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सोशल मीडिया पर अवैध हथियारों की नुमाइश, वायरल पोस्ट पर एसपी ने दिखाई सख्ती

Reels with Illegal Weapons on Social Media: अवैध हथियारों के साथ रील्स बनाना और उन्हें सोशल मीडिया में पोस्ट करने का अब चलन सा हो गया है.इसमें कई लोग अपनी पहचान उजागर कर देते हैं तो कई चेहरा छिपाकर.ऐसी पोस्ट करने वालों के ऊपर पुलिस की पैनी नजर है.

reels post with illegal weapons on social media
अवैध हथियारों के साथ रील्स बनाने का बढ़ता चलन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 11:51 AM IST

भिंड। सोशल मीडिया पर अवैध हथियारों का प्रदर्शन कोई नई बात नहीं हैं, पुलिस की सख्ती के बावजूद टशन दिखाने के लिए युवा अवैध हथियारों का सहारा ले रहे हैं.एक ऐसी ही पोस्ट फिर से वायरल हो रही है.जिसमें कुछ युवाओं ने अवैध देसी कट्टों के साथ रील्स बनाई है और सोशल मीडिया पर पोस्ट की है.वायरल हो रही इस पोस्ट पर एसपी का कहना है कि बहुत जल्द कार्रवाई की जाएगी.

अवैध हथियारों के साथ दिखाते हैं रौब

जिले में लगातार अवैध हथियारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है इसके बावजूद अवैध बन्दूकों और देसी कट्टों के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वालों में खौफ नहीं है. कभी खूंखार डकैतों और अपराधियों के गढ़ चंबल अंचल आज अपनी पुरानी छवि से बाहर आने की कोशिश कर रहा है वहीं कुछ असामाजिक तत्व इस सुधरती हुई छवि में बट्टा लगा रहे हैं.अपराधों से लेकर टशन दिखाने तक के लिए अवैध हथियारों का सहारा ले रहे हैं.


वीडियो में अवैध कट्टों का टशन दिखा रहे लोग

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें कुछ युवक अपने हाथों में अवैध देशी कट्टे और बंदूकें लिए ज़िंदा कारतूसों के साथ अवैध हथियारों का टशन दिखाते नजर आ रहे हैं. साथ ही इस वीडियो में ऑडियो और इमोजी के ज़रिए यह भी बता रहे हैं कि ये वीडियो भिंड वालों का है. देखने से पता चलता है कि ये किसी नामी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट किया गया है.

पिछली बार 370 केस बने

पोस्ट किए गए इस वीडियो में मौजूद युवकों का चेहरा दिखाई नहीं देने से इनकी पहचान नहीं हो पा रही है. भिंड एसपी असित यादव का कहना है कि पुलिस लगातार इस तरह के सोशल मीडिया पोस्ट और रील्स पर अपनी नजर बनाए हुए है. विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस ने इसी तरह के करीब 370 केस दर्ज किए गए थे.

ये भी पढ़ें:

'रील्स होते हैं पुख्ता सबूत'

भिंड एसपी असित यादव का कहना है कि इस तरह के वीडियो पोस्ट करने वाले लोगों की इस तरह की रील्स कार्रवाई में काफ़ी मदद करती हैं क्योंकि ये पुख्ता सबूत होते हैं. पुलिस को भी पता चल जाता है कि आरोपियों के पास किस तरह के हथियार हैं. ऐसे में सभी थाना प्रभारियों को पहले ही सूचित कर दिया है कि इस तरह के केसेस का ध्यान रखें. अब रही बात इस केस की तो पुलिस इस मामले की भी पड़ताल कर रही है कि इसे कहां से पोस्ट किया गया है.आरोपियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा.

भिंड। सोशल मीडिया पर अवैध हथियारों का प्रदर्शन कोई नई बात नहीं हैं, पुलिस की सख्ती के बावजूद टशन दिखाने के लिए युवा अवैध हथियारों का सहारा ले रहे हैं.एक ऐसी ही पोस्ट फिर से वायरल हो रही है.जिसमें कुछ युवाओं ने अवैध देसी कट्टों के साथ रील्स बनाई है और सोशल मीडिया पर पोस्ट की है.वायरल हो रही इस पोस्ट पर एसपी का कहना है कि बहुत जल्द कार्रवाई की जाएगी.

अवैध हथियारों के साथ दिखाते हैं रौब

जिले में लगातार अवैध हथियारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है इसके बावजूद अवैध बन्दूकों और देसी कट्टों के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वालों में खौफ नहीं है. कभी खूंखार डकैतों और अपराधियों के गढ़ चंबल अंचल आज अपनी पुरानी छवि से बाहर आने की कोशिश कर रहा है वहीं कुछ असामाजिक तत्व इस सुधरती हुई छवि में बट्टा लगा रहे हैं.अपराधों से लेकर टशन दिखाने तक के लिए अवैध हथियारों का सहारा ले रहे हैं.


वीडियो में अवैध कट्टों का टशन दिखा रहे लोग

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमें कुछ युवक अपने हाथों में अवैध देशी कट्टे और बंदूकें लिए ज़िंदा कारतूसों के साथ अवैध हथियारों का टशन दिखाते नजर आ रहे हैं. साथ ही इस वीडियो में ऑडियो और इमोजी के ज़रिए यह भी बता रहे हैं कि ये वीडियो भिंड वालों का है. देखने से पता चलता है कि ये किसी नामी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट किया गया है.

पिछली बार 370 केस बने

पोस्ट किए गए इस वीडियो में मौजूद युवकों का चेहरा दिखाई नहीं देने से इनकी पहचान नहीं हो पा रही है. भिंड एसपी असित यादव का कहना है कि पुलिस लगातार इस तरह के सोशल मीडिया पोस्ट और रील्स पर अपनी नजर बनाए हुए है. विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस ने इसी तरह के करीब 370 केस दर्ज किए गए थे.

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'रील्स होते हैं पुख्ता सबूत'

भिंड एसपी असित यादव का कहना है कि इस तरह के वीडियो पोस्ट करने वाले लोगों की इस तरह की रील्स कार्रवाई में काफ़ी मदद करती हैं क्योंकि ये पुख्ता सबूत होते हैं. पुलिस को भी पता चल जाता है कि आरोपियों के पास किस तरह के हथियार हैं. ऐसे में सभी थाना प्रभारियों को पहले ही सूचित कर दिया है कि इस तरह के केसेस का ध्यान रखें. अब रही बात इस केस की तो पुलिस इस मामले की भी पड़ताल कर रही है कि इसे कहां से पोस्ट किया गया है.आरोपियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा.

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