पटना: बिहार की सरकारी हाई स्कूलों का हाल खस्ता हो रखा है. कहते हैं चिराग के तले अंधेरा. यही हाल है राजधानी के सरकारी स्कूलों का. मसौढ़ी प्रखंड के भीमपुरा में ऐसा प्राथमिक विद्यालय है, जो केवल एक कमरे में चल रहा है. इस एक कमरे में एक से लेकर पांच तक के बच्चे पढ़ाई करते हैं. हैरानी की बात यह है कि एक ही ब्लैक बोर्ड पर तीन शिक्षक एक साथ पांच कक्षाओं के छात्रों को पढ़ाते हैं.
3 कमरों में 5 क्लास : यह हाल राजधानी से महज 40 किलामीटर दूरी पर मसौढ़ी प्रखंड का प्राथमिक विद्यालय भीमपुरा का है. जहां पिछले कई वर्षों से लगातार एक कमरे में ही एक से 5 तक के बच्चे पढ़ाई करते हैं. अभी 77 बच्चे एक ही कमरे में अलग-अलग कक्षा की छात्र-छात्रा बैठते हैं और एक ही ब्लैक बोर्ड पर सभी शिक्षक अपनी-अपनी कक्षा को पढ़ाते हैं. ऐसे में पढ़ने वाले और पढ़ने वाले दोनों परेशान रहते हैं.
"हमारे स्कूल में एक ही कमरा है और उसी में हमसब एक साथ बैठकर पढ़ते हैं. पढ़ाई के दौरान परेशानी होती है." -गुड़िया कुमारी, प्राथमिक विद्यालय भीमपुरा
"एक ही कमरे में सभी शिक्षक पढ़ाते हैं. हम सब लोग भी पढ़ते हैं. जगह नहीं होने के कारण कई लोग जमीन में बैठकर भी पढ़ते हैं." -रूबी कुमारी, प्राथमिक विद्यालय भीमपुरा
छात्रों को पहचान के पढ़ाते हैं: भीमपुरा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षिका संगीता कुमारी ने बताया कि वे अपने-अपने छात्रों को पहचानते हैं, बच्चे भी अपने विषय के टीचर की तरफ देखकर सुनते हैं. लेकिन इस तरह पढ़ाने से काफी दिक्कतें होती हैं. अगर किसी एक क्लास के बच्चे को पढ़ा रहे हैं तो दूसरे कच्चे के छात्र प्रभावित होते हैं और एक ही कमरे में एक ब्लैक बोर्ड पर तीन शिक्षक हैं पठन-पाठन करते हैं. इस वजह से कई लोगों को कई बातों को समझ में नहीं आता है, लेकिन किसी तरह से पठन-पाठन हो रहा है.
"भीमपुरा प्राथमिक विद्यालय की समस्या से अवगत हैं. शिक्षा विभाग को कई बार पत्र लिखा गया है. अब नए नए सिरे से एक स्कीम आया है. जहां पर बिल्डिंग का छत अगर ठीक है तो 5 लाख तक हम लोग काम कर सकते हैं. हमलोग विद्यालय पर ऊपर रूम बनाने का प्रपोजल भेजे हैं." -राजेंद्र ठाकुर, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मसौढ़ी
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