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बोर्ड परीक्षाओं में नकल के लिए बदनाम है चंबल अंचल, क्या इस बार लग पाएगी नकल पर नकेल

MP Board Exam 2024: एमपी बोर्ड की हाईस्कूल और हायरसेकेंड्री की परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो रही हैं. एक बार फिर चंबल अंचल पर सबकी निगाहें हैं क्योंकि ये क्षेत्र आज भी नकल माफिया के चंगुल में फंसा हुआ है.

MP Board Exam 2024
बोर्ड परीक्षाओं में नकल के लिए बदनाम है भिंड
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 4, 2024, 7:26 PM IST

भिंड। मध्यप्रदेश में 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम सोमवार से शुरू होने वाले हैं. बोर्ड परीक्षाओं में चंबल अंचल में नकल के लिये बदनाम है. बीते कई साल से इस क्षेत्र में नकल माफिया सक्रिय हैं. यहां भिंड और मुरैना जिले में नर्सिंग परीक्षाओं के दौरान सामूहिक नकल की तस्वीरें किसी से छिपी नहीं हैं, ऐसे में हाई स्कूल और हायर सेकेंड्री की बोर्ड परीक्षाओं में इस बार प्रशासन नकेल लगा पाएगा या नहीं.

तत्कालीन कलेक्टर-एसपी ने बदली थी तस्वीर

चंबल अंचल में कई परीक्षार्थी ठीक से पढ़ाई पर ध्यान ना देने की वजह से नकल माफिया के चंगुल में फंस जाते हैं. बीते सालों की बात करें तो 2016 से पहले भिंड जिले में बड़े स्तर पर शिक्षा माफिया सक्रिय था. भिंड जिले में जमकर नकल चलती थी और जिला नकल के लिए बदनाम था. मध्य प्रदेश के कई जिलों के अलावा अन्य प्रदेशों के छात्र भी भिंड जिले से परीक्षा देने के लिए आते थे लेकिन 2016 में पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भसीन और कलेक्टर इलैया राजा टी की जोड़ी ने परीक्षा के दौरान कड़ाई और सुरक्षा के अच्छे इंतजाम कर नकल माफिया के मनसूबे नेस्तनाबूत कर दिये. 2 सालों के भीतर ही 2016 तक जिले से नकल का नामो निशान मिटा दिया था.

ट्रांसफर के साथ ही फिर पनपे नकल माफिया

दोनों अधिकारियों के ट्रांसफर के बाद कड़ाई में कमी आयी और फिर कुछ हद तक नकल और फर्जी परीक्षार्थियों के परीक्षा देने के प्रकरण सामने आते रहे हैं. बड़ी बात तो यह है कि नकल का सहारा लेने वाले परीक्षार्थियों को पकड़े जाने का भय तक नहीं होता. ऐसा नहीं है कि ऐसे छात्रों को उनके कृत्य के लिए सजा नहीं मिलती. जब भी परीक्षा अधिनियम का उल्लंघन पाया जाता है तो न्यायालय हमेशा न्याय करता है.

3 साल जेल की सजा का प्रावधान

भिंड जिला लोक अभियोजन अधिकारी अरविंद कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि भिंड जिले में साल 2023 में दो मामलों में गोहद और भिंड न्यायालय में परीक्षा अधिनियम के तहत आरोपियों को सजा सुनायी गई थी. उन्होंने बताया कि परीक्षा अधिनियम के तहत यदि कोई अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान नकल करते पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ 3 साल जेल की सजा और 5 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा का प्रावधान है.

ये भी पढ़ें:

नकल रहित परीक्षा का दावा

अब जब 23-2024 के शिक्षा सत्र के लिये 5 फरवरी से परीक्षाएं होने जा रही हैं तो जिला प्रशासन नकलमुक्त परीक्षाएं संपन्न कराने का दावा कर रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी आरपी नगर के मुताबिक इस बार भिंड जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कुल 57 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें 6 परीक्षा केंद्र सामान्य, 41 संवेदनशील और 10 परीक्षा केंद्रों को अति संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है. इस बार लगभग 21001 परीक्षार्थी भिंड जिले में हाई स्कूल और 15262 परीक्षार्थी हायर सेकेंडरी बोर्ड के एग्जाम में शामिल होंगे.

