राजसमंद: राजस्थान में मेवाड़ व मारवाड़ की सरहद पर स्थित अरावली पर्वत शृंखला के बीच राजस्थान का सबसे बड़ा झरना भील बेरी सावन की झमाझम बारिश के चलते चल पड़ा है. इसकी ऊंचाई 182 फीट है. पहाड़ों से छलकते झरने के अनूठे नजारे को देखने के लिए बड़ी तादाद में लोग जंगल में पहुंचते हैं. एक बार शुरू हाेने के बाद झरना करीब 2 माह तक अनवरत बहता रहता है. यह झरना सिरियारी थाना क्षेत्र के करमाल चौराहा से करीब 50 किमी दूर है. जबकि राजसमंद जिले में वन विभाग की अरावली टॉडगढ़-रावली सेंचुरी का हिस्सा है और झरने का कुछ हिस्सा पाली जिले के भगाेड़ा पंचायत के अंतर्गत आता है. इस स्थान को राजस्थान का दूध सागर भी कहते हैं.
राजसमंद के उप वन संरक्षक सुदर्शन शर्मा ने बताया कि मारवाड़ जंक्शन से राणावास होते हुए सड़क मार्ग से करमाल चौराहा तक आने के बाद कामली घाट रोड पर 5 किलोमीटर दूर यह झरना स्थित है, जहां वन विभाग की चौकी है. जबकि जंगल के रास्ते जाने के लिए गेट लगा रखा है. यहां जंगल से पहाड़ी के दुर्गम टेढ़े-मेढ़े रास्ते से पहुंचा जा सकता है.
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उत्तराखंड की वादियों का एहसास : अरावली पर्वतमाला में चौतरफा हरियाली से आच्छादित पहाड़, जंगली जीव-जंतुओं का कलरव भी बड़ा मनमोहक है. प्रकृति की वादियों में बसा यह स्थान चेन्नई एक्सप्रेस के दूध सागर जैसा लगता है. यहां आने पर पर्यटक उत्तराखंड का एहसास करते हैं. भील बेरी झरने को राजस्थान का मेघालय भी कहते हैं.
देशभर से आते हैं पर्यटक : अरावली की वादियों के बीच भील बेरी झरने को देखने व प्रकृति का आनंद लेने के लिए देशभर से पर्यटक आते हैं. यह झरना जितनी ऊंचाई से गिरता है, वो देखने पर ऐसा लगता है कि यह दूध सागर है. जैसे-जैसे बारिश बढ़ती है, वैसे-वैसे झरना का धार बढ़ता जाता है. झरने के आस-पास जाना जोखिमभरा है. झरने के साथ पत्थर भी लुढ़क कर आते हैं, जो जानलेवा हो सकते हैं.
सेंचुरी में प्रवेश पर लगता है शुल्क : उप वन संरक्षक सुदर्शन शर्मा ने बताया कि भील बेरी झरना रावली टॉडगढ़ अभयारण्य का एक हिस्सा है. सेंचुरी में आने वाले पर्यटकों के लिए प्रति व्यक्ति 145 रुपये शुल्क है. कोई व्यक्ति कार, जीप ले जाना चाहे तो उसका 300 रुपये अतिरिक्त शुल्क तय है.
दो दिन की तेज बारिश से चला झरना : दो दिन की तेज बारिश के बाद रावली टॉडगढ़ अभयारण्य में स्थित भील बेरी झरना चल पड़ा. यह राजस्थान का सबसे ऊंचा 182 फीट का झरना है, इसलिए प्रदेश क्या देशभर से लोग यहां आते हैं.