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खुशखबरी: 'भलस्वा आवासीय कॉलोनी' में बदलेगा भलस्वा डेयरी, MCD में प्रस्ताव हुआ पास, जानें और क्या-क्या हुआ - Bhalswa Dairy Shifting Case - BHALSWA DAIRY SHIFTING CASE

Bhalswa Dairy converted Bhalswa Residential Colony: भलस्वा डेयरी में रहने वालों लोगों के लिए अच्छी खबर है. दिल्ली नगर निगम ने भलस्वा डेयरी को भलस्वा आवासीय कॉलोनी में बदलने का प्रस्ताव पास किया है.

'भलस्वा आवासीय कॉलोनी' में बदलेगा भलस्वा डेयरी
'भलस्वा आवासीय कॉलोनी' में बदलेगा भलस्वा डेयरी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 21, 2024, 10:09 PM IST

Updated : Aug 21, 2024, 10:30 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की बैठक में बुधवार को हंगामा के बीच एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किया गया. यह प्रस्ताव भलस्वा डेयरी को भलस्वा आवासीय कॉलोनी में बदलने का प्रस्ताव है. इस प्रस्ताव से भलस्वा डेयरी कॉलोनी में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. दिल्ली नगर निगम की बैठक में आम आदमी पार्टी की भलस्वा वार्ड से पार्षद टीमसी शर्मा ने भलस्वा डेयरी को आवासीय कॉलोनी में परिवर्तन करने के प्रस्ताव को प्रस्तुत किया. यह प्रस्ताव प्राइवेट मेंबर रेगुलेशन के रूप में लाया गया. इस पर दो पार्षदों अजीत सिंह यादव और जोगिंदर सिंह ने सहमति जताई और इसे पास कर दिया गया.

हालांकि, भाजपा पार्षदों ने भलस्वा डेयरी मामले में आम आदमी पार्टी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह का कहना है कि इस मामले को लेकर अगर आम आदमी पार्टी की मंशा सही होती तो वह निगम आयुक्त के जरिए सदन में प्रस्ताव को रखती. क्योंकि प्राइवेट मेंबर रेगुलेशन का निगम के अधिकारियों के अनुरूप कोई कानूनी स्वीकृति नहीं है.

लोगों ने दिल्ली नगर निगम के बाहर किया प्रदर्शन (Bhalswa Dairy)

MCD मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन: इससे पहले, भलस्वा डेयरी में एक्शन के खिलाफ लोगों ने आज निगम मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन में काफी तादाद में महिलाएं शामिल हुई. प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि वह लोग दशकों से भलस्वा डेयरी में रह रहे हैं, लेकिन अब उनके मकानों को तोड़ने का आदेश दिया गया है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि वह लोग अपने परिवार को लेकर कहां जाएं. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मांग किया कि उनके मकानों को तोड़ने की कार्रवाई को रोका जाए. या फिर मकान के बदले में मकान दिया जाए.

डेयरी का दूध पीने लायक नहीं: भलस्वा लैंडफिल साइड के पास स्थित डेयरी का दूध पीने लायक नहीं है. पॉल्यूशन की वजह से दिल्ली में रहने वाले लोगों और पशुओं के स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ रहा है. हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि भलस्वा डेयरी फार्म का इलाका अब नाम का ही डेयरी फार्म बचा है. यह इलाका पूरी तरीके से रिहाइसी हो गया है. ऐसे में अगर इसे डेयरी फार्म मानकर कार्रवाई की जाती है तो यह उचित नहीं है.

