बहरोड. कस्बे में पुलिस की ओर से एक दलित युवक को जबरन उठाकर और थाने में ले जाकर पिटाई करने का मामला सामने आया है. यही नहीं, युवक का आरोप है कि पानी मांगने पर पुलिस ने उसे यूरिन सौंप दी. पीड़ित युवक ने एसपी से शिकायत की जिस पर एसपी ने संज्ञान लेकर दोनों संबंधित कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है.
पीड़ित युवक अंकित मावर ने एसपी को दी गई अपनी शिकायत में बताया कि वो 4 अप्रैल को पावर हाउस जा रहा था. रास्ते में डीएसटी ( जिला स्पेशल टीम) के सदस्य संजय धनकड़ और कपिल शर्मा खड़े थे. उन्होंने उसे अपने पास बुलाकर गाड़ी में बैठने को कहा. कारण पूछने पर उन्होंने थाने में ही कारण बताने की बात कही. थाने पर उन्होंने मेरे कपड़े उतरवा दिए और इसके बाद मेरी मारपीट की गई. पीड़ित ने बताया कि पिटाई से उसकी तबियत खराब हो गई थी, तो इस पर उसने पानी मांगा तो कपिल ने पास रखे यूरिन को उसे यह कहकर सौंपा कि पानी की जगह इसे पिलो. हालांकि धमकी के बाद भी उसने यूरिन नहीं पिया, लेकिन उन्होंने थाने में उसे धारा 151 के तहत बंद कर छोड़ दिया. घर आकर उसने परिजनों को घटना का वृतांत सुनाया.
इसे भी पढ़ें : जेल में पिटाई से हुई कैदी की मौत, 3 कर्मचारियों के खिलाफ चलेगा केस , सीआईडी करेगी जांच - murder case against jail staff
शनिवार को पीड़ित युवक ने कोटपूतली पुलिस अधीक्षक के सामने पेश होकर पूरी पीड़ा बताई. कोटपूतली एसपी वंदिता राणा ने मामले में संज्ञान लेते हुए संजय धनकड़ और कपिल शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया. साथ ही इसकी जांच नीमराना एएसपी शालिनी राज को सौंप दी है. दलित युवक अंकित की ओर से एससी आयोग में भी आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है.
पहले भी विवादों में रही डीएसटी टीम : सस्पेंड सिपाही संजय और कपिल पिछले कई सालों से बहरोड (नीमराना) थाने में ही नियुक्त थे, जो स्पेशल टीम के सदस्य भी थे. इस बीच वो आए दिन विवादों में रहे हैं. चाहे प्रॉपर्टी में हिस्सा हो या बदमाशों से मिलीभगत लेकिन अधिकारियों के साथ तालमेल के कारण उन पर कोई सख्त कार्रवाई अब तक नहीं देखी गई थी.