मुजफ्फरनगर : भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार को MSP पर बात करनी पड़ेगी. राकेश टिकैत ने कहा कि धरना प्रदर्शन हाईवे पर नहीं है और इसे रूट डायवर्ट करके किया जा रहा है. सरकार कर रवैया ठीक नहीं है. जब एमएसपी पर बातचीत हो जाएगी तो हम वापस चले जाएंगे. कहा कि अभी आगे बड़े आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है. मासिक पंचायत पर कहा कि कल बातचीत होगी. कमिटी फैसला लेगी और उसके बाद हम skm ( संयुक्त किसान मोर्चा) के कहने पर आगे का काम करेंगे. वहीं आंदोलन में ज्यादा किसानों की भीड़ नजर नहीं आई.
बागपत में बंद का मिलाजुला असर
बागपत : भारती किसान यूनियन टिकैत गुट ने शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया है. किसानों की मांगों को लेकर हरियाणा, पंजाब में चल रहे प्रोटेस्ट को भाकियू ने समर्थन दिया है. बंद का बागपत में मिलाजुला असर देखने को मिला, वहीं किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने हाइवे किनारे 2 घंटे बैठकर धरना-प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार से सभी मांगें पूरी किए जाने की मांग की है.
किसान यूनियन के कार्यकर्ता दर्जनों की संख्या में इकट्ठा हुए और बागपत के दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर राष्ट्रीय वंदना चौक के समीप 2 घंटे के लिए सांकेतिक धरने पर बैठ गए. इस दौरान किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष प्रताप गुर्जर ने कहा कि किसानों की सरकार अनदेखी कर रही है. किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रोटेस्ट कर रहे हैं. पंजाब और हरियाणा के किसानों को दिल्ली की सीमा में घुसने नहीं दिया जा रहा है. उन पर लगातार आंसू गैस के गले धागे जा रहे हैं, गोलियां चलाई जा रही हैं.
कहा कि भाकियू का पूरा समर्थन किसानों के साथ है. आज उन्होंने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को देखते हुए सिर्फ सांकेतिक धरने का ऐलान किया था. अब वह मुजफ्फरनगर में 17 फरवरी को होने वाली पंचायत में आगे की रणनीति बनाएंगे. किसान यूनियन टिकैत हमेशा किसानों की लड़ाई के लिए तैयार है. उन्होंने सरकार से किसानों की सभी मांगों को जल्द पूरा किए जाने की मांग की है. सुरक्षा व्यवस्था के मद्दे नजर बागपत के राष्ट्रीय वंदना चौक पर भारी पुलिस बल की तैनाती रही.
आगरा में जलसमाधि के ऐलान से पुलिस-प्रशासन के फूले हाथ पांव
दिल्ली के बाॅर्डर पर एमएसपी को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसानों का आंदोलन चल रहा है. जिसकी देश भर में चर्चा हो रही है. किसानों के भारत बंद का आगरा में असर नहीं दिखा. मगर अपनी मांगों को लेकर आगरा में किसानों ने अनोखा प्रदर्शन किया. शुक्रवार को आगरा की एत्मादपुर तहसील के गांव रहनकला के किसान एकजुट होकर यमुना किनारे पहुंच गए. किसानों ने अपनी मांगों को लेकर जलसमाधि का ऐलान कर दिया. किसानों की जलसमाधि की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए. इस पर किसान हाथों में अपनी मांग की तख्ती लेकर नारेबाजी करते हुए यमुना के गहरे पानी में उतर गए. किसानों ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से साफ कह दिया है कि जब तक उनकी अधिकृत भूमि का चार गुना मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक हमारा प्रदर्शन चलता रहेगा.
खबर मिलते ही एत्मादपुर एसीपी सुकन्या शर्मा के साथ ही ज्वाइंट मजिस्टेट मौके पर पहुंच गए. अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया. जिस पर किसानों ने कहा कि सन् 2009 में विकास कार्य कराने को लेकर तहसील एत्मादपुर के मौजा रायपुर, मौजा रहनकलां में किसानों की भूमि अधिकृत की गई थी. मगर किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया. जिसको लेकर लगातार किसान अपनी आवाज उठा रहे हैं. मगर, उन्हें चार गुना मुआवजा नहीं ददिया गया है. इसलिए, हम अपनी जमीन भी वापस लेना चाहते हैं.
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