भोपाल। दिव्यांग पूनम श्रोती ने पत्र लिखकर भोपाल की सड़कों की हालत बयां की है. वह लिखती हैं "मैं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहती हूं. मैं आपको मेरी और मेरे जैसे लाखों लोगों की परेशानियों से अवगत कराना चाहती हूं, जो ऑस्टियोजेनेसिस अपूर्णता जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. यह एक ऐसी स्थिति है, जो आपकी हड्डियों को बेहद नाजुक बना देती है और न्यूनतम बल के साथ फ्रैक्चर होने का खतरा बना रहता है. मेरी शारीरिक स्थिति के कारण उत्पन्न बाधाओं के बावजूद सफलतापूर्वक अपनी शिक्षा पूरी की है और दूसरे सामान्य व्यक्तियों की तरह कुछ सालों तक नौकरी भी की. वास्तव में, मैंने अपने पिछले दशक को विकलांगता सशक्तिकरण के लिए समर्पित किया है और इस योगदान के लिए मुझे भारत की 100 सशक्त महिलाओं में शामिल किया गया."
भोपाल की सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे, चलना जोखिमभरा
पूनम ने पत्र में आगे लिखा "मेरी यात्रा दिव्यांग व्यक्तियों की ताकत और लचीलेपन का प्रमाण रही है. मैंने हमेशा सामान्य जीवन जीने का प्रयास किया, लेकिन हमारे देश और मेरे शहर भोपाल में मेरे सामने बुनियादी ढांचे की कठिनाई लगातार बनी रही. आज भी भोपाल जैसे कई शहरों में दिव्यांगों के अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं किया जा सका है. इन चुनौतियों ने मेरे जीवन में सालों से लॉकडाउन लगा दिया है. मैं एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए 100% व्हीलचेयर पर निर्भर हूं. भोपाल में सड़कों की वर्तमान स्थिति, गड्ढों और असमान सतहों के कारण, यहां तक कि सबसे साधारण यात्रा भी एक जोखिम भरा काम है."
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खराब सड़क के कारण पैर में फ्रैक्चर हो गया
पूनम लिखती हैं "अफसोस की बात है कि हाल ही में सड़कों की खराब हालत के कारण मेरे पैर में फ्रैक्चर हो गया, जिससे हमारे बुनियादी ढांचे में सुधार की तत्काल आवश्यकता सामने आई है. मैं आपको यह पत्र न केवल इन चुनौतियों का सामना करने वाले एक व्यक्ति के रूप में, बल्कि समान कठिनाइयों को सहन करने वाले विकलांग नागरिकों के बड़े समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में लिख रही हूं. आज यह स्वीकार करना बेहद निराशाजनक है कि एक समावेशी और सुलभ भारत का वादा जैसा कि हमारे संविधान में कल्पना की गई थी, कई लोगों के लिए अधूरा है. मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि भोपाल से शुरू करते हुए देशभर में बुनियादी ढांचे के कारण दिव्यांग व्यक्तियों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई करें."