भोपाल। एमपी में कांग्रेस के पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला ने एक साल तक राहुल गांधी से मुलाकात का इंतजार किया और फिर निराश होकर कांग्रेस छोड़ दी. हरिवल्लभ शुक्ला ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि ''ग्वालियर चंबल इलाके के एक पूर्व सांसद और खुद उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात का वक्त मांगा था. लेकिन जब एक साल तक राहुल गांधी ने उन्हें मिलने के लिए पांच मिनिट का भी समय नहीं दिया तो आखिर उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी.'' शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस में प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक आम कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं होती. शुक्ला अपना भविष्य सुधारने पार्टी में नहीं आए. वे कहते हैं मेरी राम भजन करने की उम्र है, कांग्रेस में तो राम नाम भी नहीं ले पाता तो यहां चला आया.
राहुल गांधी ने एक साल इंतजार कराया...फिर भी नहीं मिले
कांग्रेस के पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला ने कांग्रेस छोड़ने की वजहें गिनाते हुए कहा कि ''वे पिछले एक वर्ष से राहुल गांधी से मिलने का समय मांग रहे थे. उनके साथ एक पूर्व एमपी ने भी समय मांगा, लेकिन राहुल गांधी ने समय नहीं दिया.'' हरिवल्लभ शुक्ला कहते हैं ''जब वो एक अपने एक्स एमएलए-एक्स एमपी को समय नहीं दे सकते उस नेतृत्व से क्या उम्मीद करेंगे आप.''
काग्रेस नेतृत्व विहीन..कमलनाथ भी अतिवृध्द
हरिवल्लभ शुक्ला ने कहा कि ''अब कांग्रेस नेतृत्व विहीन हो चुकी है. कमलनाथ ने कमान संभाली जब वह अतिवृद्ध हो गए. जब पार्टी में ऊपर से कोई सुनवाई नहीं है तो नीचे कौन सुनेगा. पूरी पार्टी में ऊपर से जो लीडरशिप मजबूत होनी चाहिए थी. वो ही स्थिति नीचे तक आई है, पूरी पार्टी कमजोर हो चुकी है. मैं दो बार का विधायक रहा हूं जब मेरी सुनवाई नहीं तो आम कार्यकर्ता की क्या पूछेंगे.''
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भजन करने भाजपा में चले जाए
कांग्रेस के पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला कहते हैं कि जनपद अध्यक्ष से लेकर युवक कांग्रेस के नेता और दो बार विधायक बनने तक बहुत छोटी उम्र में कांग्रेस में उन्होंने बड़ी जवाबदारी संभाली. हरिवल्लभ शुक्ला से सवाल था कि जब सब कुछ कांग्रेस से ही मिला तो फिर चालीस साल से ज्यादा के राजनीतिक तजुर्बे के बाद पार्टी क्यों छोड़ी. शुक्ला कहते हैं ''मैं अपना भविष्य देखकर नहीं आया, हमारी तो उम्र हो गई, चार-पांच साल और समझिए. अब तो राम का भजन करना है. और कांग्रेस में तो भजन भी करने नहीं मिलता, भाजपा में राम का नाम तो ले सकते हैं.''