भिलाई: भिलाई स्टील प्लांट के प्लेट मिल में पहली बार गैस पाइपलाइन बदला जा रही है. भिलाई स्टील प्लांट प्लेट मिल के कैपिटल रिपेयर को देखने DIC-ED टीम पहुंची है. दरअसल, भिलाई इस्पात संयंत्र की ओर से भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और अन्य युद्धपोतों के लिए वांछित ग्रेड के प्लेटों की रोलिंग करने वाले प्लेट मिल की स्थापना वर्ष 1983 में की गई थी.
पिछले 42 दिनों से किया जा रहा रिपेयर: पिछले चार दशकों से देश के विभिन्न परियोजनाएं और ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए लगभग 34 मिलियन टन प्लेटों का उत्पादन ये मिल कर कर चुकी है. इस प्लेट मिल में चल रहे 42 दिवसीय कैपिटल रिपेयर का निरीक्षण करने संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता और कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार पहुंचे. इस्पात बाजार में ग्राहकों की नई जरूरतों को देखते हुए, प्लेट मिल के उन्नयन को लेकर रफिंग और फिनिशिंग स्टैंड के ज्योमेट्रीकल स्ट्रक्चर में सुधार के लिए 42 दिनों का शटडाउन लिया गया है.
10 जनवरी से शुरू हुआ काम: यह कैपिटल रिपेयर का काम 10 जनवरी 2024 से शुरु किया गया. शटडाउन के दौरान प्लेट मिल में मेंटनेंस संबन्धित पेंडिंग और महत्वपूर्ण कामों को किया जा रहा है. प्लेट मिल में अनिर्बान दासगुप्ता और कार्यपालक निदेशक अंजनी कुमार ने मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी असित साहा, मुख्य महाप्रबंधक आरके बिसारे, मुख्य महाप्रबंधक उन्मेष भारद्वाज एवं मुख्य महाप्रबंधक प्रणय कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के महाप्रबंधकों के साथ निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने आने वाले समय में दोनों स्टैंड की उपयोगिता को बरकरार रखने को लेकर आवश्यक कदम उठाए.
रिहिटिंग फर्नेस का पुनर्निर्माण: इस दौरान मुख्य महाप्रबंधक आरके बिसारे ने उन्हें समस्त अनुरक्षण कामों के बारे में विस्तार से बताया. फर्नेस की गैस पाइप लाइन बदली जा रही है. प्लेट मिल में पहली बार 25 मीटर की ऊंचाई पर स्थित 2000 मिमी व्यास के फर्नेस की गैस पाइप लाइन को बदला जा रहा है, जिसमें रोड की तरफ से पाइप लाइन बदलने का काम अंतिम चरण में है. रिहिटिंग फर्नेस का पुनर्निर्माण किया जा रहा है.