनालय की एडिशनल डायरेक्टर वंदना खरे मौके पर पहुंच गईं. आरोप है कि उन्होंने हाईकोर्ट के वकील से अभद्रता करते हुए कुर्की करने गई टीम को कर्मचारियों की मदद से बाहर निकाल दिया और इसके बाद अंदर से गेट बंद कर लिया.

कीटनाशक खरीदने के बाद नहीं किया भुगतान

नीटापोल इंडस्ट्री कोलकाता की एक एमएसएमई यूनिट है. इसने मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय को साल 2013 में 50 लाख 70 हजार रुपये का कीटनाशक सप्लाई किया था. यह सप्लाई कमिश्नर, डायरेक्टर ऑफ हेल्थ के नाम पर की गई थी. लेकिन इसका इस्तेमाल करने के बाद भी संचालनालय द्वारा कंपनी को भुगतान नहीं किया गया. जिसके बाद कंपनी ने पश्चिम बंगाल की हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की. इसके बाद वेस्ट बंगाल सरकार की स्वतंत्र यूनिट, जहां सप्लायर अपने बकाया बिलों के लिए अपील कर सकते हैं, वहां से कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया गया. कोलकाता हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश के हेल्थ डायरेक्टर से 19 करोड़ 34 लाख रुपए की कुर्की करने का आदेश दिया था, इसी का पालन कराने के लिए कर्मचारी यहां पहुंचे थे.

कुर्की करने पहुंचे वकीलों से महिला अफसर की बहस (ETV BHARAT)

हेल्थ डिपार्टमेंट की खारिज हो चुकी है याचिका

बता दें कि पश्चिम बंगाल की स्वतंत्र यूनिट ने कंपनी को पुराने बिल का तीन गुना ब्याज के साथ 3 किश्तों में देने का फैसला दिया. लेकिन इसके खिलाफ मध्यप्रदेश हेल्थ डिपार्टमेंट ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की. लेकिन यह खारिज हो गई. क्योंकि इसमें हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा कोर्ट के आदेशानुसार 75 प्रतिशत एमाउंट डिपाजिट नहीं किया गया. इसके बाद कंपनी के वकील ने इस आदेश के अनुसार भोपाल कोर्ट में केस 2018 में फाइल किया. इसके खिलाफ हेल्थ डिपार्टमेंट ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की, लेकिन वह खारिज हो गई.

भोपाल जिला कोर्ट ने जारी किया कुर्की वारंट

भोपाल जिला कोर्ट के कामर्शियल कोर्ट में मध्यप्रदेश स्वास्थ्य संचलानलाय की कुर्की का वारंट जारी किया है. इसी सिलसिले में भोपाल कोर्ट के कर्मचारियों के साथ कोलकाता हाईकोर्ट के वकील कुर्की करने पहुंचे. इस दौरान कर्मचारियों स्वास्थ्य संचालनालय से कुर्सी-टेबल व अन्य फर्नीचर समेत कम्प्यूटर आदि निकाल रहे थे, तभी एडिशनल डायरेक्टर वंदना खरे पहुंच गई और उन्होंने सबको बाहर निकालते हुए अंदर से गेट बंद करवा दिया.

बकाया जमा न किया तो सोमवार को फिर होगी कार्रवाई

कोलकाता हाईकोर्ट के वकील पूर्णाशीष भुइयां ने बताया "स्वास्थ्य संचालनालय की एडिशनल डायरेक्टर ने कोर्ट के कर्मचारियों के साथ अभद्रता की. अंदर से 3 घंटे तक गेट बंद रखा. यहां निदेशक का कार्यालय है, डायरेक्टर का कोई आफिस नहीं है. 3 घंटे बाद उन्होंने लिखित पत्र में कहा हम लोग पैसा अरेंज कर रहे हैं. थोड़ा टाइम लगेगा. अब सोमवार तक का समय दिया गया है, नहीं पैसे जमा किए तो सोमवार को कुर्की की कार्रवाई होगी." इस बारे में स्वास्थ्य संचालनालय की एडिशनल डायरेक्टर वंदना खरे का पक्ष जानने के लिए ईटीवी भारत ने कई बार कॉल किया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.

Last Updated : Nov 9, 2024, 10:14 AM IST
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