भोपाल। योग के प्रति लोगों का रूझान लगातार बढ़ रहा है. इसके माध्यम से लोग पुराने रोगों से भी मुक्ति पा रहे हैं. गंभीर बीमारियों पर भी इसका सकारात्मक असर हो रहा है. यही कारण है कि भोपाल एम्स में प्रतिदिन योग सीखने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है.
योग को दिनचर्या में शामिल करें, नहीं लगेगा रोग
डाक्टरों का कहना है कि "लोगों को अपनी दिनचर्या और जीवनशैली इतनी व्यवस्थित रखनी चाहिए. जिससे बीमारियां आसपास फटक भी ना सकें. अपनी दिनचर्या में योग को अपनाकर स्वस्थ जीवन व्यतीत किया जा सकता है. इसलिए एम्स के आयुष विभाग में हर सप्ताह 300 से अधिक लोग योग करने के लिए पहुंच रहे हैं. जिसमें नौ वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक के व्यक्ति शामिल हैं.
सर्वाइकल और डायबिटीज के रोगियों को मिल रहा लाभ
इनमें से 90 प्रतिशत लोग स्पान्डिलाइटिस, सर्वाइकल, डायबिटीज, आर्थराइटिस और उच्च रक्तचाप जैसी समस्या से परेशान थे, लेकिन योग को अपनाकर इन सभी लोगों ने अपनी बीमारी पर काफी हद तक काबू पा लिया है.
हर दिन आते हैं 50 से अधिक लोग
आयुष विभाग में हर दिन 50 से ज्यादा लोग सुबह सात से आठ बजे तक योगाभ्यास करके खुद को स्वस्थ रख रहे हैं. आयुष विभाग के सीनियर मेडिकल ऑफिसर का कहना है कि "विभाग में उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं और उपचार मिलने के कारण लोगों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है." योग प्रशिक्षक चंचल सूर्यवंशी ने बताया कि "योग अभ्यास का सत्र करने के लिए लोग मध्यप्रदेश के हर कोने से आ रहे हैं. लगातार रोगियों को इससे लाभ होने से वो दूसरे लोग को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं."
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जल्द शुरू होगी योग चिकित्सा क्लीनिक
एम्स के निदेशक प्रो. डॉक्टर अजय सिंह ने बताया कि "हमारा उद्देश्य है कि सभी व्यक्ति इस भारतीय परंपरा से विकसित योग विद्या का लाभ लेकर अपने आप को हमेशा निरोग रखें. अस्पताल परिसर में योग चिकित्सा क्लीनिक स्थापित करने की योजनाएं चल रही हैं. जहां मरीज अपनी विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुरूप व्यक्तिगत योग नुस्खे प्राप्त कर सकते हैं. विभिन्न चिकित्सा स्थितियों में योग की चिकित्सीय क्षमता की खोज करने वाले विभिन्न पहलुओं पर शोध कार्य भी चल रहा है. जिसके द्वारा साक्ष्य-आधारित चिकित्सा में इसके एकीकरण के लिए मजबूत वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत किए जा सकेंगे."