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बनारस भेलूपुर हत्याकांड: राजेंद्र की मां ने कहा- बेटा तो घर पर रहता ही नहीं था, दीपावली के बाद से आया ही नहीं

Varanasi Bhelupur Massacre : ईटीवी भारत से राजेंद्र गुप्ता की मां शारदा देवी की एक्सक्लूसिव बातचीत.

वाराणसी भेलूपुर हत्याकांड की एक्सक्लूसिव खबर.
वाराणसी भेलूपुर हत्याकांड की एक्सक्लूसिव खबर. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 5, 2024, 6:44 PM IST

Updated : Nov 5, 2024, 7:25 PM IST

वाराणसी : भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी इलाके में पत्नी, दो बेटों और बेटी की हत्या के बाद आरोपी राजेंन्द्र गुप्ता का शव मिलन के बाद वारदात की गुत्थी पेचीदा हो गई है. पुलिस हत्या के बाद आत्महत्या से जोड़कर देख रही है, लेकिन मामले में सबसे मुख्य गवाह राजेंद्र की मां शारदा देवी की जुबानी सुनकर पूरी वारदात पर संदेह की कई चादरें चढ़ गई हैं. फिलहाल शारदा देवी के बयान के बाद पुलिस तफ्तीश की दिशा में नया पेंच आ गया है. पुलिस अब हत्या के एंगल से जांच की बात कह रही है.

वाराणसी भेलूपुर हत्याकांड की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट. (Video Credit : ETV Bharat)

पुलिस की पहरेदारी में मौजूद शारदा देवी ने घटनाक्रम और बेटे राजेंद्र पर उठ रहे सवालों पर आश्चर्य जताया है. शारदा देवी का कहना है कि राजेंद्र दीपावली के बाद अपने नए निर्माणाधीन मकान में रहने के लिए चला गया था. भाई दूज वाले दिन वह आया था. टीका लगवाने के बाद उसने प्रसाद लिया और वह फिर वापस नहीं आया. ऐसे में वह हत्या करने के लिए कब और कैसे आया. यह हीं पता और कल या आज सुबह घर में भी देखा. शारदा देवी के अनुसार घर में सब कुछ अच्छा चल रहा था. पति पत्नी के बीच में कभी-कभी लड़ाई होती थी. जैसे सब जगह होती है. पैसे की कोई तंगी नहीं थी. कोई कमी नहीं थी तंत्र पूजा और ज्योतिष वाली बात भी बिल्कुल गलत है. हम लोग सिर्फ भगवान पर विश्वास रखते थे और भगवान को ही मानते थे. तंत्र साधना और यह सब चीज ना हम करते थे ना बेटा.

शारदा देवी के मुताबिक बेटा घर में कब आया उन्हें नहीं पता उन्हें तो यह भी जानकारी नहीं थी कि उनके पोते-पोती और बहू की लाश कमरे में पड़ी है. वह सेकंड फ्लोर में अपने एक कमरे में रहती हैं. तबीयत ठीक न होने और उम्र ज्यादा होने की वजह से कमरे से कम ही निकलती हूं. आज सुबह जब खाना बनाने वाली आई तो उसने बहू की लाश देखकर शोर मचाना शुरू किया. इसके बाद जानकारी हुई. बहू नीतू देवी रोज सुबह उन्हें दो रोटी दाल और सब्जी देने से पहले एक इंजेक्शन लगाती थी. बहू की भी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी. वह डॉक्टर को दिखाने के लिए कभी-कभी जाया करती थी. दो पोते में से एक बाहर रहता था और दीपावली पर घर आया था. छोटा पोता और पोती यहीं स्कूल में पढ़ते थे. शारदा देवी ने यह स्पष्ट किया कि उनका बेटा राजेंद्र दीपावली और भाई दूज के दो दिन घर आया था. वह यहां रहता भी नहीं था. कभी-कभी पैसों की जरूरत पड़ने पर आता था.

यह भी पढ़ें : वाराणसी में पति ने पत्नी, 2 बेटों और एक बेटी को गोली से उड़ाया, आरोपी की भी लाश मिली

यह भी पढ़ें : प्रधान के बेटे की हत्या कर कुएं में फेंका, किनारे पड़ी थी शराब की बोतल

वाराणसी : भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी इलाके में पत्नी, दो बेटों और बेटी की हत्या के बाद आरोपी राजेंन्द्र गुप्ता का शव मिलन के बाद वारदात की गुत्थी पेचीदा हो गई है. पुलिस हत्या के बाद आत्महत्या से जोड़कर देख रही है, लेकिन मामले में सबसे मुख्य गवाह राजेंद्र की मां शारदा देवी की जुबानी सुनकर पूरी वारदात पर संदेह की कई चादरें चढ़ गई हैं. फिलहाल शारदा देवी के बयान के बाद पुलिस तफ्तीश की दिशा में नया पेंच आ गया है. पुलिस अब हत्या के एंगल से जांच की बात कह रही है.

वाराणसी भेलूपुर हत्याकांड की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट. (Video Credit : ETV Bharat)

पुलिस की पहरेदारी में मौजूद शारदा देवी ने घटनाक्रम और बेटे राजेंद्र पर उठ रहे सवालों पर आश्चर्य जताया है. शारदा देवी का कहना है कि राजेंद्र दीपावली के बाद अपने नए निर्माणाधीन मकान में रहने के लिए चला गया था. भाई दूज वाले दिन वह आया था. टीका लगवाने के बाद उसने प्रसाद लिया और वह फिर वापस नहीं आया. ऐसे में वह हत्या करने के लिए कब और कैसे आया. यह हीं पता और कल या आज सुबह घर में भी देखा. शारदा देवी के अनुसार घर में सब कुछ अच्छा चल रहा था. पति पत्नी के बीच में कभी-कभी लड़ाई होती थी. जैसे सब जगह होती है. पैसे की कोई तंगी नहीं थी. कोई कमी नहीं थी तंत्र पूजा और ज्योतिष वाली बात भी बिल्कुल गलत है. हम लोग सिर्फ भगवान पर विश्वास रखते थे और भगवान को ही मानते थे. तंत्र साधना और यह सब चीज ना हम करते थे ना बेटा.

शारदा देवी के मुताबिक बेटा घर में कब आया उन्हें नहीं पता उन्हें तो यह भी जानकारी नहीं थी कि उनके पोते-पोती और बहू की लाश कमरे में पड़ी है. वह सेकंड फ्लोर में अपने एक कमरे में रहती हैं. तबीयत ठीक न होने और उम्र ज्यादा होने की वजह से कमरे से कम ही निकलती हूं. आज सुबह जब खाना बनाने वाली आई तो उसने बहू की लाश देखकर शोर मचाना शुरू किया. इसके बाद जानकारी हुई. बहू नीतू देवी रोज सुबह उन्हें दो रोटी दाल और सब्जी देने से पहले एक इंजेक्शन लगाती थी. बहू की भी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी. वह डॉक्टर को दिखाने के लिए कभी-कभी जाया करती थी. दो पोते में से एक बाहर रहता था और दीपावली पर घर आया था. छोटा पोता और पोती यहीं स्कूल में पढ़ते थे. शारदा देवी ने यह स्पष्ट किया कि उनका बेटा राजेंद्र दीपावली और भाई दूज के दो दिन घर आया था. वह यहां रहता भी नहीं था. कभी-कभी पैसों की जरूरत पड़ने पर आता था.

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Last Updated : Nov 5, 2024, 7:25 PM IST
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