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भक्तों का विश्वास: 3 दिन भगवान जगन्नाथ करते हैं मनोकामना पूरी, वॉट्सएप के जरिए भी बांधा जाता है मन्नत का नारियल - jagannath mandir alwar

अलवर के पुराना कटला सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान के 72 घंटे के गर्भ गृह में विश्राम के समय भक्त मनोकामना पूरी होने के लिए नारियल बांधते हैं. विदेश में मौजूद भक्त व्हाट्सएप के जरिए मनोकामना का नारियल बंधवाते हैं.

jagannath mandir alwar
अलवर का भगवान जगन्नाथ मंदिर (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 12, 2024, 7:17 PM IST

मन्नत पूरी करने के लिए श्रद्धालु बांधते हैं नारियल (ETV Bharat Alwar)

अलवर. शहर के पुराना कटला सुभाष चौक स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के प्रांगण में तीन दिनों तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है. यहां आने वाले श्रद्धालु मन्नत का नारियल बांधते हैं और मनोकामना पूर्ण होने की कामना करते हैं. लोगों का मानना है कि जब भगवान 72 घंटे गर्भ गृह में विश्राम करते हैं, तब आराम के दौरान श्रद्धालु की मनोकामना सुनते हैं और उन्हें जल्द से जल्द पूर्ण करते हैं. विदेश में बैठे भक्त भी व्हाट्सएप के जरिए मंदिर के महंत से मन्नत के नारियल बंधवाते हैं.

मंदिर के महंत पुष्पेंद्र शर्मा ने कहा कि भगवान जब गर्भ गृह में 72 घंटे के लिए जाते हैं, तब राजस्थान ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों से भी श्रद्धालु मंदिर में आकर भगवान के आगे अपनी मनोकामनाएं रखते हैं और मन्नत का नारियल बांधते हैं. उन्होंने बताया कि तीन दिन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंचकर नारियल बांधते हैं. जिन श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है, वे मंदिर परिसर में बांधा हुआ मन्नत का नारियल खोलते हैं.

पढ़ें: योगिनी एकादशी: ठाकुर जी को लगाया गया 1100 किलो आमों का भोग, मनोकामना मांगने पहुंचे श्रद्धालु - Govind Dev Ji Temple

डायरी में लिखते हैं भगवान जगन्नाथ के नाम मनोकमना: महंत पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के आगे रखी डायरी में अपनी मनोकामना लिखते हैं. इनमें अमूमन शादी, संतान, नौकरी, विदेश यात्रा, व्यापार, घर में खुशहाली से संबंधित व अन्य तरह की मनोकामना होती है. महंत ने बताया कि श्रद्धालुओं का मानना है कि इन तीन दिनों में भगवान आराम के दौरान श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण करते हैं. जिसके चलते भक्तों की भारी भीड़ मंदिर परिसर में रहती है.

पढ़ें: मंदिर की दीवार पर लिखकर मांगते हैं मन्नत, कोई खुश रहना, सिलेक्शन व डिप्रेशन से निकलने की लगाता है गुहार

महंत से व्हाट्सएप पर करते हैं बात व बंधवाते हैं नारियल: महंत पुष्पेंद शर्मा ने बताया कि भगवान जगन्नाथ कि आस्था लोगों में इतनी है कि भक्त सुबह 5 बजे से मंदिर परिसर में मन्नत का नारियल बांधने के लिए पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि जो भक्त भारत से बाहर हैं और मंदिर के प्रति आस्था रखते हैं, वे व्हाट्सएप पर बात कर पूजा करते है व नारियल बंधवाते हैं.

पढ़ें: सामोद की पहाड़ियों पर स्थित हनुमान मंदिर, जहां भगवान शिला में स्वयं ही प्रकट हुए हैं

महंत पुष्पेंद्र शर्मा ने कहा कि इन 72 घंटे के समय में भगवान की अंग सेवा की जाती है. उस समय मंदिर परिसर में जाकर भगवान को नारियल बांधते हैं. मंदिर के महंत ने कहा कि भक्तों का विश्वास है कि भगवान अभी आराम कर रहे हैं, तो वह भक्तों को दर्शन तो नहीं देंगे, लेकिन भक्तों की मनोकामना को अवश्य पूर्ण करेंगे. इसी के चलते भक्तों की संख्या इन दिनों में ज्यादा रहती है. इसीलिए मंदिर में ज्यादा से ज्यादा नारियल बांधे जाते हैं.