भलस्वा से डेयरियों को शिफ्ट करने का आदेशः बता दें, 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने भलस्वा से सभी डेयरियों को घोघा डेयरी कॉलोनी में चार हफ्ते के अंदर शिफ्ट करने का आदेश दिया था. इसी आदेश का अनुपालन करते हुए दिल्ली नगर निगम की टीम पुलिस बलों के साथ भलस्वा डेयरी डेमोलिशन करने पहुंची थी. याचिका सुनयना सिब्बल, अशर जेसुदौस और अक्षिता कुकरेजा ने दायर की है. याचिका में कहा गया कि लैंडफिल साइट के पास बनी डेयरियां कानून का खुला उल्लंघन कर रही हैं. इन डेयरियों में पशुओं के साथ क्रूरता बरती जाती है

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की बैठक में बुधवार को हंगामा के बीच एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किया गया. यह प्रस्ताव भलस्वा डेयरी को भलस्वा आवासीय कॉलोनी में बदलने का प्रस्ताव है. इस प्रस्ताव से भलस्वा डेयरी कॉलोनी में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. दिल्ली नगर निगम की बैठक में आम आदमी पार्टी की भलस्वा वार्ड से पार्षद टीमसी शर्मा ने भलस्वा डेयरी को आवासीय कॉलोनी में परिवर्तन करने के प्रस्ताव को प्रस्तुत किया. यह प्रस्ताव प्राइवेट मेंबर रेगुलेशन के रूप में लाया गया. इस पर दो पार्षदों अजीत सिंह यादव और जोगिंदर सिंह ने सहमति जताई और इसे पास कर दिया गया.

हालांकि, भाजपा पार्षदों ने भलस्वा डेयरी मामले में आम आदमी पार्टी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह का कहना है कि इस मामले को लेकर अगर आम आदमी पार्टी की मंशा सही होती तो वह निगम आयुक्त के जरिए सदन में प्रस्ताव को रखती. क्योंकि प्राइवेट मेंबर रेगुलेशन का निगम के अधिकारियों के अनुरूप कोई कानूनी स्वीकृति नहीं है.

लोगों ने दिल्ली नगर निगम के बाहर किया प्रदर्शन (Bhalswa Dairy)

MCD मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन: इससे पहले, भलस्वा डेयरी में एक्शन के खिलाफ लोगों ने आज निगम मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन में काफी तादाद में महिलाएं शामिल हुई. प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि वह लोग दशकों से भलस्वा डेयरी में रह रहे हैं, लेकिन अब उनके मकानों को तोड़ने का आदेश दिया गया है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि वह लोग अपने परिवार को लेकर कहां जाएं. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मांग किया कि उनके मकानों को तोड़ने की कार्रवाई को रोका जाए. या फिर मकान के बदले में मकान दिया जाए.

डेयरी का दूध पीने लायक नहीं: भलस्वा लैंडफिल साइड के पास स्थित डेयरी का दूध पीने लायक नहीं है. पॉल्यूशन की वजह से दिल्ली में रहने वाले लोगों और पशुओं के स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ रहा है. हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि भलस्वा डेयरी फार्म का इलाका अब नाम का ही डेयरी फार्म बचा है. यह इलाका पूरी तरीके से रिहाइसी हो गया है. ऐसे में अगर इसे डेयरी फार्म मानकर कार्रवाई की जाती है तो यह उचित नहीं है.

भलस्वा से डेयरियों को शिफ्ट करने का आदेशः बता दें, 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने भलस्वा से सभी डेयरियों को घोघा डेयरी कॉलोनी में चार हफ्ते के अंदर शिफ्ट करने का आदेश दिया था. इसी आदेश का अनुपालन करते हुए दिल्ली नगर निगम की टीम पुलिस बलों के साथ भलस्वा डेयरी डेमोलिशन करने पहुंची थी. याचिका सुनयना सिब्बल, अशर जेसुदौस और अक्षिता कुकरेजा ने दायर की है. याचिका में कहा गया कि लैंडफिल साइट के पास बनी डेयरियां कानून का खुला उल्लंघन कर रही हैं. इन डेयरियों में पशुओं के साथ क्रूरता बरती जाती है

Last Updated : Aug 21, 2024, 10:30 PM IST
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