भरतपुर : हाईवे और सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा गौवंश जानलेवा साबित हो रहे हैं. आए दिन वाहन दुर्घटना और लोगों पर हमले की वजह से लोगों को जान से हाथ धोना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि बीते 5 साल में भरतपुर संभाग में बेसहारा गौवंश की वजह से दुर्घटना और हमलों में 13 लोगों की जान जा चुकी है. इतना ही नहीं आंकड़ों के अनुसार संभाग के छह जिलों की सड़कों और खेतों में 73 हजार से अधिक बेसहारा गौवंश घूम रहे हैं. वहीं, लाख प्रयास के बावजूद सड़कों पर घूमने वाले गौवंश को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं हो पाए हैं.
5 साल में 13 लोगों की मौत : संभाग में बेसहारा गौवंश बड़ी समस्या बन गया है. संभाग के छह जिलों की सड़कों और खेतों में 73,397 गौवंश घूम रहे हैं, जिनकी वजह से आए दिन हाईवे और सड़कों पर वाहन दुर्घटनाएं हो रही हैं. खेतों पर फसल की रखवाली के दौरान किसान बेसहारा गौवंश के हमले का शिकार हो रहे हैं. गृह विभाग के आंकड़ों की मानें, तो वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक संभाग में बेसहारा गौवंश के हमले व दुर्घटना में 13 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें से भरतपुर में 4 लोगों की, करौली में 5 और सवाई माधोपुर में 4 लोगों की मौत हो चुकी है.
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नगर निगम आयुक्त रिछपाल सिंह बुरडक ने बताया कि शहरी क्षेत्र में लोग गाय, भैंस पालते हैं, लेकिन दूध देना बंद करने पर गायों को खुला छोड़ देते हैं. यही गाय फिर सड़कों पर नजर आती हैं. नगर निगम लगातार बेसहारा गौवंश को पकड़कर अपनी गौशाला में पहुंचा देता है. गत माह शहर में से 150 बेसहारा गौवंश को पकड़कर नगर निगम की इकरान गौशाला में पहुंचाया गया. इस गौशाला का प्रबंधन अपना घर आश्रम द्वारा किया जा रहा है. इसके अलावा शहर के सुभाष नगर में एक ट्रांजिट प्वाइंट है, जहां बेसहारा गौवंश को पकड़कर रखा जाता है और बाद में गौशाला में पहुंचा दिया जाता है.
सरकार की ओर से कदम : नंदी गौशाला सहभागिता योजना के तहत जिलास्तर पर 50 लाख रुपए की लागत से नंदीशाला खोले जाने का प्रावधान है. इसके तहत भरतपुर, करौली और सवाई माधोपुर जिलों में नंदिशाला स्वीकृत की गई है. पंचायत समिति नंदीशाला जनसहभागिता योजना में 1.57 करोड़ की लागत से पंचायत समिति स्तर पर नंदीशाला खोले जाने का प्रावधान है. धौलपुर जिले की बाड़ी पंचायत समिति में नंदीशाला स्वीकृत की गई है. ग्राम पंचायत गौशाला, पशु आश्रयस्थल जनसहभागिता योजना के तहत 1-1 करोड़ की लागत से ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला खोलने का प्रावधान है. इसके तहत भरतपुर, करौली और सवाई माधोपुर की एक-एक ग्राम पंचायत में पशु आश्रय स्थल खोला जाएगा.