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दलित युवक की हत्या पर दुख जताने जा रहे भीम आर्मी अध्यक्ष मंजीत नौटियाल को पुलिस ने सहरानपुर में रोका - BHIM ARMY CHIEF

Saharanpur News: मंजीत नौटियाल ने कहा कि वे गौतमबुद्धनगर के साथ सम्भल भी जाएंगे. हमारे जूते की धूल भी सरकार से नहीं डरती.

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भीम आर्मी अध्यक्ष मंजीत नौटियाल को गौतमबुद्धनगर जाने से रोकती सहारनपुर पुलिस. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 29, 2024, 12:11 PM IST

सहारनपुर: दस दिन पहले जिला गौतमबुद्धनगर के भीकनपुर में हुई दलित युवक की हत्या पर अफसोस जाहिर करने जा रहे भीम आर्मी जय भीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह नौटियाल को पुलिस ने रोक दिया और वापस घर ले गई. इस दौरान मंजीत नौटियाल ने कहा कि वे गौतमबुद्धनगर के साथ सम्भल भी जाएंगे. हमारे जूते की धूल भी सरकार से नहीं डरती. हम दोनों जगह जाएंगे जरूर.

बता दें कि दस दिन पहले जिला गौतमबुद्धनगर के भीकनपुर गांव में दो पक्ष में हुए विवाद में एक दलित युवक की मौत हो गई थी. भीम आर्मी जय भीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह नौटियाल ने पीड़ित परिवार से मिलने की घोषणा की थी, जिसके बाद शुक्रवार की सुबह से ही पुलिस ने पूरे मोहल्ले को छावनी में तब्दील कर दिया. उनके आवास के चारों ओर पुलिस बल तैनात कर दिया.

भीम आर्मी अध्यक्ष मंजीत नौटियाल को गौतमबुद्धनगर जाने से रोकती सहारनपुर पुलिस. (Video Credit; ETV Bharat)

सुबह करीब 9 बजे मंजीत सिंह नौटियाल गौतमबुद्धनगर जाने के लिए घर से निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इस दौरान भीम आर्मी जय भीम संगठन के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. मंजीत नौटियाल ने केवल एक गाड़ी के जाने का आग्रह किया लेकिन, बेहट कोतवाली इंस्पेक्ट सत्येंद्र प्रकाश सिंह ने इनकार कर दिया, जिसके बाद मंजीत ने पैदल ही जाने का प्रयास किया. इस पर पुलिस बल ने उन्हें रोक कर वापस घर भेज दिया.

मीडिया से बात करते हुए मंजीत सिंह नौटियाल ने कहा कि गौतमबुद्धनगर के भीकनपुर में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के संरक्षण में दलित युवक की हत्या कर दी गई और महापंचायत कर जातिसूचक शब्द कहे गए. अब पुलिस उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने भी नहीं जाने दे रही. हमारे जूते की धूल भी सरकार से नहीं डरती.

संभल की घटना को लेकर उन्होंने कहा कि कई लोगों को मार दिया गया. जब पुलिस उन्हें टाइम दे सकती है तो हमें भी टाइम दे. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संविधान का मजाक बना रखा है. पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती कर रही है. सत्ताधारी पार्टी के संरक्षण में आरोपियों को बचाया जा रहा है. वे गौतमबुद्धनगर के साथ सम्भल भी जाएंगे. क्योंकि, ये उनका संवैधानिक अधिकार है.

ये भी पढ़ेंः आज जिला कोर्ट में नहीं पेश होगी संभल शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट, अगली तिथि 8 जनवरी

सहारनपुर: दस दिन पहले जिला गौतमबुद्धनगर के भीकनपुर में हुई दलित युवक की हत्या पर अफसोस जाहिर करने जा रहे भीम आर्मी जय भीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह नौटियाल को पुलिस ने रोक दिया और वापस घर ले गई. इस दौरान मंजीत नौटियाल ने कहा कि वे गौतमबुद्धनगर के साथ सम्भल भी जाएंगे. हमारे जूते की धूल भी सरकार से नहीं डरती. हम दोनों जगह जाएंगे जरूर.

बता दें कि दस दिन पहले जिला गौतमबुद्धनगर के भीकनपुर गांव में दो पक्ष में हुए विवाद में एक दलित युवक की मौत हो गई थी. भीम आर्मी जय भीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह नौटियाल ने पीड़ित परिवार से मिलने की घोषणा की थी, जिसके बाद शुक्रवार की सुबह से ही पुलिस ने पूरे मोहल्ले को छावनी में तब्दील कर दिया. उनके आवास के चारों ओर पुलिस बल तैनात कर दिया.

भीम आर्मी अध्यक्ष मंजीत नौटियाल को गौतमबुद्धनगर जाने से रोकती सहारनपुर पुलिस. (Video Credit; ETV Bharat)

सुबह करीब 9 बजे मंजीत सिंह नौटियाल गौतमबुद्धनगर जाने के लिए घर से निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इस दौरान भीम आर्मी जय भीम संगठन के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. मंजीत नौटियाल ने केवल एक गाड़ी के जाने का आग्रह किया लेकिन, बेहट कोतवाली इंस्पेक्ट सत्येंद्र प्रकाश सिंह ने इनकार कर दिया, जिसके बाद मंजीत ने पैदल ही जाने का प्रयास किया. इस पर पुलिस बल ने उन्हें रोक कर वापस घर भेज दिया.

मीडिया से बात करते हुए मंजीत सिंह नौटियाल ने कहा कि गौतमबुद्धनगर के भीकनपुर में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के संरक्षण में दलित युवक की हत्या कर दी गई और महापंचायत कर जातिसूचक शब्द कहे गए. अब पुलिस उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने भी नहीं जाने दे रही. हमारे जूते की धूल भी सरकार से नहीं डरती.

संभल की घटना को लेकर उन्होंने कहा कि कई लोगों को मार दिया गया. जब पुलिस उन्हें टाइम दे सकती है तो हमें भी टाइम दे. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संविधान का मजाक बना रखा है. पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती कर रही है. सत्ताधारी पार्टी के संरक्षण में आरोपियों को बचाया जा रहा है. वे गौतमबुद्धनगर के साथ सम्भल भी जाएंगे. क्योंकि, ये उनका संवैधानिक अधिकार है.

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