बैतूल: बैतूल के जिला अस्पताल में डॉक्टरों का नया कारनामा सामने आया है. तीन महीने पहले यहां एक महिला का प्रसव सिजेरियन से कराया गया था. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने पूरा टॉवल महिला की आंत में छोड़ दिया. पिछले तीन महीने से महिला असहनीय दर्द से तड़पती रही और आखिरकार एक निजी अस्पताल में जांच कराई. निजी अस्पताल के सर्जन ने ऑपरेशन करके महिला की आंत से टॉवल बाहर निकाला है. महिला की आंतों को भी नुकसान हुआ है. मामला उजागर होने के बाद अब कलेक्टर ने जांच और सख्त एक्शन के आदेश दिए हैं.
तीन महीने से असहनीय दर्द से गुजर रही थी महिला
बैतूल के निजी अस्पताल में भर्ती आमला निवासी गायत्री राउत की हालत अब स्थित है. लेकिन पिछले तीन महीनों से उसने असहनीय दर्द सहन किया. गायत्री की इस हालत के जिम्मेदार हैं जिला अस्पताल के सर्जन. जिन्होंने तीन महीने पहले यानी जून में गायत्री का प्रसव जिला अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन से कराया था. डॉक्टर ऑपरेशन के बाद टॉवल का टुकड़ा गायत्री की आंतों से निकालना भूल गए थे. जिससे इंफेक्शन और दर्द से गायत्री लगभग मौत की कगार तक पहुंच चुकी थी.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने की जांच की बात
गायत्री का पति और पिता मजदूरी करके गुजर बसर करते हैं. बेटी को बचाने के लिए गायत्री के पिता ने कर्ज लेकर निजी अस्पताल में उसका ऑपरेशन करवाया. ऑपरेशन के बाद जो खुलासा हुआ उससे गायत्री के परिजन सदमे में हैं और दोषियों पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं. गायत्री की आँत से कपड़ा निकलने की खबर जिला प्रशासन तक पहुंच चुकी है. कलेक्टर ने इस गम्भीर लापरवाही के लिए स्वास्थ्य अमले को जमकर लताड़ लगाई है और जांच के आदेश दिए हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रविकांत उइके का कहना है कि, ''जिला अस्पताल में प्रसव के दौरान महिला के पेट में कपड़ा छोड़ने की बात उनके संज्ञान में आई है. इस मामले में जांच करेंगे और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.''