मन्नत पूर्ण होने पर खोलते हैं नारियल: पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर में हर साल श्रद्धालु मनोकामना पूर्ण होने के बाद नारियल खोलने के लिए भी आते हैं. जो श्रद्धालु मंदिर में नहीं पहुंच पाते, इनके लिए मेले से पहले 11 पंडितों द्वारा मंत्रोचार के साथ सभी नारियलों को खोला जाता है. ऐसा माना जाता है कि भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो गई है. इसके बाद सभी नारियलों को खोला जाता है. इसके बाद आने वाले श्रद्धालु नए नारियल बांधते हैं.

मन्नत पूरी करने के लिए श्रद्धालु बांधते हैं नारियल (ETV Bharat Alwar)

अलवर. शहर के पुराना कटला सुभाष चौक स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के प्रांगण में तीन दिनों तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है. यहां आने वाले श्रद्धालु मन्नत का नारियल बांधते हैं और मनोकामना पूर्ण होने की कामना करते हैं. लोगों का मानना है कि जब भगवान 72 घंटे गर्भ गृह में विश्राम करते हैं, तब आराम के दौरान श्रद्धालु की मनोकामना सुनते हैं और उन्हें जल्द से जल्द पूर्ण करते हैं. विदेश में बैठे भक्त भी व्हाट्सएप के जरिए मंदिर के महंत से मन्नत के नारियल बंधवाते हैं.

मंदिर के महंत पुष्पेंद्र शर्मा ने कहा कि भगवान जब गर्भ गृह में 72 घंटे के लिए जाते हैं, तब राजस्थान ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों से भी श्रद्धालु मंदिर में आकर भगवान के आगे अपनी मनोकामनाएं रखते हैं और मन्नत का नारियल बांधते हैं. उन्होंने बताया कि तीन दिन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंचकर नारियल बांधते हैं. जिन श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है, वे मंदिर परिसर में बांधा हुआ मन्नत का नारियल खोलते हैं.

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डायरी में लिखते हैं भगवान जगन्नाथ के नाम मनोकमना: महंत पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के आगे रखी डायरी में अपनी मनोकामना लिखते हैं. इनमें अमूमन शादी, संतान, नौकरी, विदेश यात्रा, व्यापार, घर में खुशहाली से संबंधित व अन्य तरह की मनोकामना होती है. महंत ने बताया कि श्रद्धालुओं का मानना है कि इन तीन दिनों में भगवान आराम के दौरान श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण करते हैं. जिसके चलते भक्तों की भारी भीड़ मंदिर परिसर में रहती है.

पढ़ें: मंदिर की दीवार पर लिखकर मांगते हैं मन्नत, कोई खुश रहना, सिलेक्शन व डिप्रेशन से निकलने की लगाता है गुहार

महंत से व्हाट्सएप पर करते हैं बात व बंधवाते हैं नारियल: महंत पुष्पेंद शर्मा ने बताया कि भगवान जगन्नाथ कि आस्था लोगों में इतनी है कि भक्त सुबह 5 बजे से मंदिर परिसर में मन्नत का नारियल बांधने के लिए पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि जो भक्त भारत से बाहर हैं और मंदिर के प्रति आस्था रखते हैं, वे व्हाट्सएप पर बात कर पूजा करते है व नारियल बंधवाते हैं.

पढ़ें: सामोद की पहाड़ियों पर स्थित हनुमान मंदिर, जहां भगवान शिला में स्वयं ही प्रकट हुए हैं

महंत पुष्पेंद्र शर्मा ने कहा कि इन 72 घंटे के समय में भगवान की अंग सेवा की जाती है. उस समय मंदिर परिसर में जाकर भगवान को नारियल बांधते हैं. मंदिर के महंत ने कहा कि भक्तों का विश्वास है कि भगवान अभी आराम कर रहे हैं, तो वह भक्तों को दर्शन तो नहीं देंगे, लेकिन भक्तों की मनोकामना को अवश्य पूर्ण करेंगे. इसी के चलते भक्तों की संख्या इन दिनों में ज्यादा रहती है. इसीलिए मंदिर में ज्यादा से ज्यादा नारियल बांधे जाते हैं.

मन्नत पूर्ण होने पर खोलते हैं नारियल: पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि मंदिर परिसर में हर साल श्रद्धालु मनोकामना पूर्ण होने के बाद नारियल खोलने के लिए भी आते हैं. जो श्रद्धालु मंदिर में नहीं पहुंच पाते, इनके लिए मेले से पहले 11 पंडितों द्वारा मंत्रोचार के साथ सभी नारियलों को खोला जाता है. ऐसा माना जाता है कि भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो गई है. इसके बाद सभी नारियलों को खोला जाता है. इसके बाद आने वाले श्रद्धालु नए नारियल बांधते हैं.

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