भिंड। मध्यप्रदेश में 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम सोमवार से शुरू होने वाले हैं. बोर्ड परीक्षाओं में चंबल अंचल में नकल के लिये बदनाम है. बीते कई साल से इस क्षेत्र में नकल माफिया सक्रिय हैं. यहां भिंड और मुरैना जिले में नर्सिंग परीक्षाओं के दौरान सामूहिक नकल की तस्वीरें किसी से छिपी नहीं हैं, ऐसे में हाई स्कूल और हायर सेकेंड्री की बोर्ड परीक्षाओं में इस बार प्रशासन नकेल लगा पाएगा या नहीं.

तत्कालीन कलेक्टर-एसपी ने बदली थी तस्वीर

चंबल अंचल में कई परीक्षार्थी ठीक से पढ़ाई पर ध्यान ना देने की वजह से नकल माफिया के चंगुल में फंस जाते हैं. बीते सालों की बात करें तो 2016 से पहले भिंड जिले में बड़े स्तर पर शिक्षा माफिया सक्रिय था. भिंड जिले में जमकर नकल चलती थी और जिला नकल के लिए बदनाम था. मध्य प्रदेश के कई जिलों के अलावा अन्य प्रदेशों के छात्र भी भिंड जिले से परीक्षा देने के लिए आते थे लेकिन 2016 में पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भसीन और कलेक्टर इलैया राजा टी की जोड़ी ने परीक्षा के दौरान कड़ाई और सुरक्षा के अच्छे इंतजाम कर नकल माफिया के मनसूबे नेस्तनाबूत कर दिये. 2 सालों के भीतर ही 2016 तक जिले से नकल का नामो निशान मिटा दिया था.

ट्रांसफर के साथ ही फिर पनपे नकल माफिया

दोनों अधिकारियों के ट्रांसफर के बाद कड़ाई में कमी आयी और फिर कुछ हद तक नकल और फर्जी परीक्षार्थियों के परीक्षा देने के प्रकरण सामने आते रहे हैं. बड़ी बात तो यह है कि नकल का सहारा लेने वाले परीक्षार्थियों को पकड़े जाने का भय तक नहीं होता. ऐसा नहीं है कि ऐसे छात्रों को उनके कृत्य के लिए सजा नहीं मिलती. जब भी परीक्षा अधिनियम का उल्लंघन पाया जाता है तो न्यायालय हमेशा न्याय करता है.

3 साल जेल की सजा का प्रावधान

भिंड जिला लोक अभियोजन अधिकारी अरविंद कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि भिंड जिले में साल 2023 में दो मामलों में गोहद और भिंड न्यायालय में परीक्षा अधिनियम के तहत आरोपियों को सजा सुनायी गई थी. उन्होंने बताया कि परीक्षा अधिनियम के तहत यदि कोई अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान नकल करते पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ 3 साल जेल की सजा और 5 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा का प्रावधान है.

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नकल रहित परीक्षा का दावा

अब जब 23-2024 के शिक्षा सत्र के लिये 5 फरवरी से परीक्षाएं होने जा रही हैं तो जिला प्रशासन नकलमुक्त परीक्षाएं संपन्न कराने का दावा कर रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी आरपी नगर के मुताबिक इस बार भिंड जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कुल 57 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें 6 परीक्षा केंद्र सामान्य, 41 संवेदनशील और 10 परीक्षा केंद्रों को अति संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है. इस बार लगभग 21001 परीक्षार्थी भिंड जिले में हाई स्कूल और 15262 परीक्षार्थी हायर सेकेंडरी बोर्ड के एग्जाम में शामिल होंगे.

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