शहडोल। वैसे तो मोटा अनाज कोई भी हो सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. पहले के समय में मोटे अनाज की खेती होती थी और ग्रामीण अंचलों में इसका सेवन भी होता था तो उसका असर भी उनके स्वास्थ्य पर देखने को मिलता था. फिर बदलते वक्त के साथ लोगों की चॉइस बदली, लोगों का टेस्ट बदला और लोगों को आसानी से खाने के कई और सारे ऑप्शन मिले तो मोटा अनाज थाली से गायब होता गया, लेकिन आज हम जिस मोटे अनाज के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, वो इतना गुणकारी है कि वह कैंसर के खतरे को कम तो करता ही है, साथ ही बीपी शुगर हर तरह के मरीज के लिए भी लाभकारी होता है. इसके अलावा इसमें कई सारे ऐसे मिनरल्स पाए जाते हैं, जिसके बारे में जानने के बाद आप भी इसकी खेती करना शुरू कर देंगे, क्योंकि इस मोटे अनाज की खेती भी बहुत आसान है और खर्चा भी बिल्कुल न के बराबर है.
कोदो का कमाल
खाद्य वैज्ञानिक अल्पना शर्मा बताती हैं कि ''मोटा अनाज कोदो की अगर हम बात करें तो कोदो में ये समझ लीजिए कि वह हम सभी के लिए इतना फायदेमंद है कि किसी भी आयु वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद है. कोदो में इतनी क्वालिटी होती है कि वो सेहत को बहुत लाभ पहुंचाती है. इसमें उच्च क्वालिटी के फाइबर्स रेशे पाए जाते हैं जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक होते हैं. हमारे शरीर को स्वस्थ रूप से काम करने के लिए यह हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, जो कि सबसे अच्छी क्वालिटी होती है. इसमें मिनरल्स बहुत ज्यादा पाए जाते हैं. मिनरल्स हमारे हड्डियों को हमारे शरीर में हर तरह की चीजों को बहुत मजबूती प्रदान करता है. साथ ही इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन भी पाया जाता है. आजकल एनीमिया ज्यादातर लोगों में देखा जा रहा है, खून की कमी देखी जा रही है, उसमें भी कोदो के सेवन से लाभ होगा. साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट के भी गुण पाए जाते हैं. ये क्या करता है कि जो फ्री रेडिकल्स हमारे शरीर में बनते हैं, जो खराब तत्व बनते हैं, टॉक्सिंस बनते हैं उनको यह शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है.''
शुगर, बीपी के मरीजों के लिए लाभकारी
डॉ. अल्पना शर्मा बताती हैं कि ''अगर आज के दौर की बात करें तो बहुत से लोगों को किसी भी आयु वर्ग के लोगों में शुगर की समस्या हो जा रही है. कोदो में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है. जब आप इसका सेवन करेंगे तो आपको खुद पता चलेगा कि ये धीरे-धीरे पचता है और हमें बहुत समय तक ऊर्जा प्रदान करता है. ये डायबिटीज पेशेंट खासकर टाइप टू डायबिटीज पेशेंट जो हैं उनके लिए बहुत ही लाभकारी है.''
कैंसर के खतरे को करता है कम
डॉ. शर्मा ने आगे बताया कि ''कोदो में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो इसे एंटी केंसीरियस बनाते हैं. मतलब कैंसर की रोकथाम में भी मदद करता है. जिनको हाई बीपी है उनके लिए भी ये बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बिल्कुल नहीं है केवल नाम मात्र की है. आजकल हर तबके के लोगों को ब्लड प्रेशर हो रहा है. उनके लिए भी ये फायदेमंद है. जो कैंसर से जूझ रहे हैं, उनके लिए भी कोदो फायदेमंद है.''
शरीर को लंबे समय तक देता है ऊर्जा
डॉ. अल्पना शर्मा बताती हैं कि ''जो हमारे ग्रामीण अंचल के लोग हैं वो कठोर परिश्रम करते हैं. ऐसे लोग अगर कोदो का सेवन करें तो लाभकारी होगा. वजह है कि ये धीरे-धीरे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है तो वहां के लोग अगर इसका एक बार सेवन कर लेते हैं तो बहुत लंबे समय तक उनको भूख नहीं लगती है. इसलिए वह जो भी कार्य में लगे हैं तो उसको अच्छे से कर पाते हैं. उन्हें ज्यादा लंबे समय तक ऊर्जा मिलती रहती है, ऐसे लोगों के लिए भी ये फायदेमंद है.''
खेती आसान, लागत न के बराबर
कोदो की खेती खरीफ के सीजन में ही होती है और इसमें सबसे अच्छी बात ये होती है कि इसकी खेती बहुत आसान होती है, जो जमीन अक्सर किसी कारण से किसान छोड़ देता है, क्योंकि उसमें उत्पादन नहीं होता. मिट्टी हल्की होती है और मैदानी इलाका होता है. ऐसी जगह पर भी कोदो बड़ी आसानी से उपज दे देता है और इसमें लागत भी बिल्कुल ना के बराबर लगती है. ना इसमें खाद डालना पड़ता है ना ही इसमें किसी प्रकार से कार्य करना पड़ता है. बस एक बार आप बीज डाल दीजिए और कोदो की फसल ले लीजिए.